मणिपाल, 10 दिसंबर 2021:मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप (एमईएमजी) के चेयरमैन और मणिपाल ऐकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) के प्रेसिडेंट डॉ. रंजन आर पाई को आठवें वार्षिक एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैनथ्रोपी लिस्ट 2021 में सबसे युवा फिलैनथ्रोपिस्ट के रूप में शामिल किया गया है। इस सूची में देश के सबसे उदार उन व्यक्तियों को शामिल किया गया है जिन्होंने अपने लोकोपकार प्रयासों से देश के विकास में योगदान किया है। यह रिपोर्ट एडेलगिव फाउंडेशन ने हुरुन इंडिया के साथ मिलकर तैयार की थी।
डॉ. पाई 48 साल के हैं और इस सूची में स्थान पाने वाले सबसे कम उम्र के हैं। इस सूची में आलोच्य अवधि में पांच करोड़ रुपए या ज्यादा का दान करने वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है। 17 करोड़ रुपए मूल्य के लोकोपकारी योगदान के साथ डॉ. पाई ने अपने प्रयासों को शिक्षा के उद्देश्य के लिए निर्देशित किया है।
एडेलगिव हुरुन सूची में भिन्न क्षेत्रों जैसे फार्मास्यूटिकल्स, सॉफ्टवेयर, ऑटोमोबाइल, फाइनेंस आदि के उद्यमी शामिल हैं जिन्होंने धन कमाने के साथ-साथ वापस समाज को भी धन दिया है। यह फोरम ऐसे व्यक्तियों के प्रयासों का सम्मान करता है और उन क्षेत्रों पर भी प्रकाश डालता है जिन्हें इन लोकोपकारी प्रयासों का लाभ मिला है। भारत के सबसे सफल उद्यमियों, उनके लोकोपकारी योगदान का सर्वेक्षण, मीडिया रिपोर्ट से उनके मिलान तथा लोकोपकारी संस्थानों के आंकड़े देखने के बाद यह सूची बनाई गई है। रिपोर्ट के लिए किए गए अनुसंधान में विद्वानों, एक्सपर्ट और लोकोपकारी फाउंडेशन के वरिष्ठ सदस्यों से मिलना भी शामिल है।
डॉ. रंजन पाई को सबसे युवा फिलैनथ्रोपिस्ट की सूची में शामिल किए जाने के बारे में बताते हुए एमएएच के प्रो वाइस चांसलर डॉ. एचएस बल्लाल ने कहा, “मणिपाल परिवार की लोकोपारी कार्यों में मजबूत विरासत है और यह हमारे संस्थापक डॉ. टीएमए पाई के समय से चला आ रहा है। उनका हमेशा से मानना था कि हेल्थकेयर और शिक्षा मानव विकास के दो अहम क्षेत्र हैं और वे इन दो क्षेत्रों के विकास के लिए प्रयासरत रहे। उनके बेटे डॉ. रामदास एम पाई और अब पोते डॉ. रंजन आर पाई ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया है। इस सूची में शामिल किए जाने वाले सबसे कम उम्र का व्यक्ति होना कॉरपोरेट जिम्मेदारी के प्रति डॉ. रंजन की प्रतिबद्धता बताता है।”
लेफ्टि. जनरल (डॉ.) एमडी वेंकटेश, वाइस चांसलर, एमएएचई ने कहा,“डॉ. रंजन पाई जिम्मेदारियों की गहरी समझ के साथ हमेशा ही एक उत्कृष्ट उद्यमी रहे हैं। अपने लोकोपकारी उपक्रमों के जरिए शिक्षा और हेल्थकेयर मुहैया करवाकर उन्होंने अपनी ऊर्जा को लोगों के सशक्तिकरण और उनके जीवन को बेहतर करने में लगाया है। उन्हें सूची में शामिल किया जाना बेशक हम सबों के लिए एक गौरवशाली क्षण है।”