महिंद्रा बाहा एसएईइंडिया 2019 ने सफलतापूर्वक अपने 12वें संस्करण का समापन किया

· अपने 12वें संस्करण के पहले चरण को पूरा किया

· इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, निरमा विश्वविद्यालय, अहमदाबाद ने ई-बाहा और गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे एम-बाहा श्रेणी में विजेता बने

· ई-बाहा में बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग हुबली ने दूसरा स्थान, और एम-बाहा में डीवाई पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अकुर्डी, पुणे ने दूसरा स्थान और सिल्वर ओक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद से तीसरा स्थान प्राप्त किया

इंदौर, 27 जनवरी 2019: महिंद्रा द्वारा आयोजित बाहा एसएईइंडिया 2019 का पीथमपुर में बहुप्रतीक्षित 12वां संस्करण आज समाप्त हो गया, जिसके कई यादगार क्षण लोगों के दिलों बस गये। इस कार्यक्रम में शामिल 120 एम-बाहा टीमों में से कुल 85 और 50 ई-बाहा टीमों में से 22 ने एंड्योरेंस इवेन्ट्स में भाग लिया।

इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, निरमा विश्वविद्यालय, अहमदाबाद को ‘सर्वश्रेष्ठ ई-बाहा टीम’ और गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे को ‘सर्वश्रेष्ठ एम-बाहा टीम’ घोषित किया गया। एंड्योरेंस इवेन्ट को श्री भरत मूसद्दी, ईवीपी एवं सीएफओ, ऑटो सेक्टर, महिंद्रा एण्ड महिंद्रा लिमिटेड ने झंडी दिखाकर आरंभ किया। इस अवसर पर उनके साथ श्री उमेश शाह, सीनियर वीपी एवं सीओओ (सीवीआरबीयू), गेब्रियल इंडिया लिमिटेड, संयोजक – बाहा एसएईइंडिया 2019, राकेश सूद, एमडी, ट्रिम इंडिया, और डॉ. के.सी. वोरा, सीनियर एडवाइजर, बाहा एसएईइंडिया और वरिष्ठ उप निदेशक, एआरएआई मौजूद रहे।

यह आयोजन ई-बाहा का पांचवा संस्करण था जिसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का लाभ उठाने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में पीथमपुर के 50 कॉलेजों की भागीदारी रही।

बाहा एसएईइंडिया श्रृंखला के 12वें वर्ष में कुल 363 टीमों ने पंजीकरण किया था, जिसमें से 251 (पीथमपुर के लिए 120 एम-बाहा और 50 ई-बाहा, और आईआईटी, रोपड़ के लिए 81) टीमों ने समापन कार्यक्रम के लिए क्वालिफाई किया था। कुल 107 टीमों (एम-बाहा के लिए 85 टीम और ई-बाहा के लिए 22) ने एंड्योरेंस राउंड में जगह बनाई। यह संस्करण देश के विभिन्न हिस्सों के 4250 छात्रों के कारण उल्लेखनीय रहा, जिसमें बाहा एसएईइंडिया 2019 की थीम ’एडवेंचर रीलोडेड’ का जश्न मनाया गया।

महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. पवन गोयनका ने कहा कि “बाहा एसएईइंडिया ने पिछले बारह वर्षों में कदम-दर-कदम मजबूती हासिल करते हुए विकास किया है और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस साल का संस्करण पहले से कहीं अधिक बड़ा और बेहतर रहा है। इस अनूठी पहल की सफलता, हमारी नवोदित इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को पोषित करने और कक्षा में सीखी-समझी गई अवधारणाओं को वास्तविक दुनिया में लागू करने के लिए उन्हें तैयार करने में निहित है। प्रासंगिक बने रहने और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में आने वाले परिवर्तनों के मामले में अपडेट रहने के कारण, बाहा एसएईइंडिया ने ऑटोमोटिव प्रतिभाओं को निखारने में विशेष और उत्साहजनक भूमिका निभाई है।

