जितनी होगी मेहनत, उतना भरेगा सफलता का घड़ा – अतुल मलिकराम

आनलाईन शॉपिंग और फूड डिलीवरी के जमानें में अगर आप किसी से पूछेंगे कि वो चाहते क्या हैं तो जबाव एक ही मिलेगा ‘कम्फर्टेबल लाइफ’। ‘क्लिक एंड डन’ के जमाने ने लाईफ को कुछ ज्यादा ही कम्फर्टबल बना दिया है। हमारी जरूरतें तो केवल एक क्लिक की दूरी पर हैं, लेकिन लक्ष्य, उनका क्या? कम्फर्टेबल लाइफ के चक्कर में हमने अपने लक्ष्यों से दूरी बना ली है।

ऐसा नही है कि हम जीवन में लक्ष्य निर्धारित नही करते, बिल्कुल करते हैं। लेकिन हम में से कितने ऐसे हैं जो अपने लक्ष्यों की पूर्ति कर पाते हैं? अगर आप खुद से जबाव पूछेंगे तो अधिकतर को उत्तर न ही मिलेगा। जी हां, हममें से बहुत कम ही ऐसे हैं, जो अपने निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति कर पाते हैं। जबकि अन्य केवल अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने के बजाय इसे आसान बनाने की कोशिश में लग जाते हैं।

ऐसे लोग हर रात केवल ये सोचकर सोते हैं कि हम कल से लक्ष्यपूर्ति की शुरूआत करेंगे, लेकिन उनका वो कल कभी नही आ पाता और वक्त बीतने के बाद वो केवल अफसोस करते रह जाते हैं कि काश उस वक्त मैने ये कर लिया होता तो आज मै यहां न होता।

सक्सेस फंडा बिल्कुल सिंपल सा है दोस्तो, अगर आपने जिंदगी में लक्ष्य निर्धारित किए हैं तो उस तक पहुंचने के लिए आपको हर रोज मेहनत की सीढ़ियां चढ़नी जरूरी है। जितना सुंदर आपका लक्ष्य होगा, उतनी ही कड़ी मेहनत आपको करनी होगी।

जो ये सोचते हैं कि ये संभव नही, वो संभव नही, वो गलत सोचते हैं क्योंकि इस दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नही है। लक्ष्य चाहे कितना भी कठिन क्यूं न हो, अगर हम दृढ़ता के साथ उस रास्ते पर चलते चले जायें तो मंजिल जरूर मिलेगी। हां, लेकिन रूकना नही होगा, मंजिल पाने के लिए खुद को मेहनत की आग में तपाना होगा, क्योंकि सफलता, किसी एप्प पर उपलब्ध नही है, जिसे आपऑनलाइन डिलीवरी करके मंगा सकते हैं। सपने, क्लिक से नही मेहनत से पूरे किए जाते हैं, कठिन रास्तो पर से गुजरना पड़ता है, तब जाकर एक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख पाता है।

याद रखिए जितनी आप मेहनत करेंगे, उतना ही सफलता का घड़ा भर सकेगा। अगर लक्ष्य बड़ा है तो मेहनत भी दोगुनी करनी होगी। सफलता के लिए शुरूआत कल से नही बल्कि अभी से करनी होगी। आपका प्यार, आपकी पूजा आपका ईश्वर, आपका लक्ष्य होना चाहिए, इसलिए आज से अभी से अपने लक्ष्य को पाने में जुट जाईए और तब तक जुटे रहिए, जब तक आप सफलता के शिखर पर पहुंच नही जाते।

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