अंजलि के दावे से चौतरफा घिरी बीजेपी

महाराष्ट्र के सिंचाई घोटाले को सामने लाने वाली आरटीआई ऐक्टिविस्ट अंजलि दमानिया ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के सिंचाई घोटाले को दबाया था। इंडिया अंगेस्ट करप्शन की सदस्य अंजलि के मुताबिक गडकरी ने शरद पवार से पारिवारिक और कारोबारी रिश्ते होने का हवाला देकर हवाला देकर मामले को उठाने से मना कर दिया था।

उधर, अंजलि के आरोपों से बीजेपी बौखला गई है। फरीदाबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावेड़कर ने मीडिया से बातचीत में इस पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने इसे कांग्रेस की साजिश करार दिया। जावेड़कर ने कहा कि कांग्रेस ने सिंचाई घोटाले से ध्यान बंटाने के लिए यह साजिश रची है।

अंजलि के मुताबिक गडकरी से उनकी मुलाकात 14 अगस्त को दस बजे वर्ली स्थित गडकरी के घर पर हुई थी। इस सिलसिले में अब तक उनकी तीन मुलाकातें हुईं, जिनमें दिल्ली में हुई एक मुलाकात भी शामिल है। उन्होंने दावा किया घोटाले को दबाने के लिए गडकरी पर भय्यू जी महाराज ने भी दबाव बनाया था।

भय्यू जी महाराज अन्ना के आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। अगस्त 2011 में जब अन्ना रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे, तो भय्यू जी महाराज को बाकायदा महाराष्ट्र से दिल्ली लाया गया था। अंजलि के मुताबिक, आध्यात्मिक गुरु भय्यू जी महाराज 13 अगस्त को गडकरी से मिले थे। अंजलि का आरोप है कि इस मुलाकात में भय्यू जी ने गडकरी से इस मामले को ज्यादा तूल ना देने और किरीट सोमैया पर पीआईएल न दाखिल करने के लिए दबाब बनाने को कहा था।

हालांकि, गडकरी ने अंजलि नाम की किसी महिला को जानने या इस तरह की कोई मुलाकात होने से इनकार किया है। बीजेपी ने पवार और गडकरी के बीच अंजलि के कारोबारी रिश्ते होने के दावे का भी खंडन किया है। सोमैया और भैय्यू जी महाराज ने भी अंजलि के दावों को सिरे से नकार दिया है।

भय्यू जी के मुताबिक, 13 अगस्त के दिन वह पुणे में अपने परिवार के साथ थे और रात में उज्जैन में थे। इसका सबूत भी वह अपने पास होने का दावा कर रहे हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि अगर यह बात साबित हो जाती है कि वह 13 अगस्त को गडकरी से मिले थे तो वह सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे। सोमैया ने अपने ऊपर किसी तरह के दबाव की बात को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि घोटालों का खुलासा नहीं करने को लेकर उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो क्या वह घोटालों को लेकर अपनी मुहिम जारी रख पाते?

हालांकि, चौंकाने वाली बात यह है कि इससे पहले बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंजलि सीधे-सीधे गडकरी का नाम लेने से बचती रही थीं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि वह सिंचाई घोटाले की जानकारी को लेकर विपक्षी पार्टी के पास गई थीं, ताकि इस मामले को उठाया जाए। लेकिन उस पार्टी के अध्यक्ष ने यह कहकर मामले को उठाने से इनकार कर दिया था कि मेरे उनसे कारोबारी रिश्ते हैं। जब अंजलि से उस पार्टी अध्यक्ष के नाम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने यह कहते हुए नाम बताने से इनकार कर दिया था कि उनके पास बातचीत का कोई सबूत नहीं है।

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