श्री उमेश शाह, सीनियर वीपी एवं सीओओ (सीवीआरबीयू), गेब्रियल इंडिया लिमिटेड, संयोजक – बाहा एसएईइंडिया 2019, पीथमपुर ने कहा कि “बाहा एसएईइंडिया का उद्देश्य इंजीनियरिंग प्रतिभा को एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है जो उन्हें न केवल सीखने के लिए प्रोत्साहित करे, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान के जरिये भी उनका विकास करे। अपरंपरागत चुनौतियों का सामना करने के लिए, जिसके लिए बाहा एसएईइंडिया के लिए जानी जाती है, छात्रों पर अपरंपरागत समाधानों को आजमाने के लिए दबाव डाला जाता है ताकि नवीनतम विचारों को बढ़ावा मिले। क्योंकि हमने इन सभी वर्षों में बाहा एसएईइंडिया का समर्थन किया, ताकि इंजीनियरिंग के छात्र इंडस्ट्री और समाज का सामना करने वाले विभिन्न मुद्दों के लिए नवीनतम तौर-तरीके विकसित कर व्यावहारिक समाधान निकाल सकें।”

स्टैटिक इवेन्ट्स के लिए टीमों को विभिन्न अन्य पुरस्कार प्रदान किये गये। एमआईटी, पुणे और श्री विष्णु इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ विमेन, भीमवारम, एपी ने क्रमशः एम-बाहा और ई-बाहा के लिए इंजीनियरिंग डिजाइन पुरस्कार प्राप्त किया। एनआईटी, जमशेदपुर ने गो ग्रीन- ऐमिशन अवार्ड जीता। बाहा एसएईइंडिया 2019 पीथमपुर के लिए 32 लाख रुपये की कुल पुरस्कार राशि के अलावा, छात्रों को इस तरह के एक प्रतियोगी कार्यक्रम में भागीदारी करने में उत्साह और उपलब्धि का अहसास हुआ।

चार दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत बेसिक स्टेटिक इवैल्यूएशन राउंड से हुई जिसमें डिजाइन इवैल्यूएशन, कॉस्ट इवैल्यूएशन और मार्केटिंग प्रेजेन्टेशन शामिल था। अंतिम दौर में, टीमों ने अपने रग्ड सिंगल सीट, ऑफ-रोड रिक्रिएशनल फोर-व्हील वेहिकल के अपने प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया और जिनका विभिन्न मापदंडों पर मूल्यांकन किया गया, जिसमें इंजीनियरिंग डिजाइन, सीएई, कॉस्ट और टेक्नोलॉजी इनोवेशन शामिल थे।

प्रतियोगिता का उद्देश्य वास्तविक दुनिया की इंजीनियरिंग डिजाइन प्रोजेक्ट्स और उनसे संबंधित चुनौतियों का अनुकरण करना था। प्रत्येक टीम का लक्ष्य बिना किसी पेशेवर फैब्रिकेटर्स को सीधी भागीदारी के, सुरक्षित, परिवहन, रखरखाव में आसान और ड्राइव करने में आरामदायक प्रोटोटाइप बनाना था।

हालांकि, केवल 60 किमी प्रति घंटे की गति सीमा के प्रतिबंध के अलावा, टीमें अपने स्वयं के ट्रांसमिशन को डिजाइन करने के लिए स्वतंत्र थीं। डायनेमिक एवैल्यूएशन राउंड ने एक्सीलेरेशन, मैनुवर्बिलिटी, रॉक क्रॉल और सस्पेंशन एवं ट्रैक्शन के लिए वाहनों का परीक्षण किया। ड्यूरेबिलिटी इवैल्युएशन राउंड में वाहनों को ई-बाहा के लिए दो घंटे और एम-बाहा के लिए चार घंटे के एंड्योरेंस टेस्ट से गुजरना पड़ा। एंड्योरेंस इवेंट में प्रत्येक वाहन की लगातार चलने की क्षमता और विभिन्न बाधाओं वाले रफ टेरेन पर स्पीड का आकलन किया।

28 और 29 जनवरी 2019, बाहा एप्टीट्यूड टेस्ट (बीएटी) में चुने गए छात्रों को मोटर वाहन क्षेत्र में प्रसिद्ध कंपनियों में रोजगार प्राप्त करने के लिए साक्षात्कार देने का अवसर मिलेगा। चयनित इंजीनियरों को कंपनियों से स्पॉट ऑफर लेटर दिये जायेंगे।

बाहा एसएईइंडिया 2019 के 12वें संस्करण का दूसरा भाग आईआईटी, रोपड़, पंजाब में 8 से 10 मार्च, 2019 के बीच आयोजित किया जायेगा।

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