भगवत आराधना,तीर्थ क्षेत्र के दर्शनों का स्वप्न होता पूर्ण

मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन में जिले 12 हजार 917 नागरिक लाभांवित

डा.एल.एन.वैष्णव
दमोह/मानव अपने जीवन में अपने आराध्य के स्थानों के दर्शन लाभ लेकर अपने जीवन को धन्य बनाने के लिये सदैव प्रयासरत रहा है। उसका प्रयास होता है कि वह वहां पहंुचे प्रकृति,इतिहास और धर्म के बारे में नजदीक से समझे और अपने आराध्य से प्रार्थना करे मनोकमानाओं को पूर्ण करने हेतु आशीष मांगे परन्तु अर्थ के बिना यह सब शून्य सा अधिकांश लोगों के जीवन में दिखलायी देता था। वर्तमान यह स्वप्न साकार हो रहा है और लाखों इसका लाभ उठा चुके हैं कालांतर के स्वप्न को सच्चाई में पर्णित करने का कार्य हो रहा मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन योजना से जिसका लाभ लगभग वह हर नागरिकों मिल रहा है जो कभी अर्थ के आभाव में तीर्थ स्थलों पर नहीं पहुंच पाते थे और उनकी ईहलीला समाप्त हो जाती थी। मध्यप्रदेश सरकार ने 60 बर्ष की उम्र से अधिक वालों को लाभांवित करते हुये उनके आराध्य देवी देवताओं के तीर्थ स्थलों के दर्शन कराने का बीडा उठाया। वहीं एैसे व्यक्ति जिनको सहयोगी की आवश्यकता होती है उनको वह सुविधा देने का प्रयास किया गया। महत्वपूर्ण बिन्दु यह भी है कि यात्रा प्रारंभ होने से लेकर वापिसी तक भोजन,अल्पाहार,चिकित्सा के साथ ही रूकने की सारी व्यवस्था को पूर्ण करने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संकल्प लिया जिसको पूर्ण किया जा रहा है। देखा जाये तो मध्यप्रदेश के एैसे नागरिक जो धन के आभाव में यात्राओं को नहीं कर पाते थे मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ मिलने से प्रसन्न दिखलायी दे रहे हैं तथा साथ ही प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हैं।
65 यात्रा में 12 हजार 917 को मिला दर्शन लाभ-

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
बर्ष 2012 से लेकर वर्तमान में मार्च 2018 तक 06 बर्षों में जिले से 65 मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत यात्रायें हुई है। जिसमें 12 हजार 917 नागरिकों को लाभ मिला जो अपने आराध्यों के स्थलों पर पहुंचे और दर्शन लाभ प्राप्त किया। इनके साथ 314 अनुरक्षक,चिकित्सक एवं आरक्षक सहयोगी के रूप में गये थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 06 बर्षों में वैष्णो देवी की 06 यात्रायें हुई जिसमें जिले के 01 हजार 119 यात्री एवं 26 सहयोगी गये। जगन्नाथ पुरी की 14 यात्रायें हुई जिसमें 02 हजार 590 यात्री एवं 55 सहयोगी रहे।शिरडी की 01 यात्रा में 140 यात्री एवं 03 सहयोगी यात्रा में सम्मिलित हुये। तिरूपति की 04 यात्रायें हुई जिनमें 716 यात्री एवं 23 सहयोगी दर्शन लाभ लेने पहुंचे। वहीं रामेश्वरम् 22 यात्राओं में 05 हजार 86 यात्री एवं 123 सहयोगी,द्वारिकाधीश की 11 यात्राओं में 02 हजार 205 यात्री एवं 48 सहयोगी एवं सम्मेद शिखर जी यात्रा में 99 यात्री तथा 02 सहयोगियों एवं श्रवण वेलगोला की यात्रा में 155 यात्री एवं 04 सहयोगियों ने यात्रा के माध्यम से दर्शन लाभ लिया। वहीं ईस्लाम धर्मावलंबियों के लिये अजमेर शरीफ की 02 यात्राओं में 236 यात्रियों एवं 3 सहयोगियों ने तथा बैलाकणी चर्च की यात्रा में 28 यात्री एवं 01 सहयोगी ने यात्रा का लाभ उठाया। अनेक यात्रियों ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि योजना मनुष्य जीवन काल के उस विशेष विषय से जुडी है जिसका लाभ प्रत्येक मानव जीवन में उठाना चाहता है। अर्थाभाव के चलते जो इसका लाभ नहीं ले पाते थे अपने आराध्य के तीर्थ स्थलों पर नहीं पहुंच पाते थे वह उक्त योजना का लाभ लेकर अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं।
यात्रियों की चयन प्रक्रिया हुई आधुनिक-
मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा का लाभ सभी पात्रों को मिल सके तथा पारदर्शिता बनी रहे इसके लिये विशेष साफटवेयर तैयार किया गया है। दमोह जिले में सबसे एक विशेष साफटवेयर का प्रयोग किया गया जिसको मध्यप्रदेश शासन के धार्मिक एवं धर्मस्व विभाग मंत्रालय ने समस्त जिलों में लागू कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार साफटवेयर के माध्यम से सारी प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ पूर्ण हो जाती है। जिले से पहले यात्रियों के आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं जिनको साफटवेयर में कम्पूटर पर दर्ज किया जाता है। पूर्व में यात्रा का लाभ ले चुके यात्रियों को कम्पूटर स्वयं अलग कर देता है तथा अधिक संख्या होने पर स्वयं रेण्डमाईजेशन कर निर्धारित संख्या चयनित नामों सहित निकालकर सामने रख देता है।
क्या है मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन योजना-
मध्यप्रदेश के एैसे नागरिक जिनकी उम्र 60 बर्ष हो गयी है उनको मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना वरिष्ठ नागरिकों को उनके जीवन काल में एक बार प्रदेश के बाहर के निर्धारित तीर्थ-स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा के लिए राज्य सरकार सहायता देती है। प्रथमतः आई.आर.सी.टी.सी. (रेलवे) के पैकेज के अनुसार यात्रियों को भेजा जाता है। उक्त योजना का शुभारंभ 3 सितम्बर 2012 को रामेश्वरम् की यात्रा के साथ हुआ था। प्राप्त जानकारी के अनुसार तीर्थ दर्शन योजना में राज्य शासन ने वर्तमान में बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णोदेवी, शिरडी, तिरूपति, अजमेर शरीफ, काशी, गया, अमृतसर, रामेश्वरम, सम्मेद शिखर, श्रवण बेलगोला और बेलांगणी चर्च, नागापट्टनम तीर्थ को भी सम्मिलित तो किया ही गया है। साथ ही एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसमें मार्ग में पडने वाले प्रमुख स्थानों के दर्शन भी अब नागरिकों को कराये जायंेंगे। विदित हो कि पूर्व में यात्रा सिर्फ वहीं जाती थी जहां तय है मार्ग में पडने वाले प्रमुख तीर्थ स्थलों पर नहीं रूकती थी जबकि अब एैसा नहीं होगा वह उन समस्त स्थानों पर रूकेगी एवं तीर्थ यात्रियों को दर्शन करायेगी जो प्रमुख एवं प्रसिद्ध हैं।

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