कुंभ मेले में पी-लो ने फ्री स्मार्ट वाटर एटीएम लगाए

वर्ष 2018 में 13,263,226 प्लास्टिक बोतलों के निस्तारण के बाद, पी-लो अब कुंभ मेला-2019 में आरओ पेयजल मुफ्त में मुहैया कराकर ‘प्लास्टिक मुक्त कुंभ‘ की राह पर तेजी से बढ़ रही है

कुंभ मेला हिन्दू तीर्थ आस्था का प्रतीक है। यह भक्ति भाव का सबसे बड़ा स्वतंत्र सामाजिक आयोजन और प्रदर्शन है। कुंभ से पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुद्धता के लिहाज से गंगा नदी की जांच की। यह न सिर्फ स्वच्छ गंगा पर ध्यान देने के लिए जरूरी था बल्कि कुंभ मेला 2019 में षुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए भी अनिवार्य था। इसे ध्यान में रखते हुए लोगों को स्वच्छ आरओ पेयजल मुहैया कराने की दिशा में काम कर रहे एनपीओ ‘पी-लो शुद्ध पानी सेवा फाउंडेशन’ ने 17 जनवरी 2019 को कुंभ मेला (प्रयागराज) में वाटर एटीएम मशीनें लगाई हैं जिसे ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ की शुरुआत की दिषा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

हाल के वर्षों में नदी किनारे ठहरने वाले हजारों तीर्थ यात्रियों के लिए महा कुंभ के दौरान गंभीर पेयजल संकट पैदा होने की जानकारी मिली थी। नदी किनारे अस्थायी आश्रय स्थलों में ठहरने वाले और ध्यान एवं रीति-रिवाजों में अपना समय व्यतीत करने वाले कल्पवसिस को शुद्ध आरओ पेयजल के अभाव की वजह से अशुद्ध पेयजल पीने के लिए बाध्य होना पड़ता था। इस साल, कुंभ मेले में लगभग 3 करोड़ तीर्थ यात्रियों के शामिल होने का अनुमान है और इसे ध्यान में रखते हुए पी-लो शुद्ध पानी फाउंडेशन सभी तीर्थ यात्रियों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वाटर एटीएम पर 250 एमएल पानी महज एक बटन दबाने पर उपलब्ध होने से यह सामाजिक पहल निश्चित रूप से इस भव्य आयोजन में हजारों लोगों की प्यास बुझाएगी और यह वाटर एटीएम मेले में न सिर्फ स्वच्छता सुनिश्चित करेगा बल्कि पीने के लिए सुरक्षित पानी भी मुहैया कराएगा।

पानी की 500 लीटर क्षमता के साथ ‘जल मंदिर’ (वाटर एटीएम मषीन) लगाए गए हैं जो प्रति घंटे 300 लीटर आरओ-प्यूरीफाइड पेयजल मुहैया कराने में सक्षम हैं। कुंभ मेले में भले ही बिजली गुल हो जाए, लेकिन पी-लो पानी की षुद्धता बरकरार रहेगी, क्योंकि प्रत्येक वाटर एटीएम मषीन के लिए चैबीसों घंटे का पावर सप्लाई बैकअप है।

इससे पहले पी-ली टीम भारत के विभिन्न एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) स्थलों पर वाटर एटीएम लगा चुकी है। उदाहरण के लिए, इन स्थानों में हुमायूं का मकबरा, ताज महल, फतेहपुर सीकरी, लाल किला, सफदरजंग टाॅम्ब, कुतुब मीनार और पुराना किला षामिल हैं, जहां वाटर एटीएम लगाए जा चुके हैं।

पी-लो षुद्ध पानी सेवा फाउंडेषन के सह-संस्थापक जतिन अहलावत ने कहा, ‘पी-लो षुद्ध पानी सेवा फाउंडेषन ने हरित कुंभ मिषन के साथ जीवा ग्लोबल इंटरफेथ वाॅष अलायंस के साथ इस दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ में भागीदारी की है। इस कल्याणकारी पहल के जरिये, पी-लो जल मंदिर कुंभ में भक्तों को फ्री आरओ पेयजल मुहैया कराने और मां गंगे और यमुना को प्लास्टिक वाटर बोतलों के कचरे से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।’

पीने लायक पेयजल तक पहुंच पूरे भारत में अभी भी एक प्रमुख समस्या बनी हुई है। इसे एक चिंताजनक क्षेत्र समझते हुए पी-लो षुद्ध पानी सेवा फाउंडेषन ने अपने दो बुनियादी वाहकों – सुलभता और औचित्य पर जोर दिया है। इसने स्वच्छ आरओ पानी मुहैया कराकर यह कार्य किया है। फाउंडेषन ने स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए बायोडिग्रेबल कंटेनर का इस्तेमाल किया है जिससे प्लास्टिक के इस्तेमाल में कमी आई है और प्रकृति की रक्षा की दिषा में बढ़ावा मिला है।

पी-लो के बारे मेंः
पी-लो षुद्ध पानी सेवा फाउंडेषन सभी के लिए स्वच्छ पेयजल मुहैया करने की दिषा में काम कर रहा गैर-लाभकारी संगठन है। पी-लो दिल्ली-एनसीआर में स्मार्ट वाटर एटीएम की पेषकष करने वाला भी पहला संगठन है और उसने जरूरी पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए पूरे भारत में बड़ी तादाद में स्मार्ट वाटर एटीएम लगाने का लक्ष्य रखा है। फाउंडेषन रीसाइकल योग्य पेपर गिलास का इस्तेमाल कर और प्लास्टिक वाटर बोतलों पर निर्भरता घटाकर प्लास्टिक से होने वाले प्रदूशण में कमी लाकर प्रकृति की रक्षा में भी अपना अहम योगदान दे रहा है।

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