1987 से समाज को सशक्त व शिक्षित कर रहा है अखिल भारतीय ग्रामीण उत्थान समिति

नई दिल्ली, नवंबर, 2021: अखिल भारतीय ग्रामीण उत्थान समिति (ABGUS) की स्थापना अपने आप में एक प्रेरक कहानी है। भारत के उच्च संस्थान (दिल्ली विश्वविद्यालय और एक्सएलआरआई) से शिक्षा प्राप्त करने के बाद, श्री राजेश वर्मा, संस्थापक, अखिल भारतीय ग्रामीण उत्थान समिति को तीन दशको से अधिक का अनुभव है। ग्रामीण और शहरी समुदायों व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ बड़े पैमाने पर काम करने के बाद, उन्होंने सामाज के लिए काम करने का फैसला किया। जिसमें वे समाज के कमजोर वर्गो को समान अधिकार दिलाने का प्रयास कर रहे है।

वर्ष 1987 से, ABGUS की टीम ने वंचित और कमजोर समुदायों के लोगों का विकास करना शुरू किया। एक सामाजिक संगठन के रूप में स्वयं को अलग करने के लिए, ABGUS एकीकृत ग्रामीण और समग्र विकास के लिए उत्प्रेरक परिवर्तन प्रतिनिधि के रूप में काम किया है। ABGUS ने अब तक कुल 17 ग्राम तालाबों का कायाकल्प किया है एंव हरियाणा और राजस्थान के 12 गांवों में यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड और अन्य हितधारकों जैसे सामुदायिक- आरओ संयंत्रों के साथ काम कर सुरक्षित एंव साफ पेयजल उपलब्ध कराया है। ABGUS ने पटियाला में एचयूएल के सहयोग से एक अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र की स्थापना की है और जिसका लक्ष्य प्रति दिन लगभग 40 KL अपशिष्ट जल को पुन: उपयोग करना है।

इन वर्षों में, ABGUS ने अपने टीम का विस्तार करते हुए अपने प्रभाव क्षेत्र को अनेक परियोजनाओं के माध्यम से बढाया है। जिसके अंतर्गत,प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण, बाल संरक्षण, भागीदारी और विकास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर सीखने के परिणाम, प्रजनन स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन, सामुदायिक स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूह, सतत सामुदायिक विकास के लिए 1997-2021 तक विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ काम किया।

अभी तक ABGUS ने अपने कार्यक्रमों और सेवाओं के माध्यम से लगभग 6 लाख कमजोर लोगों के जीवन को प्रभावित किया है और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 63,000 छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद की है।

ABGUS के प्रयासों ने सैकड़ों वंचित, बहिष्कृत और कमजोर भारतीयों को उद्यमशीलता की मानसिकता, स्वतंत्र सोच और सतत विकास की दिशा में निर्णय लेने का अधिकार दिया है, जिसका उद्देश्य सभी क्षेत्रों के लोगों की समान भागीदारी प्रदान करना है।

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