ईईएफ 2022 बना आर्कटिक काउंसिल की रूसी अध्यक्षता के इवेंट्स का मंच

नई दिल्ली, सितम्बर 2022 : 2021-2023 के दौरान आर्कटिक परिषद की रूस की अध्यक्षता के तहत 5-8 सितंबर को व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य सेवा, अर्थव्यवस्था, रचनात्मक उद्योगों के विकास के साथ-साथ क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के तरीकों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। चेयरमैनशिप इवेंट्स का आयोजन रोसकांग्रेस फाउंडेशन ने किया।
रूसी राष्ट्रपति के सलाहकार और ईईएफ आयोजन समिति के कार्यकारी सचिव एंटोन कोब्याकोव ने कहा, ‘पूर्वी आर्थिक मंच जैसे एक महत्वपूर्ण मंच पर आर्कटिक एजेंडा को लेकर इवेंट्स का आयोजन इस क्षेत्र के विकास के लिए अहम है। ईईएफ 2022 के दौरान चर्चा करने के लिए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद, हम इस क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं में रुचि रखने वाले व्यापार प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने में कामयाब रहे। रूस के आर्कटिक क्षेत्र को केवल राज्य, व्यापारिक समुदाय और विभिन्न संगठनों और संस्थाओं के बीच व्यापक सहयोग से ही विकसित किया जा सकता है। हम निश्चित रूप से विभिन्न व्यावसायिक और सांस्कृतिक मंचों पर रूसी आर्कटिक की ओर ध्यान आकर्षित करने में मदद करते रहेंगे।’
ईईएफ 2022 में 2021-2023 की आर्कटिक परिषद की रूसी अध्यक्षता से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। ऐसा ही एक कार्यक्रम ‘आर्कटिक में निवेश एवं व्यापार’ नाम से बिजनेस ब्रेकफास्ट के प्रारूप वाला एक सम्मेलन रहा, जिसमें प्रतिभागियों ने फार ईस्टर्न प्रेफरेंशियल रिजाइम्स (उन्नत विशेष आर्थिक क्षेत्र एवं व्लादिवोस्तोक के मुक्त बंदरगाह) और आर्कटिक जोन ऑफ दी रशियन फेडरेशन के प्रशासन दोनों पर चर्चा की, जिसे विशेष रूप से सुदूर उत्तर के लिए विकसित किया गया है। प्रमुख रूसी कंपनियों और प्रमुख एजेंसियों के विशेषज्ञों ने आर्कटिक में सहयोग करने के लिए रूसी और विदेशी भागीदारों की संभावनाओं व नए लॉजिस्टिक्स चेन के निर्माण के दौरान उत्तरी समुद्री मार्ग (एनएसआर) के विकास के अवसरों पर चर्चा की।
डेवलपमेंट ऑफ दी रशियन फार ईस्ट एंड दी आर्कटिक के मिनिस्टर अलेक्सेइ चेकुनकोव ने कहा, ‘कुल मिलाकर आर्कटिक इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट और खासकर उत्तरी समुद्री मार्ग का विकास उन वैश्विक चुनौतियों में से एक है, जिसका सामना अभी हमारा देश कर रहा है। इसी तरह एक अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्य इस क्षेत्र में लोगों को आकर्षित करना और उन्हें आर्कटिक के जीवन के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा बनाना है। मिनिस्ट्री फोर दी डेवलपमेंट ऑफ दी रशियन फार ईस्ट न सिर्फ रूसी संघ के आर्कटिक जोन में रहने वाले लोगों को समर्थन प्रदान करने वाली व्यवस्थाओं को बेहतर बनाना जारी रखेगा, बल्कि उत्तर के मूल निवासियों के टिकाऊ विकास के लिए जरूरी सभी शर्तों को पूरा भी करेगा।’
‘सुदूर पूर्व और आर्कटिक में एक स्वस्थ समाज का निर्माण’ सम्मेलन में दक्ष कंपनियों व एजेंसियों के विशेषज्ञों ने बच्चों व परिवार के स्वास्थ्य को संरक्षित रखने, रूस की जनसांख्यिकीय स्थिति में सुधार लाने और लोगों के विनाशकारी व्यवहार को बेहतर बनाने पर चर्चा की,जो 40 से 60 वर्ष की कामकाजी उम्र के लोगों में बड़े पैमाने पर मौतों का कारण है। कार्यक्रम के विषयों में से एक ‘दूरस्थ क्षेत्रों में एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक परियोजनाओं को लागू करने में महिलाओं की भूमिका’ भी रहा। इसके अलावा, सम्मेलन में मेडिकल केयर की गुणवत्ता, पहुंच और सुरक्षा पर भी विचार किया गया।
