मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर ने वैस्कुलर सम्बन्धी बीमारियों के बारे में किया जागरूक

मेरठ । गांव हो या शहर देश मे वेस्कुलर संबंधी बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश का मेरठ शहर भी इस से अछूता नहीं है , यहाँ के युवा से लेकर वृद्ध भी इस बीमारी से ग्रसित होते जा रहे है और आये दिन कई मरीज यहाँ से दिल्ली इलाज कराने जाते हैं और ऐसे ही कई मरीजों का इलाज मैक्स हॉस्पिटल द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। लोगों के बीच बढ़ रही वैस्कुलर संबंधित समस्याओं को लेकर मैक्स हॉस्पिटल, के (सीनियर कंसलटेंट और इंचार्ज, वैस्कुलर एंड एंडोवस्कुलर सर्जरी ) डॉ कपिल गुप्ता ने बताया कि “आजकल युवा वर्ग में वैस्कुलर सम्बंधी रोगों की संभावनाएं बढ़ती ही जा रही हैं और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के ही लिए जोखिम भरा विषय है। आज कल की जीवनशैली की वजह से लोगो में ऐसी बीमारियों का आगमन होता है ।उन्होंने बताया कि मेरठ के 55 वर्षीय राम निवास के दाहिने पैर के घाव में पिछले 2 महीने से गंभीर दर्द था । एंजियोग्राफी करने के बाद पता चला की उनके दाहिने पैर में फेमोरल और popliteal आर्टरी ओक्लुशन है । रोगी को पैर पुनर्नवीनीकरण और बचाव के लिए निचले अंग बाईपास की आवश्यकता थी। सब ट्रीटमेंट होने के बाद रोगी के घाव भर गए है और रोगी बिना किसी सहारे के खुद चलने में सक्षम है। वही अमित गोयल (४० वर्षीय) और कुमकुम (२९ वर्षीय) के पैरों में भी सूजन और दर्द की शिकायत थी। अमित के बाएं पैर में जखम और सूजन थी । दोनों रोगियों की 1 साल पहले रेडियो आवृत्ति ablation के साथ वैरिकाज़ नसों की सर्जरी हुई थी। दोनों मरीज अपना समान्य जीवन जी रहे है और बिना किसी सूजन और दर्द के गतिविधिया कर रहे है वही, 27 साल की मीनू चौधरी को प्रसव के बाद गंभीर दर्द और सूजन का दर्द था। उनका निचला वीना कैवा (आईवीसी) तक फैले हुए बाएं पैर में व्यापक गहरी नसों की थ्रोम्बिसिस के रूप में निदान किया गया था। इससे अचानक फुफ्फुसीय एम्बोलिज़्म (फेफड़ों में माइग्रेट करने वाले थक्के) और अचानक मौत का उच्च जोखिम था। उनका भी इलाज़ सफलता पूर्वक किया गया।वह तब से ठीक है और सामान्य जीवन शैली का पालन कर रही है।डॉ कपिल ने बताया कि वह ऐसे सेकड़ो मरीज़ों को ठीक कर चुके है जो आज अपने पैरों पर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है

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