स्वामी बसंतराम जी महाराज की पुण्यतिथि का महोत्सव सूरत में सम्पन्न

प्रेम प्रकाश सम्प्रदाचार्य अनन्त श्री विभूषित मंगलमूर्ति श्रीमान् 1008 सत्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज के प्रमुख शिष्य वेदान्त केसरी श्रीमान् 108 सत्गुरु स्वामी बसंतराम जी महाराज की 38वीं पुण्य तिथि (वर्सी) महोत्सव प्रेम प्रकाश मंडलाध्यक्ष स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज व स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज एवं
प्रेम प्रकाश मंडल के सभी संतो के सानिध्य में सम्पन्न हुआ |
जिसमें प्रेम प्रकाश मंडल के संत स्वामी जयदेव (दिल्ली), संत मनोहरलाल (कोटा), संत हरिओम लाल (ग्वालियर) संत मोनूराम (अहमदाबाद), संत ओम प्रकाश (अजमेर), संत राजूराम, संत हनुमान, संत ढालूराम, संत कमल, स्वामी ओमकारानंद, बहिन पुष्पा (अहमदाबाद) व प्रेम प्रकाश मंडल एवं अन्य सभी सम्प्रदायों के संत शामिल थे |
साथ ही देश-विदेश से भी कई गायक कलाकारों ने इस उत्सव में भाग लिया जिसमें प्रताप तनवानी (सूरत) स्वामी टेऊँराम भजन मण्डली (सूरत), घनश्याम भगत (अजमेर), सुमन खेमलानी (उल्हासनगर) व रामदेव शर्मा (मुजफ्फरनगर) आदि शामिल रहे |
पंच दिवसीय उत्सव के दौरान कई विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए |
जिसमें प्रमुख रूप से हरिनाम संकीर्तन यात्रा (प्रभात फेरी), 200 दिव्यांग बच्चो का भोजन, ब्राह्मण-भोज, दिल्ली से आए हुए कलाकारों द्वारा भगवान शिव, भगवान राम, भगवान कृष्ण की लीलाओं पर आधारित नृत्य-नाटिका, प्रेम प्रकाश ग्रन्थ व श्री मद् भगवत गीता के पाठों का भोग, विश्व कल्याणार्थ विष्णु महायज्ञ, प्रेम प्रकाश ध्वजा-वन्दन, सद्गुरु महाराज व अन्य श्री विग्रहों का पूजन, महाआरती आदि कार्यक्रम आयोजित हुए | उत्सव में देश – विदेश व सूरत के हजारो श्रद्धालुओं ने भाग लिया |
इस उपलक्ष्य में प्रेम प्रकाश आश्रम तेरापंथ भवन में आकर्षक सजावट की गई |
विशेष रूप से मंच पर स्वामी टेऊँराम जी महाराज की विशाल प्रतिमा एवं साथ ही अन्य संतो की प्रतिमाओं के साथ मंदिर का निर्माण किया गया |
सभी संतो ने स्वामी बसंतराम जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला |
स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि स्वामी बसंतराम जी महाराज एक ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष थे जिन्होंने अपने जीवन में न सिर्फ ज्ञान अर्जित किया वरन उस ज्ञान में उनकी पूर्ण निष्ठा थी | जिस प्रकार उनका नाम था बसंतराम उसी प्रकार उनकी स्थिति थी | बसंत का अर्थ हैं सुहावना मौसम जिसमें न अत्यधिक सर्दी होती हैं न अत्यधिक गर्मी होती हैं |
उसी प्रकाश उनके जीवन में भी हर परिस्थिति में समत्व भाव रहता था |
एवं इसी सम स्थिति, जिसे गीता में स्थिति प्रज्ञ कहा गया है, उसी ज्ञान की शिक्षा प्रदान करते थे | सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज ने स्वामी बसंत राम जी महाराज के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने बचपन में आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज से शिक्षा ली थी सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज से प्रेरणा लेकर उन्होंने वृद्धजनों, गरीबों व असहाय प्राणियों की सेवा करना प्रारम्भ किया |
उन्होंने काशी में रहकर वेदांत का अध्यापन किया एवं स्वय को वेदांत के शिखर पर पहुंचाया उनकी वेदांत में निष्ठा को देखकर स्वामी टेऊँराम जी महाराज ने उन्हें वेदांत केसरी की उपाधि प्रदान की |
प्रेम प्रकाश मंडलाध्यक्ष सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज द्वारा पल्लव पाकर उत्सव का समापन हुआ आश्रम प्रमुख स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज ने आए हुए सभी प्रेमियों श्रद्धालुओं एवं सेवदारियो को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया |
साथ ही इसी प्रकार आगे भी सेवा कार्यों को बढ़ाने की प्रेरणा दी |
इसी के साथ स्वामी बसंत राम जी महाराज की स्मृति में 75 जरूरतमंद परिवारों को प्रतिमाह की भांति अन्न वितरण किया गया |

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