12वें भारतीय छात्र संसद के अंतिम दिन वरिष्ठ नेताओं ने रखे विचार, कॉमन सिविल कोड और भारतीय मीडिया की स्थिति पर हुई चर्चा

पुणे, सितंबर 2022: भारतीय छात्र संसद के 12वें संस्करण के तीसरे और अंतिम दिन देशभर के हजारों युवाओं ने राजनीतिक सहभागिता पर मंथन किया। कार्यक्रम में देशभर के वरिष्ठ नेताओं, वरिष्ठ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम दिन विभिन्न वक्ताओं ने भारतीय मीडिया किससे शासित- शोर या कानून? और समान नागरिक संहिता- एक विचार जिसका समय आ गया है? विषय पर अपने विचार रखे। भारतीय छात्र संसद कार्यक्रम की लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पत्र लिखकर सराहना की है।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमारी, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन और पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत की साथ ही सांसद मनीष तिवारी, सोशल मीडिया ऐप ‘कू’ के को-फाउंडर और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण, मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष, लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अंशुल अविजीत, गायिका हेमा सरदेसाई की भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी निदेशक एवं भारतीय छात्र संसद के संस्थापक श्री राहुल कराड की मौजूद रहे। यह कार्यक्रम भारतीय छात्र संसद फाउंडेशन और एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्मेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में देशभर से चुने गए कुछ छात्रों को भी मंच से बोलने का मौका प्रदान किया गया। भारतीय छात्र संसद के 12वें संस्करण में तकरीबन 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं की उपस्थिति रही।
पूर्व लोकसभा स्पीकर श्रीमती मीरा कुमार ने समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों, आजादी के बाद की सफलताओं पर बात की। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने छात्रों को अपने राजनीति गुरूओं को अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया और उन्होनें बताया कि युवाओं के अनुभवों के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं के अनुभवों का भी अनुसरण करना चाहिए।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि “देश के उत्थान के लिए, सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास महत्वपूर्ण होना चाहिए। श्री फडणवीस ने कहा कि छात्रों के लिए यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि भारतीय छात्र संसद युवाओं को दिशा देने वाला कार्यक्रम है, इस तरह के कार्यक्रमों से सजग लोगों का निर्माण होगा। साथ ही समान नागरिक संहिता पर बोलते हुए उन्होनें कहा कि इस कानून से अधिकार मिलेगा। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने एक छात्र नेता के रूप में अपने अनुभव के बारे में बात की और राजनीति में शामिल होने वाले छात्रों के महत्व को बताया।
भारतीय मीडिया किससे शासित- शोर या कानून? विषय पर बोलते हुए कांग्रेस पार्टी के सांसद श्री मनीष तिवारी ने ऑनलाइन मीडिया से प्रिंट मीडिया तक भारतीय प्रेस की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “भारतीय मीडिया में स्वच्छता का ख्याल रखते हुए मीडिया घरानों को अपने राजस्व मॉडल पर निर्णय लेने की आवश्यकता है”।
समान नागरिक संहिता विषय पर बोलते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बताया कि “सरकार को बताना चाहिए कि समान नागरिक संहिता क्या है? संविधान में UCC का उल्लेख है कि एक समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन इसकी स्‍पष्‍ट परिभाषा और इसका क्‍या प्रभाव होगा, यह स्‍पष्‍ट नहीं है”।

वरिष्ठ पत्रकार श्री आशुतोष ने विषय पर बोलते हुए कहा कि “भारतीय मीडिया में होने शोर से परहेज नहीं होनी चाहिए क्योंकि शोर लोकतंत्र और मीडिया के लिए जरूरी है। शोर की वजह से ही हमें आजादी मिली है। शोर मचाने की आजादी सामंतवादी सत्ता में नहीं थी। विषय पर बोलते हुए उन्होनें बताया कि “शोर की अपनी एक सीमा होनी चाहिए, शोर में तहजीब होनी चाहिए, हारमनी होनी चाहिए।”
सोशल मीडिया ऐप ‘कू’ के को-फाउंडर और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कार्यक्रम को संबोधित करते सोशल मीडिया के विकास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि “देश को अपने स्वयं के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाकर आत्मनिर्भर होने की जरूरत है”।
कार्यक्रम में राजस्थान के चौरासी से विधायक राजकुमार रोत और बीकापुर से विधायक अमित सिंह चौहान को आदर्श युवा विधायक वार्ड प्रदान किया। इस मौके पर श्री राजकुमार रोत ने कहा कि “मुझे खुशी है कि इस सम्मान के लिए मुझे चुना गया है, मुझे उम्मीद कि आने वाले दिनों में भारतीय छात्र संसद में आए युवाओं को भी इस तरह का सम्मान जल्द मिलेगा।
भारतीय छात्र संसद के 12वें संस्करण का आयोजन महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्रालय के साथ खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय तथा मानवाधिकार के लिए यूनेस्को चेयर के सहयोग से किया गया। तीन दिवसीय भारतीय छात्र संसद के दौरान विभिन्न सत्रों में देश के अलग-अलग शैक्षिण संस्थानों से आए हजारों छात्र-छात्राएं समाज व राजनीति से जुड़े विभिन्न सार्वजनिक मुद्दों पर व्यापक चिंतन एवं विमर्श हुआ। इस दौरान राजनीति, समाजसेवा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, संस्कृति समेत अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने अनुभव युवाओं के साथ साझा किया। कार्यक्रम को कई सामाजिक तथा शैक्षिणक संस्थाओं द्वारा प्रोत्साहित किया गया है। मौजूदा भारतीय छात्र संसद का उद्घाटन दिनांक 15 सितंबर 2022 को पुणे स्थिति एमआईटी-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के स्वामी विवेकानंद सभा मंडप में हुआ था जिसका समापन 17 सितंबर को हुआ।

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