नेताजी, जुबान संभाल के..

भारतीय राजनीति में एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने की परंपरा नई नहीं है। समय-समय विभिन्न दलों के नेता कभी जानबूझकर, तो कभी अनजाने में कुछ ऐसी बात बोल जाते हैं जिससे बवाल मच जाता है। कुछ नेता तो ऐसे हैं जिनकी जुबान बार-बार फिसलती है लेकिन फिर भी वे जुबान संभालकर नहीं बोलते। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही जुबानफिसलू नेताओं के बारे में।

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी- इनकी जुबान आए दिन फिसल जाया करती है। इसी साल यूपी विधानसभा चुनाव में विरोधी दलों के नेताओं की तुलना गधे से करते हुए कहा, इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे की गधे..अच्छे घोड़े को नहीं घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। इसी तरह उन्होंने मुलायम और मायावती पर निशाने साधते हुए उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का तलवा चाटने वाला बता दिया। इसके बाद उन्होंने संसद हमले का दोषी अफजल अफजल गुरु को कांग्रेस का दामाद कह दिया।

गडकरी की कॉमनवेल्थ घोटाले पर बोलते हुए ऐसी जुबान फिसली कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गांधी जी का बंदर करार दे दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की चुप्पी गांधी जी के बंदर की तरह है- बुरा मत बोलो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो।

भाजपा अध्यक्ष यहीं कहां रुकने वाले थे। दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में चोरों, पॉकेटमारों को पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया।

अब गडकरी ने देश के सबसे वांछित आतंकी दाऊद इब्राहिम के आईक्यू की तुलना महान संत स्वामी विवेकानंद से कर नए विवाद को जन्म दे दिया है। खैर इन्होंने कसम खा ली है, चाहे कुछ भी हो उनकी जुबान संभलने वाली नहीं है।

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद –

सलमान खुर्शीद द्वारा संचालित जाकिर हुसैन पर विकलांगों का सरकारी पैसा खाने के आरोप से वह इतने तिलमिला गए कि सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद से न लौट पाने की धमकी दे डाली। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वे खून का दरिया बहा देंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने अरविंद केजरीवाल-

खुर्शीद के ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप के बाद प्रधानमंत्री निवास के बाहर विकलांगों के साथ प्रदर्शन करते हुए केजरीवाल ने पीएम को चोरों का सरदार बोल दिया और लोगों से पीएमओ का नंबर देते हुए आह्वान किया कि वहां वे फोन करें और जैसे ही फोन उठे चोर..चोर कहना शरू कर दें।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी-

हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी ने मानव संसाधान राज्यमंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा के बारे में 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहकर बवाल मचा दिया। दरअसल, आईपीएल की कोच्चि टीम को लेकर विवाद को लेकर संसद में दिए गए यह बयान कि जिसके [सुनंदा] अकाउंट में 50 करोड़ रुपये हैं वह मेरी मदद क्यों लेगी। इस पर मोदी ने चुटकी ली थी। खैर इसपर उबाल तो आना ही था। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने मोदी को बंदर की उपमा दे दी। उन्होंने कहा, बंदर क्या जाने अदरख का स्वाद।

जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी –

स्वामी पुराने जुबानफिसलू नेता हैं। इस बार उन्होंने एक अखबार की संपत्ति खरीदने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लोन दिए जाने का मामला उठाया। इस पर राहुल के बयान आने के बाद स्वामी ने उन्हें बुद्धू कह दिया।

इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा-

बेनी बाबू के जुबान भी बराबर फिसलती रहती है। कभी वे कहते हैं, सलमान खुर्शीद जैसे मंत्री 71 लाख का घोटाला नहीं कर सकते, हां बड़ी रकम होती तो सोचा भी जा सकता था। तो कभी वे 2014 के आम चुनाव में यूपीए की वापसी न होने का दावा कर हलचल मचा देते हैं।

कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल-

अपने जन्मदिन पर कानपुर में आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान

