विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के खिलाफ आईएसी प्रमुख अरविंद केजरीवाल गुरुवार को उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में हल्ला बोलने जा रहे हैं। इसके लिए अरविंद ने विकलांगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में यहां पहुंचने का आह्वान किया है। वहीं सलमान खुर्शीद और उनके समर्थकों ने भी इस रैली को लेकर अपनी कमर कस ली है। उधर प्रशासन भी किसी अनहोनी की आशंका के बीच पूरी तरह मुस्तैद है। पुलिस ने सुरक्षा के यहां पुख्ता इंतजाम किए हैं। रिलायंस इंडस्ट्री के मुकेश अंबानी पर आरोप लगाने के बाद अब एक बार फिर केजरीवाल के निशाने पर खुर्शीद हैं। सवालों और जवाबों की जंग के बीच आज की यह रैली बेहद अहम मानी जा रही है।
यह पहला मौका है जब अरविंद और उनके साथ किसी सांसद के खिलाफ उनके ही संसदीय क्षेत्र में रैली कर रहे हैं। अरविंद ने खुर्शीद के ट्रस्ट पर विकलांगों को दिए जाने वाली सुविधाओं के नाम पर सरकारी धन हड़पने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि खुर्शीद ने विकलांगों को सुविधाएं देने के नाम पर सत्तर लाख रुपये हड़प लिए, जबकि उनके द्वारा सौंपी गई सूची में कई नाम फर्जी हैं तो कई गांवों के नाम ही जिले की सूची से गायब हैं।
इस इलाके में ‘खुला खेल फर्रुखाबादी’ का जुमला बड़ा पुराना है, लेकिन भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत गुरुवार को आवास विकास मैदान में होने जा रही इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आइएसी) की रैली के मद्देनजर दोनों पक्ष अपनी रणनीति को लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के चुनौती वाले गढ़ में आइएसी समर्थक किसी भी तरह अरविंद केजरीवाल की जिद पूरी करने में अपनी ताकत लगाये हैं, जबकि कांग्रेसी भी जवाब में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखने देना चाहते। सियासी दांव-पेंच के इस जंग में आम जनता को सिर्फ ‘शो’ का इंतजार है।
रैली की पूर्व संध्या पर जहां केजरीवाल और सलमान समर्थक अपनी रणनीति को अंतिम मुकाम देने में जुटे रहे, वहीं पुलिसिया अमला सुरक्षा की बारीक पड़ताल में जुटा रहा। रोजमर्रा की जरूरतों से जूझ रहे आमजन को रैली के बारे में भले बहुत कुछ पता न हो, लेकिन विकलांगों की बैसाखी का हिसाब मांगने का अंदाज जरूर देखना चाहते हैं। फर्रुखाबाद में हर जुबान पर बस केजरीवाल और सलमान हैं। लोगों ने फर्रुखाबाद में कभी इस तरह का माहौल नहीं देखा। बुधवार को कांग्रेसियों ने केजरीवाल के कर्ताधर्ता लक्ष्मण सिंह के खिलाफ एक सीडी जारी कर भी अपना माहौल बनाने का प्रयास किया।
सलमान खुर्शीद की केजरीवाल को फर्रुखाबाद से वापस न लौटने देने की चुनौती और केजरीवाल की रैली करने की जिद की समीक्षा भी खूब हो रही। बात उठी तो यहां के जाने माने साहित्यकार शिवओम अंबर बोले ‘सलमान साहब का आपा खोना खल गया, लेकिन वह उनकी एक क्षण की कमजोरी थी। पर केजरीवाल की बातें अतिवादी हैं। फर्रुखाबाद के तमाशों में भीड़ जुटती है और हो सकता है कि केजरीवाल का तमाशा देखने लोग जुटें, लेकिन इसे कोई गंभीरता से नहीं लेगा।’
आवास विकास के मैदान में रैली के इंतजाम में जुटे केजरीवाल के सहयोगी लक्ष्मण सिंह का तेवर देखने लायक था। लक्ष्मण ने मैदान की ओर इशारा कर कहा ‘एक भी इंच जगह नहीं बचेगी। और अब यहां की जनता ही भ्रष्टाचार का मजा चखायेगी।’ अर्थशास्त्री एमएस सिद्दीकी इस संवेदनशील माहौल पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कहते कि किसी को भी अति करने की छूट नहीं होनी चाहिए।
पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था :-
प्रशासन ने सुरक्षा की बेहद मजबूत तैयारी की है। आइजी पीयूष आनंद लगातार इसकी समीक्षा कर रहे हैं। आइएसी ने केजरीवाल की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये हैं। डी से काफी दूर बने मंच पर केजरीवाल से किसी को मिलने नहीं दिया जायेगा। कहीं पर भी माला पहनाने और स्वागत का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। पुलिस ने सभा में लाठी लेकर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जरूर सिखाएंगे सबक :-
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आफताब हुसैन कहते हैं कि हमारे घर में आकर कोई हमारे नेता का अपमान करेगा तो हम उसे कतई नहीं बख्शेंगे। हम काले झंडे दिखायेंगे और उनके मुंह पर कालिख पोतेंगे। वह इस मसले पर जमकर शब्दों के बाण चला रहे हैं, लेकिन हकीकत में उनकी रणनीति कुछ और है। उन्होंने कहा कि अगर हम गिरफ्तार न हुए तो फिर सबक जरूर सिखायेंगे।
टोपी के जवाब में टोपी :-
आइएसी और काग्रेसियों के बीच अब तक पोस्टरवार चला, लेकिन रैली के दिन टोपी वार होगा। आइएसी की टोपी पर मैं आम आदमी हूं और कांग्रेसियों की टोपी पर मैं सलमान खुर्शीद हूं, छपा रहेगा।