निमाड़ के लघुकथाकारों की लघुकथाओं का अगला संकलन होगा

पं. राम नारायण उपाध्याय की स्मृति में लघुकथाकार को सम्मानित किया जावेगा .. डाँ.कांताराय।

कथा जिंदगी के कालखंड का बयान है तो लघुकथा जीवन के किसी खास पल को जीने का नाम है-लघुकथा शोध केंद्र भोपाल की खण्डवा शाखा की स्थापना पर नवगीतकार श्री रघुवीर शर्मा ने पूरे कार्यक्रम का सार प्रस्तुत करते हुए यह बात कही। केंद्र निदेशक भोपाल डॉ कांता रॉय ने लघुकथा पर सतत शोध को समय की जरूरत बताया, उन्होंने कहा निमाड़ की माटी में साहित्य के बीज बिखरे पड़े है,उन्हें पनपने का समुचित अवसर देना ही लघुकथा शोध केंद्र का उद्देश्य है।डॉ कांता रॉय ने खण्डवा शाखा की स्थापना की घोषणा करते हुए श्री गोविन्द शर्मा को संयोजक मनोनीत किया। उन्होंने घोषणा की कि 19 जून 2020 को भोपाल में आयोजित होने वाला कार्यक्रम पद्ममश्री पं. राम नारायण उपाध्याय पर केन्द्रित होगा । उनके नाम से ही एक लघुकथाकार को सम्मानित किया जावेगा। विजयजोशी महेश्वर ने निमाड़ के रचनाकारों पर केंद्रित लघुकथा ग्रंथ के प्रकाशन पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया। श्री हरीश दुबे महेश्वर ने अपनी मर्मान्तक लघुकथा से श्रोताओं की संवेदनाओं को गहरे तक छुआ। श्री शिशिर उपाध्याय बड़वाह ने लघुकथा के इतिहास एवम अकादमिक पक्ष पर विस्तार से अपने विचार रखे। वरिष्ठ लघुकथाकार श्री हेमन्त उपाध्याय ने शहर की साहित्यिक बिरादरी की ओर से संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा आज के पाठक उपन्यास या लंबी कहानी पढ़ने से कतराते हैं,अब भविष्य लघुकथा का ही है। संगोष्ठी में लघुकथा के संकलन समय की दस्तक का विमोचन भी किया गया,ग्रन्थ का संकलन सम्पादन डॉक्टर कांता रॉय ने किया है।
शहर की दिव्यांग लघुकथाकार दर्शना जैन को शोध केंद्र की निदेशक एवम अतिथियों के द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। श्री आनंद पेंडसे संयोजक मराठी पाठक मंच एवम श्री संतोष तिवारी रंगकर्मी एवम साहित्यकार को भी सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी में सर्वश्री शरद जैन,वीणा जैन, प्रवीण जैन,सरोज जैन,दर्शना जैन,कैलाश मंडलेकर, जगदीश चौरे .अरुण सातले,श्याम सुंदर तिवारी, वैभव कोठारी, आलोक जोशी, मंगला चौरे, शांता गीते, राजश्री शर्मा,प्रीति तिवारी ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन एवम आभार प्रदर्शन गोविन्द शर्मा ने किया।

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