कोका-कोला ने मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में सुखाड़ नदी के पुनरुद्धार के लिए की मदद, साढ़े आठ हजार से ज्यादा जिंदगियां होंगी लाभान्वित

अलीराजपुर, 22 सितंबर 2020। राजपुताना सोसाइटी ऑफ नैचुरल हिस्ट्री भरतपुर (आरएसएनएच) के साथ साझेदारी में भारत में अपने जल प्रबंध कार्यक्रमों को तेज करते हुए कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन आनंदना ने मध्य प्रदेश के जिले अलीराजपुर में सुखाड़ नदी के लिए वर्षा जल संचयन संरचनाओं के विकास के उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। एक स्थायी मॉडल बनाने के उद्देश्य से, सुखाड़ परियोजना उस समुदाय के लिए पीने और कृषि के लिए इष्टतम पानी की सुविधा प्रदान करेगी जो भोजन और आजीविका की तलाश में पलायन करने के लिए मजबूर हैं। महामारी की चुनौतियों के दौरान, इस परियोजना ने 8500 से ज्यादा लोगों और 1400 से ज्यादा परिवारों को लाभान्वित किया, जो कि सेजगांव, राजावत, पलवत, तलवात, तीती और खारपई गांवों में लगभग 93 फीसदी देशज आबादी हैं। इसके अतिरिक्त, इसने एक अरब लीटर से अधिक वर्षा जल संचयन को संभव बनाया है, जिससे 95 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है। इसके अलावा, इसने महामारी और प्रतिबंधों के इस दौर में ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध कराए हैं।

मध्यप्रदेश के कुछ चुनिंदा जिले ऐसे हैं, जो भीषण जल संकट और बड़े पैमाने पर प्रवासन के लिए जाने जाते हैं और सरकार द्वारा देश में पानी की कमी वाले क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किए गए हैं। मानव विकास सूचकांक में अंतिम स्थान पर रहे, अलीराजपुर जिले में रहने वाले समुदाय वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत वर्षा आधारित कृषि है। क्षेत्र में पानी की अनुपलब्धता की वजह से किसानों की कृषि उपज में कमी और इस वजह से उनकी आय में काफी गिरावट आई है। जल संरक्षण के लिए उचित योजना और सुविधाओं की कमी की संयुक्त वजह से समुदायों को पानी हासिल करने के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता है। इससे उनकी खेती आर्थिक तौर पर अस्थिर बनती जा रही है।

कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन, आनंदना ने छोटी-छोटी नदियों के पुनरुद्धार का काम अपने हाथ में लिया और पीने, कृषि और समग्र पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रचुर पानी की सुविधा प्रदान की है। जलग्रहण क्षेत्र में निर्मित दो चेक डैम और अन्य संरचनाओं से न केवल पानी की भारी मात्रा का संरक्षण हुआ बल्कि भूजल स्तर को फिर से भरने में मदद भी मिली। इसके फलस्वरूप वनस्पतियों और जीवों के लिए प्राकृतिक आवास का पुनरुद्धार हो सकेगा। संरक्षित पानी संभावित रूप से कम से कम दो मौसमों के लिए समुदायों के काम आएगा और किसान अब हर साल दो फसलों की खेती कर सकते हैं।

सुखाड़ पुनरुद्धार परियोजना के सफल समापन पर टिप्पणी करते हुए, कोका-कोला इंडिया और साउथ वेस्ट एशिया के वाइस प्रेसिडेंट, पब्लिक अफेयर्स, कम्युनिकेशसं एंड सस्टैनबिलिटी, इश्तियाक अमजद ने कहा, “भारत की जल चुनौती को दूर करने के लिए जल संरक्षण सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। भारत भर में स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी में कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन (आनंदना) ने पिछले 10 वर्षों से इसके लिए हर मुमकिन योगदान दिया है। इस प्रकार हमने अब तक 550 से ज्यादा गाँवों में 13 बिलियन लीटर पानी के भंडारण की क्षमता पैदा की है, जिससे आठ लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित हुए हैं। हमारा मानना है, टिकाऊ और प्रभावी जल प्रबंधन समाधान खोजने के लिए सरकारों और स्थानीय समुदायों के साथ काम करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमारे साथी राजपुताना सोसाइटी ऑफ नैचुरल हिस्ट्री ने हमें परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने और अलीराजपुर जिले के समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डालने में मदद की है। हम समुदाय और पर्यावरण के लिए योगदान करने की दिशा में अपने निरंतर प्रयासों को जारी रखेंगे। ”

राजपुताना सोसाइटी ऑफ नैचुरल हिस्ट्री की प्रेसिडेंट डॉ. स्वाति संवत्सर ने इन पहलों के लिए स्थानीय समुदाय के प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “सुखाड़ परियोजना के साथ, हमारा उद्देश्य मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में असाध्य जल संकट के प्रबंधन और उसे कम करने के लिए तत्काल और स्थायी समाधान के साथ आना था। दशकों से भीषण जल संकट के कारण क्षेत्र के समुदाय आजीविका के बुनियादी साधनों से जूझ रहे हैं। हम इस परियोजना के प्रति कोका-कोला की प्रतिबद्धता को देखकर काफी अभिभूत हैं। फिलहाल फैली वैश्विक महामारी से उत्पन्न चुनौतियों और प्रतिबंधों के बावजूद परियोजना को पूरा करना हमारे लिए बहुत बड़ी जीत है। परियोजना को बाधित करने वाले श्रम और मानसून की कम उपलब्धता जैसे कारकों के बावजूद ग्राम समुदाय हमारे समर्थन में एक साथ आए और उन्होंने परियोजना की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ काम किया। हमें उम्मीद है कि इन जल समाधानों की बदौलत ग्रामीणों को दीर्घकालिक रूप से बहुत लाभ मिलेगा। ”

कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन आनंदना बड़े पैमाने पर समुदायों के समग्र विकास के लिए जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है। 2007 में अपनी स्थापना के बाद से, फाउंडेशन ने सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, अपशिष्ट प्रबंधन, जैव विविधता और पोषण से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने स्थायित्वपूर्णता के प्रयासों को विकसित और संरेखित किया है।

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