पटना, 23 जनवरी 2019: बिहार में आन्ध्र प्रदेश तथा दुसरे राज्यों की मछली बिक्री बंद करने का सरकार के फैसले के खिलाफ विकासशील इंसान पार्टी का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी है. सरकार के इस फैसले से लाखों मछुआरा परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.पार्टी सुप्रीमो सन ऑफ मल्लाह श्री मुकेश सहनी ने ऐलान किया है कि प्रतिबंध हटने तक अनशन जारी रहेगा.
सन मल्लाह श्री मुकेश सहनी का कहना है कि विकासशील इंसान पार्टी द्वारा बिहार के विभिन्न जिलों में आयोजित किए जा रहे ‘माछ-भात’ भोज की अभूतपूर्व सफलता को देखकर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बुरी तरह से परेशान हैं. इसी कारण से एक साजिश के तहत बिहार सरकार द्वारा बिहार में आन्ध्र प्रदेश तथा दूसरे राज्यों से आने वाली मछली की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. इससे लाखों मछुआरा परिवार के रोजगार तथा रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है.
सन ऑफ़ मल्लाह ने सरकार से पूछा है कि अगर बिहार तथा अन्य राज्यों की मछली में फॉर्मेलिन पाया गया है तो बिहार की लोकल मछली पर से कैसे प्रतिबंध हटा लिया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के नेताओं द्वारा मछली पर प्रतिबन्ध लगाकर आन्ध्र प्रदेश की मत्स्य कंपनियों को ब्लैकमेल कर पैसे उगाही करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही बिहार में दर्जनों तालाब सरकार के बड़े-बड़े नेताओं के पास है. उनके द्वारा मछलियों को महंगे दाम पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाने की साजिश की जा रही है.
सन ऑफ़ मल्लाह सरकार को मछली बिक्री पर लगाए प्रतिबन्ध को पूरी तरह से हटाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. ऐसा नहीं होने पर पटना के गर्दनीबाग में पार्टी के दर्जनों पदाधिकारी आमरण अनशन पर बैठे. ज्ञात हो कि विकासशील इंसान पार्टी द्वारा बिहार में मछली बिक्री पर प्रतिबंध के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया था. वीआईपी के विरोध के कारण सरकार को झुकना पड़ा था तथा बिहार की मछलियों की बिक्री पर प्रतिबंध हटाना पड़ा. परन्तु सन ऑफ़ मल्लाह आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाली मछलियों पर हटाने की मांग कर रहे हैं. पार्टी के पदाधिकारियों के आमरण अनशन पर बैठने से सरकार बैकफुट पर आ गई है.
पार्टी की ओर से गौतम बिंद, शिव बचन प्रसाद नोनिया, विजयंता बिंद, स्वर्णलता सहनी, अजय कुमार सहनी, बैद्यनाथ सहनी, राजकुमार सहनी, बालगोविंद बिंद, भगवान चौधरी, सागर केवट, प्रद्युम्न कुमार, व्यास निषाद, राजाराम मुखिया, रविंद्र मल्लाह, संतोष नागर, मिथुन कुमार, राजकुमार निषाद, हीरालाल निषाद, राजदेव प्रसाद, भगवान चौधरी, शिवजी चौधरी, उमेश प्रसाद निषाद, सुरेश सहनी, दिनेश निषाद, उमेश सिंह निषाद, राधेकृष्ण बिंद, जवाहर चौधरी, रामचंद्र सिंह निषाद, रामनंदन प्रसाद, पारस कुमार, राजेश कुमार बिंद, सदानंद सिंह निषाद, प्रह्लाद चौहान, संजीवन बिंद, महादेव कुमार, पुणेश्वर प्रसाद, डॉ आनंदी प्रसाद, धर्मेंद्र चौहान, महादेव कुमार, संजीवन बिंद अनशन पर बैठे हैं.