क्रांतिकारी जैन संत तरूण सागर जी का महाप्रयाण

राष्ट्र संत दिगंबर जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार तड़के देवलोक गमन हो गया है। करीब 20 दिन से पहले वे पीलिया से ग्रस्त थे, जिसके कारण वह बहुत कमजोर हो गए थे। उनके दर्शन के लिए देश भर से श्रद्धालु दिल्ली पहुंच रहे हैं आज दोपहर 3 बजे दिल्ली की मेरिट हाईवे पर स्थित तरुण सागर तीर्थ में उनका अंतिम संस्कार संपन्न होगा। यात्रा सुबह 7 बजे राधेपुरी दिल्ली से प्रारंभ होकर 28 किलोमीटर दूर तरुण सागर धाम पर पहुंचेगी।

कई दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। आचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज ने समाधि मरण लेने की आज्ञा दे दी थी। उसके बाद दिगंबर जैन आचार्य एवं जैन मुनियों ने उनकी सल्लेखना की विधि संपन्न कराई। जगह जगह श्रद्धालु उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना नमोकार मंत्र का जप कर रहे थे। जिस कमरे में उन्हें रखा गया था वहां सिर्फ जैन मुनि और शिष्यों को ही जाने की इजाजत थी। इसके अलावा किसी को भी प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी। गुरुवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां शाम तक उनकी सेहत में थोड़ा सुधार आया था।

दिगंबर जैन महासभा के अध्यक्ष निर्मल सेठी ने बताया कि मुनि श्री सल्लेखना के लिए पांच दिगंबर जैन मुनि उपस्थित थे। उनके गुरु पुष्पदंत सागर महराज ने वीडियो मैसेज जारी किया था, इसमें उन्होंने महाराज की समाधि महोत्सव मनाने की अपील की थी। राष्ट्रसंत तरुण सागर जी महाराज की समाधि शांतिपूर्वक पूरे विधि विधान के साथ संपन्न हुई। उल्लेखनीय है जैन धर्म में मृत्यु को महोत्सव की तरह मनाया जाता है मुनिश्री तरुण सागर जी की भी अंतिम यात्रा महोत्सव के रूप में संपन्न होगी।

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