आत्मनिर्भर भारत और गरीब कल्याण रोज़गार अभियान की रीढ़ होगा कौशल विकास- डॉ महेंद्र नाथ पांडे

नई दिल्ली, जून 30, 2020: माननीय केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय ने आज कहा कि भारत के मौजूदा कार्यबल की स्किलिंग, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग केंद्र सरकार के संकल्प के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत एवं हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में शुरु की गई गरीब कल्याण रोज़गार अभियान की सफलता में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ। महेंद्र नाथ पांडे ने एसोचैम द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि सरकार को जल्द ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अगले चरण पर मंजूरी मिलने वाली है, जिसमें मुख्य रूप से इंडस्ट्री4।0 से संबंधित मांग संचालित कौशल विकास, डिजिटल प्रौद्योगिकी और कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी फ्लैगशिप स्किल ट्रेनिंग स्कीम (PMKVY 2016-2020) की वर्तमान समयसीमा अब समाप्त हो रही है, जिसके अंतर्गत अबतक देश के करीब 73 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
कोविड-19 के बाद कौशल विकास के कार्यक्रमों पर एसोचैम द्वारा आयोजित किए गए वेबिनार को संबोधित करते हुए डॉ। पांडेय ने कहा कि हमें वर्तमान परिदृश्य में मुख्य रूप से रोजगार पर ध्यान देने की आवश्यकता है, इसलिए हम पीएमकेवीवाई के अगले चरण में मांग आधारित कौशल पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जहां हमने कुछ अन्य पहलुओं को जोड़ा है – जैसे जिला कौशल समितियों को मजबूत करना एवं स्थानीय रोजगार कार्यालयों के साथ जुड़ना। इसके साथ ही इसमें जिला आयुक्त एवं राज्य कौशल विकास मिशन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी जोकि उद्योग निकायों से जुड़े होंगे, ताकि हम मांग आपूर्ति की खाई को पाट सकें और अपने गृह राज्यों को लौट चुके प्रवासी श्रमिकों को प्रासंगिक प्रशिक्षण प्रदान कर सकें।

उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सरकार सामाजिक और शारीरिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए पीएमकेवीवाई केंद्रों और आईटीआई संस्थानों को 2-3 शिफ्टों में चलाने की अनुमति देगी।

उन्होंने उद्योग जगत से इस अभियान को बड़े शहरों से लेकर छोटे जिलों एवं गाँवों तक ले जाने के अनुरोध के साथ ही देश में युवाओं के विकास एवं रिस्किलिंग में निवेश करने का आग्रह किया, ताकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गए आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देते हुए सफल बनाया जा सके।उन्होंने कहा “हम निजी क्षेत्र के लोगों को आगे आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं ताकि वे प्रशिक्षण देने के साथ ही, वोकल फॉर लोकल मुहीम एवं सेवाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करें। जिससे घरेलु आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के साथ ही युवाओं को सशक्त बनाया जा सके।

मंत्री ने अनुरोध करते कहा कि, “मैं उद्योग जगत से प्रवासी मजदूरों के प्रति दयालु होने, उनकी बेहतर काउंसलिंग करने, उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने एवं वापस आने वाले और काम करने का इरादा रखने वालों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए अपील करता हूं।”

चीन को दिए गए एक स्पष्ट संदेश मेंडॉ पांडे ने कहा, “हमारा पड़ोसी देश अपने ऊपर लगे धब्बों को मिटाने की कोशिश के साथ ही विस्तारवादी नीति पर काम कर रहा है, लेकिन उन्हें अब यह भली-भांति समझ में आ चुका है कि इस बार उनका सामना अपेक्षाकृत एक बहुत मज़बूत प्रतिद्वंदी से है और उन्हें इस बात को और अधिक स्पष्ट रूप से जानना होगा क्योंकि हमारा पूरा देश आज एकजुट है।”

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय ने विभिन्न योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा, “हम कौशल प्रबंधन सूचना प्रणाली पर भी काम कर रहे हैं, जो संपूर्ण कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को एक आम वेब पोर्टल पर लाएगा और मांग के अनुसार कुशल कर्मचारियों की आपूर्ति के लिए एक एग्रीगेटर के रूप में काम करेगा। ”

