रिहा होंगे घुसपैठ के दो आरोपी

करीब डेढ़ दशक से सींखचों में सांस ले रहे घुसपैठ के दो आरोपियों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। उनके मामले की सुनवाई कर रही विशेष न्यायालय से शनिवार को अपना फैसला सुना दिया। न्यायालय ने पाक अधिकृत कश्मीर निवासी शहनवाज मलिक और सजाद अहमद मलिक उर्फ बलंद खान को केवल अवैध रूप से हथियार लाने के लिए आ‌र्म्स एक्ट के अन्तर्गत दोषी करार दिया है। वहीं, राजद्रोह एवं हत्या के प्रयास सहित अन्य आरोपों से दोनों को बरी कर दिया गया।

सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अघिवक्ता मनीष व्यास ने कहा कि दोनों सीमा ज्ञान के अभाव में भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए थे। उन्होंने शहनवाज और बलंद खान को मुक्त करने की गुहार लगाई। इसके विपरीत जम्मू-कश्मीर सरकार के विशेष लोक अभियोजक ने विरोध किया।

दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश गिरीश कुमार शर्मा ने दोनों को राजद्रोह व हत्या के प्रयास जैसे आरोप से बरी कर दिया, लेकिन हथियार रखने के लिए दोषी करार देते हुए क्रमश: दस साल एवं सात साल कैद व एक हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। चूंकि मामला चौदह साल पुराना है। दोनों तब से जेल में है। इसलिए दोनों आरोपियों की यह सजा उनके द्वारा अब तक जेल में बिताई गई अवघि में समायोजित की जाएगी। किसी अन्य मामले में उनके लिप्त नहीं होने पर दोनों की रिहाई तय है।

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