जायसवाल की जुबान ऐसी फिसली कि वे तमाम महिला संगठनों के निशाने पर आ गए। उन्होंने कहा, नई-नई जीत और नई-नई शादी का अपना अलग महत्व होता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, जीत पुरानी होती जाती है। जैसे जैसे समय बीतता जाता है पत्नी पुरानी होती जाती है। फिर वो मजा नहीं रहता।भारतीय राजनीति में एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने की परंपरा नई नहीं है। समय-समय विभिन्न दलों के नेता कभी जानबूझकर, तो कभी अनजाने में कुछ ऐसी बात बोल जाते हैं जिससे बवाल मच जाता है। कुछ नेता तो ऐसे हैं जिनकी जुबान बार-बार फिसलती है लेकिन फिर भी वे जुबान संभालकर नहीं बोलते। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही जुबानफिसलू नेताओं के बारे में।

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी- इनकी जुबान आए दिन फिसल जाया करती है। इसी साल यूपी विधानसभा चुनाव में विरोधी दलों के नेताओं की तुलना गधे से करते हुए कहा, इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे की गधे..अच्छे घोड़े को नहीं घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। इसी तरह उन्होंने मुलायम और मायावती पर निशाने साधते हुए उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का तलवा चाटने वाला बता दिया। इसके बाद उन्होंने संसद हमले का दोषी अफजल अफजल गुरु को कांग्रेस का दामाद कह दिया।

गडकरी की कॉमनवेल्थ घोटाले पर बोलते हुए ऐसी जुबान फिसली कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गांधी जी का बंदर करार दे दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की चुप्पी गांधी जी के बंदर की तरह है- बुरा मत बोलो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो।

भाजपा अध्यक्ष यहीं कहां रुकने वाले थे। दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में चोरों, पॉकेटमारों को पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया।

अब गडकरी ने देश के सबसे वांछित आतंकी दाऊद इब्राहिम के आईक्यू की तुलना महान संत स्वामी विवेकानंद से कर नए विवाद को जन्म दे दिया है। खैर इन्होंने कसम खा ली है, चाहे कुछ भी हो उनकी जुबान संभलने वाली नहीं है।

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद –

सलमान खुर्शीद द्वारा संचालित जाकिर हुसैन पर विकलांगों का सरकारी पैसा खाने के आरोप से वह इतने तिलमिला गए कि सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद से न लौट पाने की धमकी दे डाली। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वे खून का दरिया बहा देंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने अरविंद केजरीवाल-

खुर्शीद के ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप के बाद प्रधानमंत्री निवास के बाहर विकलांगों के साथ प्रदर्शन करते हुए केजरीवाल ने पीएम को चोरों का सरदार बोल दिया और लोगों से पीएमओ का नंबर देते हुए आह्वान किया कि वहां वे फोन करें और जैसे ही फोन उठे चोर..चोर कहना शरू कर दें।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी-

हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी ने मानव संसाधान राज्यमंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा के बारे में 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहकर बवाल मचा दिया। दरअसल, आईपीएल की कोच्चि टीम को लेकर विवाद को लेकर संसद में दिए गए यह बयान कि जिसके [सुनंदा] अकाउंट में 50 करोड़ रुपये हैं वह मेरी मदद क्यों लेगी। इस पर मोदी ने चुटकी ली थी। खैर इसपर उबाल तो आना ही था। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने मोदी को बंदर की उपमा दे दी। उन्होंने कहा, बंदर क्या जाने अदरख का स्वाद।

जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी –

स्वामी पुराने जुबानफिसलू नेता हैं। इस बार उन्होंने एक अखबार की संपत्ति खरीदने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लोन दिए जाने का मामला उठाया। इस पर राहुल के बयान आने के बाद स्वामी ने उन्हें बुद्धू कह दिया।

इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा-

बेनी बाबू के जुबान भी बराबर फिसलती रहती है। कभी वे कहते हैं, सलमान खुर्शीद जैसे मंत्री 71 लाख का घोटाला नहीं कर सकते, हां बड़ी रकम होती तो सोचा भी जा सकता था। तो कभी वे 2014 के आम चुनाव में यूपीए की वापसी न होने का दावा कर हलचल मचा देते हैं।

कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल-

अपने जन्मदिन पर कानपुर में आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान

