श्रीहरि वृद्धाश्रम में क्षत्रिय मराठा समाज ने मनाई छत्रपति शिवाजी जयंती

विदिषा 19 फरवरी 2018/ स्थानीय श्रीहरि वृद्धाश्रम मंे क्षत्रिय मराठा समाज ने छत्रपति शिवाजी जयंती वृद्धाश्रम के बुजुर्गों का सम्मान कर मनाकर समाज को एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने शुक्राचार्य और कोटिल्य (चाणक्य) को अपना आदर्श मान कर भारत की रक्षा के लिए मुगलों से लोहा लेने के लिए सतत् दृढ़ प्रतिज्ञ रहे। अदम्य साहस और अनुपम वीरता से अडिग रहने वाले वीर शिवाजी ने हमारी संस्कृति को जीवित-संरक्षित रखकर संस्कृत भाषा को अपने राज काज की भाषा बनाया और वे भारत की धरती के लाल कहलाए। कार्यक्रम में सर्वप्रथम आश्रम के सभी बुजुर्गों का सम्मान कर उन्हें भोजन कराया गया। तत्पश्चात वीर शिवाजी के चित्र पर माल्यार्पण उपरांत वीर शिवाजी के साहस और बलिदान की शौर्य गाथा पूरे वृद्ध आश्रम में गूंज उठी। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख विशाल बैतुले, महाराष्ट्र समाज के अध्यक्ष उदय ढोली, हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय महामंत्री बालन सिंह कुशवाह, कुलदीप सोनी, महिपाल सिंह राजपूत, देवेंद्र पवार एवं क्षत्रिय मराठा समाज के अध्यक्ष मंगलेश राव नवले, सचिव आशीष शिंदे, संरक्षक गुलाबराव, विशाल राव शिर्के, विजयराव वाघमारे, राकेश पवार अमित थेटे सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित श्रीहरि वृद्धाश्रम की संचालक श्रीमती इंदिरा-वेदप्रकाश शर्मा ने कहा कि राष्ट्र के वीर छत्रपति शिवाजी का योगदान भारत मे सदियों तक हमे प्रेरणा देता रहेगा। हमें उनकी शौर्य गाथाओं से प्रेरणा लेना चाहिए। श्री हरि वृद्धाश्रम की ओर से सभी आगंतुकों को प्रसाद वितरण किया गया।

error: Content is protected !!