सत्ता को नए पाठ पढ़ा गई वह आम युवती

वह एक आम लड़की थी लेकिन सत्ता को नए पाठ पढ़ा गई। यह पहला मौका है जब एक आम नागरिक की मौत पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राजनीतिक दलों के आला नेताओं के शोक संदेश आए। दिल्ली में गैंगरेप का शिकार हुई उस एक युवती ने रायसीना हिल पर सत्ता की शक्ति पीठ को कई परिभाषाएं बदलने पर मजबूर कर दिया।

यह पहला मौका था जब किसी एक आम नागरिक को सरकारी खर्च पर इलाज के लिए विशेष विमान से विदेश ले जाया गया। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के शब्दों में सरकार द्वारा विदेशों में मौजूद भारतीय नागरिकों को इलाज के लिए आर्थिक मदद देने के उदाहरण तो हैं, लेकिन गैंगरेप की शिकार हुई लड़की को जिस तरह भारत से इलाज के लिए भेजा गया वह अपनी तरह का पहला मामला है। साधारण पृष्ठभूमि वाले परिवार की इस युवती को उन सुविधाओं के साथ विदेश भेजा गया, जो प्राय: वीआइपी लोगों को ही नसीब होती हैं।

इस अहमियत के पीछे उसके खिलाफ हुए जघन्य कृत्य और देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर व्यवस्था के खिलाफ उबला जनाक्रोश था। पहली ही बार था कि किसी एक आम नागरिक के खिलाफ हुए अपराध को लेकर जनता ने राजधानी में रायसीना पहाड़ी पर स्थित सत्ता केंद्र के दरवाजे पर दस्तक दी। उसकी सेहत के लिए देश के कोने-कोने में जहां प्रार्थनाएं हुई, वहीं बीते चार सालों में परमाणु करार और खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के बाद अगर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किसी राष्ट्र पर्व को छोड़ राष्ट्र के नाम संदेश दिया तो इस लड़की के साथ हुए अपराध और उस पर उठी गुस्से की लहर थी।

पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम कहते हैं कि यह पूरा घटनाक्रम सरकार और व्यवस्था के लिए बड़ा सबक है। इस घटना ने व्यवस्था की असंवेदनशीलता को लेकर समाज में जमा हो रहे गुस्से के बारूद को तीली दिखा दी। व्यवस्था को बदलना होगा, अन्यथा अगले कुछ सालों में स्थिति विस्फोटक हो जाएगी। गौरतलब है कि बीते तीन सालों में पूरी दुनिया में जनता के आंदोलन देखने को मिले हैं। वहीं भारत में भी शहरों में आम जनता से बड़े विरोध प्रदर्शनों का चलन देखने में आया है। इससे सत्ता तंत्र सहमा हुआ है। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के शब्दों में सरकार को अब अचानक से सड़कों पर आकर प्रदर्शन करने वाली भीड़ को संभालने की समुचित प्रक्रियाएं तैयार करनी होंगी।

व्यर्थ नहीं जाएगा बेटी का संघर्ष

बीते 13 दिन से सख्त सजा, कड़ा कानून, पीड़िता को न्याय, सरकार की प्रतिबद्धता जैसे दिलासे धरे के धरे रह गए। दिल्ली में दिल दहला देने वाली घटना की शिकार फिजियोथेरेपी की छात्रा दुनिया से चली गई। अब माना जा रहा है कि उसकी मौत हमारे उस संकल्प को और मजबूत करेगी, जिसमें महिलाओं के साथ ऐसे घृणित अपराध के दोषियों को सख्त सजा दिलाने की कोशिशें हो रही हैं। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा है, ‘हम प्रतिज्ञा करते हैं कि उसे न्याय मिलेगा। उसका यह संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा।’