जायसवाल की जुबान ऐसी फिसली कि वे तमाम महिला संगठनों के निशाने पर आ गए। उन्होंने कहा, नई-नई जीत और नई-नई शादी का अपना अलग महत्व होता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, जीत पुरानी होती जाती है। जैसे जैसे समय बीतता जाता है पत्नी पुरानी होती जाती है। फिर वो मजा नहीं रहता।भारतीय राजनीति में एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने की परंपरा नई नहीं है। समय-समय विभिन्न दलों के नेता कभी जानबूझकर, तो कभी अनजाने में कुछ ऐसी बात बोल जाते हैं जिससे बवाल मच जाता है। कुछ नेता तो ऐसे हैं जिनकी जुबान बार-बार फिसलती है लेकिन फिर भी वे जुबान संभालकर नहीं बोलते। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही जुबानफिसलू नेताओं के बारे में।

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी- इनकी जुबान आए दिन फिसल जाया करती है। इसी साल यूपी विधानसभा चुनाव में विरोधी दलों के नेताओं की तुलना गधे से करते हुए कहा, इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे की गधे..अच्छे घोड़े को नहीं घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। इसी तरह उन्होंने मुलायम और मायावती पर निशाने साधते हुए उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का तलवा चाटने वाला बता दिया। इसके बाद उन्होंने संसद हमले का दोषी अफजल अफजल गुरु को कांग्रेस का दामाद कह दिया।

गडकरी की कॉमनवेल्थ घोटाले पर बोलते हुए ऐसी जुबान फिसली कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गांधी जी का बंदर करार दे दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की चुप्पी गांधी जी के बंदर की तरह है- बुरा मत बोलो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो।

भाजपा अध्यक्ष यहीं कहां रुकने वाले थे। दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में चोरों, पॉकेटमारों को पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया।

अब गडकरी ने देश के सबसे वांछित आतंकी दाऊद इब्राहिम के आईक्यू की तुलना महान संत स्वामी विवेकानंद से कर नए विवाद को जन्म दे दिया है। खैर इन्होंने कसम खा ली है, चाहे कुछ भी हो उनकी जुबान संभलने वाली नहीं है।

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद –

सलमान खुर्शीद द्वारा संचालित जाकिर हुसैन पर विकलांगों का सरकारी पैसा खाने के आरोप से वह इतने तिलमिला गए कि सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद से न लौट पाने की धमकी दे डाली। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वे खून का दरिया बहा देंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने अरविंद केजरीवाल-

खुर्शीद के ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप के बाद प्रधानमंत्री निवास के बाहर विकलांगों के साथ प्रदर्शन करते हुए केजरीवाल ने पीएम को चोरों का सरदार बोल दिया और लोगों से पीएमओ का नंबर देते हुए आह्वान किया कि वहां वे फोन करें और जैसे ही फोन उठे चोर..चोर कहना शरू कर दें।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी-

हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी ने मानव संसाधान राज्यमंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा के बारे में 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहकर बवाल मचा दिया। दरअसल, आईपीएल की कोच्चि टीम को लेकर विवाद को लेकर संसद में दिए गए यह बयान कि जिसके [सुनंदा] अकाउंट में 50 करोड़ रुपये हैं वह मेरी मदद क्यों लेगी। इस पर मोदी ने चुटकी ली थी। खैर इसपर उबाल तो आना ही था। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने मोदी को बंदर की उपमा दे दी। उन्होंने कहा, बंदर क्या जाने अदरख का स्वाद।

जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी –

स्वामी पुराने जुबानफिसलू नेता हैं। इस बार उन्होंने एक अखबार की संपत्ति खरीदने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लोन दिए जाने का मामला उठाया। इस पर राहुल के बयान आने के बाद स्वामी ने उन्हें बुद्धू कह दिया।

इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा-

बेनी बाबू के जुबान भी बराबर फिसलती रहती है। कभी वे कहते हैं, सलमान खुर्शीद जैसे मंत्री 71 लाख का घोटाला नहीं कर सकते, हां बड़ी रकम होती तो सोचा भी जा सकता था। तो कभी वे 2014 के आम चुनाव में यूपीए की वापसी न होने का दावा कर हलचल मचा देते हैं।

कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल-

अपने जन्मदिन पर कानपुर में आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान

जायसवाल की जुबान ऐसी फिसली कि वे तमाम महिला संगठनों के निशाने पर आ गए। उन्होंने कहा, नई-नई जीत और नई-नई शादी का अपना अलग महत्व होता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, जीत पुरानी होती जाती है। जैसे जैसे समय बीतता जाता है पत्नी पुरानी होती जाती है। फिर वो मजा नहीं रहता।

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