56 बसंत पूरे होने पर संतोष गंगेले की अभिनव पहल

छतरपुर- नौगॉव उत्सव वाटिका में आयोजित कु0 समीक्षा पुत्री श्री करन पाठक नि0 सिंगरावनकला के विवाह समारोह में नगर के समाजिक कार्यकर्ता श्री संतोष गंगेले ने अपने जीवन का एक नया अभिनव पहल के साथ समाज को नया संदेष देने हेतू सामाजिक प्रयास किया है । इस आयोजन में कन्या पक्ष की सैकड़ों महिलाये व बच्चेों के साथ अनेक बुजुर्ग सामाजिक व्प्यक्ति थें जिनके बीच ब्राम्हण समाज के बच्चों को नई दिषा के साथ श्री राम चरित मानस ग्रन्थ , आरती संग्रह साहित्य , रामायण बैठकी रहल उपहार स्वरूप कु0 समीक्षा को दी गई तथा अनुरोध किया गया कि -वह अपने जीवन में श्री राम चरित मानस पाठ को नित्य नियम में बनाये जिससे स्वयं अध्यात्मिकता से जुड़ेगें साथ ही परिवार में धार्मिक वातावरण अच्छा होगा । इस आयोजन में ं भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक (गुड्डन) उपस्थित थें , उन्होने इस अभिनव पहल की सराहना करते हुये कहा िकइस प्रकार का प्रयास समाज को नया संदेष देगा ।
भारतीय संस्कृति एंव संस्कारों को बचाने केलिए हर समाजसुधारक एवं देष प्रेमी अपने अपने विचार व वुध्दि विवेक ज्ञान व आत्मवल के माध्यम से समाज में कार्य करते आ रहे है, समाज में व्याप्त वुराईयों एवं सामाजिक पतन को रोकने केलिए देष के अंदर संत महापुरूषों, विव्दानों, कथा वाचक, समाजसेवी, कवि साहित्यकार, पत्रकार लेखक अपनी ष्षक्ति व सामर्थ के अनुसार कार्य कर रहे है । लेकिन फिर भी बर्तमान समाज दिषाहीन हो रहा है जिसको संभालना बहुत आवष्यक हो गया है । हमारी भारतीय संस्कृति, संस्कारों को बिलोपित करने केलिए विदेषी षक्तियॉ ,चलचित्र,सीरियल, नृत्य,विज्ञापन,आज की युवा पीढ़ी को दिषाहीन करने में लगी है । जिसको रोकने का कार्य अब कागजों तक सीमित न हो इसके लिए हर भारतीय को अपने आप को स्वयं तैयार करना होगा, इसके लिए भगवान श्री राम की लीलाओं व चरित्र आधारित संत बाबा तुलसीदास व्दारा रचित श्री राम चरित मानस ही एक ऐसा ग्रन्थ है जो भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को बचा सकता है तथा व्यक्ति को जीवन जीने की कला दे सकता है । आज का युवा अध्यात्मिकता एवं धार्मिक ग्रन्थों से परहेज कर गलत रास्ता अपना रहे है , इसलिए युवाओं को दिषा देने केलिए समाज में ऐसे कार्य करने की आवष्यकता है जिससे युवा अपनी ष्षक्तिओं को पहचान सकें तथा अपने आत्म सम्मान व आत्म बल की स्वयं रक्षा कर सके ।
उपरोक्त विचार नगर के बरिष्ठ पत्रकार लेखक, समाजसेवी संतोष गंगेले ने अपने 56 बसंत पूरे होने पर अपने मित्रों एवं सहयोगियों के बीच रखते हुये कहंे, उन्होने कहा कि इस काया ने अपने जीवन के 56 बर्ष खट्टे मीठे अनुभव के साथ पूरे किये है । बाकी समय समाज सेवा व समाज सुधारने में लगाने का संकल्प लिया है । समाज को दिषा देने एवं समाज को अपने पूर्वजों , महापुरूषों, संतो ंके बताये मार्ग पर चलने केलिए 11 दिसम्बर 2012 से संबंधित ब्राम्हणों एवं पंडितों के बेटी लाड़ती लक्ष्मी के निमत्रंण में ष्षामिल होने के साथ ही बेटी के विवाह महोत्सव में जयमाला होने के साथ ही मच पर मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी की लीलाओं व चरित्र पर लिखा गया ग्रन्थ कु0 समीक्षा पाठक को मंडप के नीचे डा0 भगवान दास पटैरिया महासचिव श्रीराम चरित्र मानस सत्संग समिति नोयडा, श्री प्रकाष नारायण नायक, श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक उर्फ गुड्डन पाठक भाजपा महामंत्री, कु0 समीक्षा के पिता श्री करण कुमार पाठक पं0 श्री राम कृपाल सौनकिया आदि ब्राम्हणों के समक्ष श्रीराम चरित मानस एवं आरती संग्रह पीले बस्त्र में संग्रह कर भेंट किया तथा संकल्प लिया कि वह अपने परिवारिक जीवन में प्रवेष के साथ ही अपनी संस्कृति एंव संस्कारों के साथ भगवान श्री राम व माता जानकी जी के आर्दषों व उनके जीवन की रीति रिवाज व परम्पराओं को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास कर जीवन की गाड़ी का संचालन करेगे । उन्होने बताया कि वह अपने जीवन में भगवान श्री चरित मानस का पाठ स्वयं करते आ रहे है तथा उन्होने अपनी बेटी कु0 अभिलाषा जो एक कंपनी में नौकरी हेतू नियुक्त हुई हैं उसे सप्रेम भेंट श्री राम चरित मानस ही देकर संकल्प दिलाया था कि -वह अपनी नौकरी पर जाने के पूर्व इस ग्रन्थ का जरूर कुछ न कुछ अंष प्रतिदिन पढ़कर अपने जीवन का संचालित करें ।
समाजसेवी संतोष गंगेले ने कहा कि वह अपना संकल्प नगर के विव्दान मानस मर्मज्ञ, समाजसेवी सेवानिबृत सीएमओ पं0 श्री बृजगोपाल पाठक जुझारू निवासी सिंगरावनकला के सुपुत्र श्री करन कुमार पाठक की सुपुत्री सो0का0 समीक्षा का विवाह 11 दिसम्बर 2012 को उत्सव वाटिका नौगॉव जिला छतरपुर में चि. श्रीराम (नैवी) सुपुत्र स्व0 श्री गिरजा प्रसाद रिछारिया नि0 बुड़रख ब्लाक नौगॉव जिला छतरपुर मध्य प्रदेष के साथ सम्पन्न होने गया है ,इस विवाह उत्सव में वर-वधु को श्रीराम चरित मानस भेंट कर अपने जीवन को समाज के प्रति संकल्प के साथ समर्पित किया है ।

1 thought on “56 बसंत पूरे होने पर संतोष गंगेले की अभिनव पहल”

  1. इस समाचार से समाज को क्या मिलने बाला है…?

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