आधा दर्जन दरिंदों की शिकार हुई युवती बचाने की तमाम कोशिशों के बाद भी चिरनिद्रा में सो गई, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी जान गए हैं कि देश जाग गया है। शनिवार को उन्होंने भी कहा, ‘इस घटना से देश का हर नागरिक आहत है। दुख की इस बेला में मैं युवती के परिवार व दोस्तों के साथ खड़ा हूं। घटना से पैदा हुए गुस्से को सही दिशा दी जाएगी। हम युवती की मौत को बेकार नहीं जाने देंगे’। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘मैं महसूस करती हूं कि युवती का साहस और अपराजेय आत्मा कभी नहीं मरेगी। हम सब दिल से उसके परिवार के साथ हैं। पूरा देश उनके दुख में भागीदार है। हम प्रण करते हैं कि उसे न्याय मिलेगा और उसका यह संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा।’

सोनिया ने जोड़ा कि बहादुरी के साथ दो हफ्ते तक दर्दनाक मुश्किलों से वह लड़ी, फिर भी नहीं रही। उसकी यह मौत देश की सभी महिलाओं की सुरक्षा, समानता और ऐसे बर्बर, पाशविक व घृणित अपराध के दोषियों को फौरन सजा दिलाने के सरकार के संकल्प को और मजबूत करती है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और महिलाओं के विरुद्ध क्रूर हिंसा के खिलाफ मिले-जुले संकल्प को समर्थन की अपील की है।

दिल्ली के मंत्रियों ने निकाला कैंडल मार्च

इसे समय की मांग कहा जाए या जनता के दुख में भागीदारी की भावना..। शनिवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और उनके मंत्री भी सड़क पर उतर आए, उस पीड़िता को श्रद्धांजलि देने, जिसने शनिवार तड़के सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया।

मुख्यमंत्री ने जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी तो दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने अलग-अलग स्थानों पर कैंडल मार्च निकाल कर संवेदना व्यक्त की। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अशोक वालिया, परिवहन मंत्री रमाकांत गोस्वामी, शहरी विकास मंत्री अरविंदर सिंह लवली, शिक्षा मंत्री किरण वालिया, पीडब्ल्यूडी मंत्री राजकुमार चौहान, सांसद संदीप दीक्षित ने इन कैंडल मार्च का नेतृत्व किया। विधायक मुकेश शर्मा, प्रहलाद सिंह सैनी के नेतृत्व में भी कैंडल मार्च निकाला गया।

इन मार्च में शामिल लोगों ने पीड़िता को श्रद्धांजलि दी और भरोसा दिलाया कि वे दिल्ली में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने में प्रशासन का साथ देंगे। दिलचस्प यह रहा कि मंत्रियों ने अपने समर्थकों को भी इस कैंडल मार्च में शरीक किया और दिल्ली सरकार के प्रति लोगों के समर्थन का प्रदर्शन करने की भी कोशिश की।

संभावित हालात को लेकर सरकार सतर्क

सब कुछ करके भी दिल्ली गैंगरेप पीड़िता मौत से बचाने में नाकाम रहने के कारण सरकार ही नहीं, कांग्रेस के भी हाथ-पांव फूल गए हैं। लिहाजा, युवती का शव दिल्ली पहुंचने के बाद की संभावित स्थितियों से निपटने के मद्देनजर कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में भी सिर्फ यही मामला छाया रहा। बदली परिस्थितियों में सरकार की तरफ से रविवार को लोगों के गुस्से को शांत करने कुछ और पहल के संकेत हैं।

युवती की मौत के बाद देश और खासकर दिल्ली में पेश आने वाले हालात से निपटने के कारगर उपायों पर विचार के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री आवास पर कांग्रेस कोर ग्रुप की जल्दबाजी में बैठक बुलाई गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ही गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को सोलापुर से वापस बुलाना पड़ा, जो सुबह ही दिल्ली से गए थे। प्रधानमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, रक्षा मंत्री एके एंटनी और शिंदे की मौजूदगी में हुई इस बैठक के खत्म होने से कुछ देर पहले गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह को भी तलब किया गया। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम बैठक से नदारद रहे।