उन्होंने आगे बताया कि “हमारी योजना कौशल प्रशिक्षण के ऑन-द-जॉब मॉडल यानी कि अप्रेंटिसशिप को और सरल बनाने की है, ताकि उद्योग जगत प्रशिक्षुओं को स्किल प्रदान करने में किसी भी प्रकार का संकोच न करें बल्कि उत्साह के साथ इस कार्य को करें। इस विषय पर हम उद्योग जगत से सुझाव लेंगे। हालाँकि हम पहले भी इसपर चर्चा कर चुके हैं और इस कार्ययोजना पर आगे बढ़ रहे हैं।

चर्चा को विस्तृत स्वरूप देते हुए मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय देश भर में कुशल व्यक्तियों के डेटा को संकलित करने के लिए अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिन्हें केवल एक क्लिक पर उपलब्ध कराया जाएगा।“देश के कुशल युवाओं के डेटाबेस में उन लोगों का भी पंजीकृत डेटा होगा जो रिवर्स माइग्रेशन के तहत विदेशों से वापस आए हैं।एमएसडीई की क्रियान्वयन संस्था एनएसडीसी, ‘स्वदेस ’नामक एक प्रभावी एप्लिकेशन लाई है, जिसके तहत विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय दोनों ही इस जानकारी को पूरा करने और वर्कफोर्स को उनके कौशल के अनुसार अलग-अलग करने में सहयोग कर रहे हैं, ताकि वे बाद में देश के भीतर रोजगार के अवसरों से जुड़ सकें और निजी एवं राष्ट्र के समग्र विकास में शामिल हो सकें।

उन्होंने कहा कि लगभग 20,800 लोग पहले से ही स्वदेस एप्प के माध्यम से जुड़े हुए हैं। “भविष्य में, हमारी बड़े पैमाने पर योजना है कि उनके कौशल का इस्तेमाल हो और उनके कौशल का उपयोग करने में उद्योग निकायों की मदद भी मिले और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ें, वे ट्रेनर के रूप में प्रोन्नति करें”।

डॉ। पांडे ने कहा कि कौशल विकास के मामले में उद्योग की भूमिका और जिम्मेदारी वर्तमान परिदृश्य के दौरान बढ़ी है, क्योंकि सरकार विचारों को साझा कर रही है और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रही है और ये समय सभी के लिए अधिक सुरक्षित और बेहतर आजीविका सुनिश्चित करते हुए, राष्ट्र के नागरिकों के लिए एकीकृत समाधान का आह्वान करता है।

“कोविड -19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर, हमें नए तरीकों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र में, समग्र मानसिकता और व्यापार करने की दिशा में अपने नजरिए में बड़े बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि हमें डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग को अधिक महत्व देना है” मंत्री ने कहा।

अपने स्वागत संबोधन में, ASSOCHAM के अध्यक्ष, डॉ। निरंजन हीरानंदानी ने कहा, “सभी उद्योग, स्वेच्छा से इस लड़ाई को संयुक्त रूप से लड़ने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे और माननीय प्रधानमंत्री जी को नए आत्मनिर्भर भारत के विज़न को पूरा करने में सहयोग देंगे।”

एसोचैम, नेशनल काउंसिल ऑन स्किल डेवलपमेंट के को-चेयरमैन, श्री मनिंदर नैय्यर ने कहा, “कोविड -19 के बाद, नए क्षेत्र उभरने के लिए तैयार हैं, इनमें कौशल के नए स्तरों की आवश्यकता है, जैसे कि सरकार और उद्योग के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे भविष्य की संभावनाओं की भविष्यवाणी करें और उनके लिए आज ही तैयारी करें। ”

वेबिनार को संबोधित करने वाले अन्य लोगों में – सुश्री दिव्या जैन, को-चेयरमैन, एसोचैम, नेशनल काउंसिल ऑन स्किल डेवलपमेंट; डॉ, डारली कोशी, डाइरेक्टर जनरल, अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर; श्री एन।के। महापात्रा, सीईओ, इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर स्किल काउंसिल और श्री पवन अग्रवाल, एमडी एंड सीईओ, स्मार्टस्किल्स बिट्स एंड बाइट्स प्रा। लि।शामिल रहे।

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