तीन तलाक पर चोट करेगी क्‍लासिकल हिंदी फिल्‍म ‘फिर उसी मोड़ पर’

तीन तलाक पर देश में घमासान मचा हुआ है। एक ओर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुए अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया, तो दूसरी ओर मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं और कई शहरों में इसके खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया है। लेकिन कई मुस्लिम स्‍कॉलर ने भी इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाई कि कोई भी आदमी तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह कर अपनी पत्‍नी से छुटकारा नहीं ले सकता है। इस प्रथा का दुरूपयोग भी खूब होता है। जैसे कोई चिट्ठी भेज कर खुला ले लेता है, तो कोई सपने में भी तीन बार तलाक बोलकर पत्‍नी को छोड़ देता है। ये किसी भी सूरत में सही नहीं कहा जा सकता, जिस पर भारत सरकार ने कानून बनाने की पहल हाल ही में किया है।

मगर वेटरन निर्देशक लेख टंडन ने इस चीज को पहले ही भांप लिया था और सरकार से पहले उन्‍होंने इस पर फिल्‍म बनाने का काम किया। फिल्‍म का नाम ‘फिर उसी मोड़ पर’ है, जो एक हिंदी फिल्‍म है। आज ये फिल्‍म प्रदर्शन को तैयार है, जिसका ट्रेलर और म्यूजिक मुंबई में लांच कर दिया गया है। हालांकि लेख टंडन का इंतकाल हो गया है, मगर उनकी इस फिल्‍म को आज फिल्‍म के निर्माता त्रिनेत्र, कनिका और अंशुला बाजपेई कनिका मल्टीस्कोप प्राइवेट लिमिटेड के (एम पी एल) के बैनर तले रिलीज कर रहे हैं। लेख टंडन शुरू से ही सामाजिक विषयों को लेकर फिल्‍म बनाने के लिए जाने जाते रहे हैं। यही वजह है कि तीन तलाक विषय की गंभीरता को देखते हुए उन्‍होंने फिल्‍म ‘फिर उसी मोड़ पर’ का निर्माण बहुत पहले ही कर दिया।
इस फिल्‍म में तीन तलाक से जुड़े उन पहलुओं को उन्‍होंने सामने रखा है, जिसकी मार सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को झेलनी पड़ती है। साथ ही तीन तलाक के बाद उस महिला पर क्‍या बीतती है, ये भी फिल्‍म में बखूबी दिखाया गया है। ‘फिर उसी मोड़ पर’ पूरी तरह से क्‍लासिकल फिल्‍म है, जो समाज को इस कुप्रथा के प्रति जागरूक करेगा और नया रास्‍ता दिखायेगा, जिससे आज तीन तलाक पर बन रहे कानून का विरोध करने वाले लोगों को एक संदेश मिलेगा। वहीं, इस बारे में फिल्‍म के निर्माता त्रिनेत्र, कनिका और अंशुला बाजपेई का मानना है कि ‘तलाक, तलाक, तलाक’ एक निंदनीय कुरीति है, जिसके अंतर्गत कोई भी पति अपनी लाचार और बेबस पत्नी को तीन तलाक कह कर प्रताड़ित करते हुए अपने जीवन से निष्कासित कर सकता है। दिवंगत लेख टंडन साहब की यह फिल्‍म उस कुरीति पर चोट करेगी। हालांकि ये दुखद है कि वे फिल्‍म रिलीज नहीं कर पाये और पिछले साल 15 अक्‍टूबर को दुनिया छोड़कर चले गए। यह हम सब के लिए शॉकिंग था।

गौरतलब है कि कनिका मल्टीस्कोप प्राइवेट लिमिटेड के (एम पी एल) के अंतर्गत प्रस्‍तुत फिल्‍म ‘फिर उसी मोड़ पर’ में कंवलजीत सिंह, परमीत सेठी, एस. एम. जहीर, गोविंद नामदेव, स्मिता जयकार, कनिका बाजपेई, राजीव वर्मा, भारत कपूर, अरुण बाली, हैदर अली, विनीता मलिक, संजय बत्रा, दिव्या दिवेदी, जिविधा आस्था और शिखा इटकान मुख्‍य भूमिका में नजर आ रही हैं। फिल्‍म में एडिंटिंग जहांगीर चौधरी ने कोरियोग्राफी माधव क्रिशन / जोजो ने संपादन अवध नरायण सिंह और को-डायरेक्‍शन सुरेश प्रेमवती बिश्नोई ने किया है। फिल्‍म के प्रचारक अमीन सयानी और अली पीटर जॉन ( प्रचार ) हैं, जबकि आर्ट डायरेक्‍शन चोक्कस भरद्वाज ने किया है। संगीतकार संगीत विख्यात टेक्नोक्रैट और संगीतप्रेमी त्रिनेत्र बाजपेई (राइटर ऑफ दोज माग्निफीसेंट म्यूजिक मारकर) हैं। जबकि गाने कनिका बाजपेई और जावेद अली ने गाये हैं।

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