सूत्रों के मुताबिक, युवती का शव शनिवार रात तक सिंगापुर से दिल्ली पहुंचने के बाद रविवार को उसकी अंत्येष्टि राजकीय सम्मान से कराने पर विचार किया गया है। अंतिम फैसले का खुलासा रविवार को ही किया जाएगा। गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को राजपथ और इंडिया गेट के आसपास के सारे रास्ते बंद कर नाकेबंदी कर रखी थी। सूत्रों की मानें तो लोगों के दर्द और गुस्से को महसूस करते हुए सरकार इस फैसले में ढील दे सकती है। लेकिन इस पर भी रविवार में दिन की शुरुआती स्थिति और शहर का मिजाज देखकर फैसला होगा।

हर तरफ आक्रोश

‘दिल्ली सरकार को दुष्कर्म पीड़िता को सम्मान देने के लिए उसका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कराना चाहिए।’

-प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री

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‘सामूहिक दुष्कर्म की शिकार लड़की की मौत पर हम सभी का सिर शर्म से झुक जाना चाहिए। हमें देश में ऐसा माहौल बनाना होगा, जिसमें ऐसी घटना न हो।’

-अरुण जेटली, नेता विपक्ष, रास

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‘हमें जागना ही होगा और भारत को अपनी बेटियों के लिए सुरक्षित बनाने के कदम उठाने होंगे। उसकी मौत ने देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।’

-सुषमा स्वराज, नेता प्रतिपक्ष, लोस

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‘हमने देश की एक बहादुर बेटी खो दी है। वह भविष्य में भी हमें प्रेरणा देती रहेगी। वह एक मिसाल बन गई है, जो समाज को बदल कर रख देगी।’

-मीरा कुमार, लोकसभा अध्यक्ष

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‘सरकार को बिना देर किए ऐसे कड़े और ठोस कदम उठाने चाहिए, जिनसे महिलाओं का उत्पीड़न रोका जा सके और वे खुद को समाज में सुरक्षित महसूस कर सकें।’

-मायावती, बसपा सुप्रीमो

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‘हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिसमें महिलाएं किसी भी समय निडर होकर कहीं भी जा सकें। ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे भरोसा मिल सके कि दिल्ली जैसी घटना दोहराई नहीं जा सकेगी।’

-बीएस येद्दयुरप्पा, अध्यक्ष, केजेपी

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‘मुझे उम्मीद है कि इस मामले में सुनवाई बहुत जल्द पूरी की जाएगी और जल्द सजा सुनाई जाएगी। मामले की सुनवाई दो महीने के भीतर हो जानी चाहिए।’

-राम जेठमलानी, रास सदस्य

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‘पीड़िता में जीने की जबर्दस्त चाहत थी। उसने जिंदगी के लिए अपनी अंतिम सांस तक लड़ाई की। दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए’

-नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

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‘सभी को ऐसी घटनाओं को खत्म करने के लिए साथ आना चाहिए। लोगों को ऐसी बर्बरता के खिलाफ एकसाथ लड़ाई छेड़नी चाहिए और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। ‘

-के. रोसैया, राज्यपाल, तमिलनाडु

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‘इस घटना ने पुलिस और सरकार के साथ ही सामाजिक मूल्यों को पूरा तरह से नाकारा साबित कर दिया है। पीड़िता हमेशा एक बहादुर लड़की के तौर पर याद की जाएगी।’

-गुरुदास दासगुप्ता, वरिष्ठ माकपा नेता

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‘यौन उत्पीड़न को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता। उसकी मौत को बेकार न जाने दिया जाए। दोषियों को तत्काल कड़ी सजा दी जानी चाहिए।’

-जयंती नटराजन, पर्यावरण मंत्री

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‘हम सभी को दलगत और सामुदायिक दायरे से ऊपर उठकर साथ आने और ऐसी घटनाओं को किसी भी हालत में रोकने के प्रयास करने होंगे।’

-वीके सिंह, पूर्व सेना प्रमुख

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‘जरूरी हो गया है कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ लागू कानूनों को और सख्त किया जाए। साथ ही सुनवाई को तेजी से निपटाकर जल्द सजा सुनाई जाए।’

-लॉर्ड स्वराज पाल, एनआरआइ उद्यमी

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