नई दिल्ली । एक बार फिर करप्शन के खिलाफ मुहिम चलाने का दावा करने वाले आमने-सामने नजर आ रहे हैं। करप्शन के खिलाफ मुहिम में अरविंद केजरीवाल का साथ देने वाले पूर्व आईपीएस ऑफिसर और सीनियर ऐडवोकेट वाई पी सिंह ने केजरीवाल पर केंद्रीय मंत्री शरद पवार को बचाने का आरोप लगाते हुए कई गंभीर सवाल खड़े किए। दूसरी तरफ इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने इस आरोप को गलत बताते हुए इस बात के सबूत पेश किए हैं कि उसकी तरफ से पवार के इन कथित घोटाले का खुलासा पहले ही किया जा चुका है। गुरुवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाईपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हुए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे अजित पवार ने बिना सार्वजनिक नीलामी के लवासा की 348 एकड़ जमीन लेक सिटी कॉरपोरेशन को 23 हजार रुपये प्रति वर्गफुट किराए पर 30 साल के लिए लीज पर दे दी। इस कंपनी में शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले और उनके पति सदानंद सुले के शेयर थे। उन्होंने सुप्रिया सुले पर संपत्ति का गलत विवरण देने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल को सिंचाई घोटाले से जुड़े बड़े घोटाले की खबर थी। शरद पवार के इसमें शामिल होने के सबूत भी उनके पास थे। इसके बावजूद उन्होंने इस मामले को छिपा लिया और इसके बदले बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी का मामला उठाया जो इसके सामने बहुत छोटा मामला है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे केजरीवाल ने अपने राजनीतिक समीकरणों को करप्शन के खिलाफ लड़ाई से ज्यादा अहमियत दी। वाईपी सिंह ने कहा, ‘मेधा पाटकर के नेतृत्व में एक समिति बनी थी, जिसके सामने महाराष्ट्र के कई मामले थे। उस समिति में मैं और अरविंद दोनों सदस्य थे। इस समिति के सामने भी शरद पवार का भ्रष्टाचार का मामला था। मुझे उम्मीद थी कि अरविंद केजरीवाल बुधवार को यही खुलासा करेंगे, लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर बहुत हल्का मामला उठाया।’ उन्होंने कहा कि वह इस मामले को आगे बढ़ाएंगे ताकि इसमें प्राथमिकी दर्ज हो और कानूनी जांच की प्रक्रिया आगे बढ़े।
एनसीपी ने दी सफाई
एनसीपी चीफ और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि लवासा का मामला कोर्ट में है इसलिए ज्यादा बोलना ठीक नहीं। हिल स्टेशन पॉलिसी के मुताबिक लवासा प्रॉजेक्ट बन रहा है। जमीन देने का अधिकार राज्य सरकार को है। चूंकि प्रॉजेक्ट मेरे गृह जिले में है इसलिए मैं सीएम के साथ बैठक में शामिल था। इसमें कुछ गलत नहीं है। मैंने कुछ गलत नहीं किया। वहीं, एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने वाईपी सिंह के आरोपों पर सफाई दी और कहा सुप्रिया सुले ने कोई जानकारी नहीं छुपाई। सुप्रिया सुले और उनके पति ने कानून के दायरे में रह कर ही शेयर बेचा। केवल सनसनी फैलाने के लिए आरोप लगाए गए हैं। आजकल हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप लगाने का फैशन हो गया है। वाईपी सिंह अच्छे वकील हैं उन्हें कोर्ट में वकालत करना चाहिए।
पवार को बचाने का आरोप गलतः इंडिया अगेस्ट करप्शन
इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने गुरुवार शाम को जारी प्रेस बयान में पवार पर लगाए गए वाई पी सिंह के आरोपों का तो समर्थन किया लेकिन कहा कि केजरीवाल के खिलाफ पवार को बचाने संबंधी उनका आरोप निराधार है। आईएसी के मुताबिक पवार के जिस कथित घोटाले का जिक्र वाई पी सिंह ने किया है, उनके दस्तावेज आईएसी को मई में ही मिल गए ते। आईएसी नेताओं ने मीडिया को तो उस बारे में बताया ही थी, आईएसी की वेबसाइट पर भी वे दस्तावेज डाल दिए गए थे ताकि सब उसे देख सकें।