धीमी होती विकास दर और बजट में कटौती की आशंकाओं के बीच रक्षा मंत्री एके एंटनी ने तीनों सेनाओं से चालू वित्त वर्ष में अब तक हुए पूंजीगत खर्च का ब्यौरा तलब किया है। एंटनी ने इस बाबत बुधवार को तीनों सेनाओं और मंत्रालय के अफसरों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में आधुनिकीकरण की परियोजनाओं की भी समीक्षा होनी है।
देश के बजट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले रक्षा मंत्रालय को इस साल एक लाख नब्बे हजार करोड़ रुपये से अधिक दिए गए जिसमें पूंजीगत खर्च के लिए 79578.63 करोड़ कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को पूंजी के मद में अब तक हुए खर्च के साथ ही नई शस्त्रास्त्र खरीद व सैन्य आधुनिकीकरण परियोजनाओं की प्रगति के बारे में भी बताना होगा। रक्षामंत्री द्वारा बुलाई गई यह बैठक आर्थिक प्रबंधन को कसने की ही एक कड़ी के तौर पर देखी जा रही है।
अहम है कि सेनाओं की ओर से 126 लड़ाकू विमान खरीद और 12वीं योजना के तहत दीर्घकालिक आधुनिकीकरण कार्यक्रम (एलटीपीपी) की अनेक खरीद व विस्तार योजनाओं के मद्देनजर बजट बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर के घटकर 5.8 रहने के आकलनों के बीच आर्थिक नियोजन में लगे वित्त मंत्रालय ने रक्षा समेत कई मंत्रालयों के बजट में कटौती के संकेत दे चुका है।
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्रालय बीते दिनों तीनों सेनाओं और रक्षा उपक्रमों को अपनी खरीद परियोजनाओं की प्राथमिकताएं तय करने की ताकीद पहली ही कर चुका है। आकलन है कि सैन्य आधुनिकीकरण की कड़ी में भारत को अगले दस सालों में करीब 100 अरब डॉलर खर्च करना है। इसमें युद्ध विमान, तोपखाने, युद्धपोत के अलावा सीमाओं पर सैन्य ढांचे को मजबूत करने व सेना के लिए दो नई कोर बनाने जैसी अनेक योजनाएं शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय संबंधी संसदीय समिति की अगुवाई सिने सितारे से सांसद बने राज बब्बर के हाथ होगी। फिरोजाबाद से सांसद बब्बर इससे पहले 13वीं लोकसभा में रक्षा मंत्रालय संबंधी संसदीय समिति के सदस्य रह चुके हैं। समिति में लोकसभा के 19 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल हैं। इससे पूर्व समिति की अध्यक्षता गढ़वाल से कांग्रेस सांसद सतपाल महाराज कर रहे थे।
संसदीय समिति रक्षा, रक्षा उत्पादन समेत विभिन्न विभागों के कामकाज पर नजर रखती है। लोकसभा सचिवालय के अनुसार समिति अब तक 84 रिपोर्ट सदन के पटल पर रख चुकी है।