डिफेंस एक्सपो 2020 का कल पीएम करेंगे उद्घाटन

दुनिया देखेगी रक्षा क्षेत्र में भारत की ऊंची उड़ान का नजारा
संजय सक्सेना,लखनऊ
लखनऊ। डिफंेंस एक्सपो 2020 में भाग लेने के लिए आने वाले मेहमानों का स्वागत करने के लिए तहजीब का शहर लखनऊ पूरी तरह से तैयार हो गया है। वैसे तो पांच दिनों का यह आयोजन हथियारों की खरीद-बिक्री और प्रदर्शन के लिए है,लेकिन एक्सपो के बहाने भारत अपनी सैन्य ताकत से भी दुनिया को रूबरू करा देगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल पांच फरवरी को लखनऊ में डिफंेस एक्सपो-2020 का उदघाटन करेंगे,लेकिन इससे पहले आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्सपों की कमान संभाल ली। एक्सपो में हजारों की तादात में देशी-विदेशी कम्पनियां, तमाम देशों के राजनेता, रक्षा मंत्री और रक्षा विशेषज्ञ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उत्तर प्रदेश की राजधानी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ में कल (05 फरवरी) से देश का हथियारों का सबसे बड़ा मेला लगने जा रहा है जिसका उदघाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे तो इनमें थाइलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रेयुट छानो-ओ-छा और नाइजर के डिफेंस मिनस्टर इसोयूफू काटाम्बे समेत 25 देशों के रक्षामंत्री भी शामिल होंगे। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा कई देशों की सेनाओं के विंग प्रमुख भी अपनी टीमों के साथ मौजूद रहेंगे। 5 से 08 फरवरी के बीच चलने वाले 11वें डिफेंस एक्सपो इंडिया-2020 की थीम ‘भारतःउभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र‘ रखा गया है।
लखनऊ में पहली बार आयोजित हो रहे डिफेंस मेले में दुनियाभर के अत्याधुनिक हथियारों की न केवल प्रदर्शनी लगाई जाएगी,बल्कि कई देश रक्षा उपकरणों की खरीददारी भी कर सकते हैं। डिफेंस मेले में यूएस,यूके,ब्राजील एवं नार्वे सहित करीब 70 देशों की सैन्य उपकरण बनाने वाली कम्पनियां अपने सैन्य उत्पाद पेश करेंगे। करीब 50 देशों से इसकी पुष्टी भी आ चुकी है। भारत की भी कई छोटे कलपुर्जे बनाने वाली कम्पनियों ने भी डिफेंस एक्सपो के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। भारत की ओर से डीआरडीओ और एचएएल भी अपने उपकरणों के साथ मौजूद रहेंगे। निश्चित ही यह प्रदर्शनी रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए उत्तर प्रदेश को उभरते हुए आकर्षक ठिकाने के रूप में स्थापित करेगी। साथ ही यह रक्षा उद्योग में साझीदारी व संयुक्त उद्यमों के लिए प्लेटफॉर्म भी मुहैया कराएगी।
गौरतलब हो, उत्तर प्रदेश में रक्षा उद्योगों के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा उपलब्ध है। यहां हिदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड की चार इकाइयां- लखनऊ, कानपुर, कोरवा (अमेठी) व नैनी (प्रयागराज), नौ आयुद्ध निर्माण इकाइयां व एक सार्वजनिक क्षेत्र का रक्षा उपक्रम- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, गाजियाबाद में स्थित है। भारतीय रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमता व निर्यात की संभावनाओं के प्रदर्शन का यह बेहतरीन मौका होगा। पिछली बार इस प्रदर्शनी का आयोजन अप्रैल 2018 में चेन्नई के नजदीक तिरुविदंतई में हुआ था। 05 फरवरी से ही लखनऊ के रिवर फ्रंट पर भी डिफेंस एक्सपो आयोजन शुरू होगा। डिफेंस एक्सपो में वृंदावन योजना स्थल पर थल और वायु सेना के जवान देश की ताकत का अहसास करवाएंगे तो रिवर फ्रंट पर नेवी के जवान भारत की जल शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।
एक्सपो में शामिल होने के लिए अरमेनिया, बहरीन, तुर्केमेनिस्तान, यूएई, युगांडा, यूनाइटेड किंगडम, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, जिम्बावे, अफगानिस्तान, अंगोला, अर्मेनिया, ओमान, कतर, रूस, रवाडा, सऊदी अरब, सर्विया, सेचेलीज, श्रीलंका, तजाकिस्तान, थाइलैंड, जमैका, मालदीव व नाइजर के मंत्री भी पधार रहे हैं। इनके अलावा कई देशों की तीनों सेनाओं के प्रमुख व उनकी सिक्युरिटी विंग के इंटरनल अफसर, फील्ड अफसर व इंटरनल कोऑपरेशन विंग के सदस्य भी एक्सपों में मौजूद रहेंगे।
डिफेंस एक्सपो का हिस्सा बनने के लिए अब तक 989 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। सेना की प्रवक्ता गार्गी मलिक ने बताया कि इनमें 165 विदेशी मेहमान हैं। इन लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है। डिफेंस एक्सपो के दौरान साइन होने वाले एमओयू को धरातल पर पहुंचाना केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। यूपी सरकार को इसमें केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।
डिफेंस एक्सपो में भारतीय सेना का टी-90 टैंक, सर्फेस माइन क्लियरिंग सिस्टम, ब्रिज लेयर टैंक, बोफोर्स तोप, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल लॉन्चर, चीता हेलिकॉप्टर, आर्म्ड रिकवरी वीइकल, आकाश मिसाइल, वज्र, अल्ट्रालाइट होवित्जर तोप, पिनाका व इंदिरा रेडार, हाई मोबिलिटी वीईकल और अडवांस्ड हेलिकॉप्टर ध्रुव समेत कई हथियार शामिल होंगे। इसके अलावा डीआरडीओ निर्मित अर्जुन टैंक, मॉड्यूलर ब्रिजिजिंग सिस्टम, आर्म्ड प्लैटफॉर्म, रिमोटली ऑपरेटेड सिस्टम रेडार, अडवांस्ड रोड आर्टिलरी गन सिस्टर्न और रोबोट भी बिजनेस-डे में शामिल होंगे। वहीं वायु सेना की ओर से एमआई-17, तेजस व एएलएच हेलीकॉप्टर अपनी ताकत दिखाएंगे।
वृंदावन योजना-सेक्टर-15 में 42000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल मेें एक्सपो लगेगा। सेना की पीआरओं गार्गी मलिक ने बताया कि एक्सपो के आयोजन की नोडल एजंेसी सेना की मध्य कमान है। वृंदावन योजना और रिवर फ्रंट के दोनों आयोजन स्थल मध्य कमान ने अपनी सुपुर्दगी में ले लिए है।

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