इसके अलावा, ईईएफ 2022 में आर्कटिक एजेंडे के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक आर्कटिक आर्थिक परिषद (एईसी) की बैठक रही, 2021-23 के दौरान जिसकी अध्यक्षता भी रूस ही कर रहा है। इस बैठक में एशियाई साझेदारों के साथ सहयोग पर फोकस रहा, जिसमें ऊर्जा, खनन और उत्तरी समुद्री मार्ग में ट्रांसपोर्टेशन का विकास भी शामिल रहे।
ईईएफ 2022 के दौरान आर्कटिक एजेंडे का एक अन्य प्रमुख हिस्सा क्रिएटिव बिजनेस फोरम ‘उत्तरी क्षेत्रों के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास’ रहा, जिसे आर्कटिक परिषद की रूसी अध्यक्षता के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था। फोरम के व्यावसायिक कार्यक्रम की मुख्य थीम उत्तरी क्षेत्रों के सामाजिक व सांस्कृतिक विकास और रचनात्मक उद्योगों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया। चर्चा में भाग लेने वाले लोगों ने उत्तरी शहरों के विकास, औद्योगिक आर्कटिक डिजाइन, मूल निवासी लोगों की परंपराओं, पर्यटन, उत्तर में जीवन पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव, क्षेत्रीय फिल्म एवं एनीमेशन उद्योग और राष्ट्रीय व्यंजन पर खास तौर से चर्चा की। अन्य सत्र सामाजिक पहलुओं के तहत युवाओं और मूल निवासियों की मदद करने पर केंद्रित रहे।
क्रिएटिव बिजनेस फोरम के तहत ‘रूस की आत्मा: उत्तर’ यूथ मल्टीमीडिया एंड डिस्कशन कैंपस का भी आयोजन किया गया। इसका आयोजन रशियन मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड हायर एजुकेशन, मिनिस्ट्री फोर दी डेवलपमेंट ऑफ दी रशियन फार ईस्ट एंड दी आर्कटिक और खांटी-मानसी ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट-युग्रा के समर्थन से किया गया। कैंपस में यूथ प्रेस सेंटर भी था और इसमें विभिन्न मल्टीमीडिया प्रोजेक्ट्स व एक इंटेरेक्टिव मैप को प्रदर्शित किया गया। इसके साथ ही ताबीज, राष्ट्रीय गुड़िया, लकड़ी व हड्डी की नक्काशी और चमड़े व सन्टी छाल के प्रसंस्करण पर मास्टर क्लासेज भी आयोजित किए गए। डिस्कशन जोन में रचनात्मक क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा क्षेत्र में सार्वजनिक वार्ता की गई। इसके अलावा, ‘रूस की आत्मा: उत्तर’ ऑडियोविजुअल कल्चर फेस्टिवल के दौरान ईईएफ के प्रतिभागियों ने उत्तरी क्षेत्रों की आधुनिक सांस्कृतिक उपलब्धियों में हिस्सा लिया। इसके साथ ही उन्हें युवा कलाकारों व प्रमुख सांस्कृतिक हस्तियों के द्वारा मूलनिवासी समुदायों की सदियों पुरानी परंपराओं, संस्कृति और महाकाव्यों के बारे में जानने का भी मौका मिला।
क्रिएटिव बिजनेस फोरम सत्र का आयोजन बिजनेस कार्यक्रमों से बाहर हाउस ऑफ इंडिजिनस पीपल्स पैवेलियन में ‘फार ईस्ट स्ट्रीट’ में किया गया, जो उत्तर के मूलनिवासी लोगों की संस्कृति को समर्पित एक नया मंच है। सत्र के प्रतिभागियों ने मूलनिवासियों के सतत विकास के संदर्भ में नेटवर्किंग, जातीय-सांस्कृतिक विरासत और ईएसजी रुझानों के मूल सिद्धांतों पर चर्चा की।
ईईएफ ने विश्लेषणात्मक परियोजना ‘थिंक आर्कटिक – थिंक ग्लोबल’ के सत्रों के साथ आर्कटिक विषय को भी बरकरार रखा, जिसे रूस की अध्यक्षता में लागू किया गया था। दुनिया में मौजूदा स्थिति को देखते हुए आर्कटिक में विभिन्न देशों के बीच सहयोग विकसित करने के विभिन्न तरीकों पर भी चर्चा हुई।
रूसी विदेश मंत्रालय के एंबैसडर-एट-लार्ज एवं आर्कटिक सीनियर ऑफिशियल्स के चेयरमैन निकोलाइ कोरचुनोव ने कहा, ‘इस साल पूर्वी आर्थिक मंच ‘द पाथ टू ए मल्टीपोलर वर्ल्ड’ के आदर्श वाक्य के तहत आयोजित किया गया था। फोरम के दौरान हुई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के बारे में चर्चा ने पर्यावरण एजेंडा, ऊर्जा और शिपिंग के हिस्से के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग विकसित करने के विशिष्ट तरीकों की रूपरेखा तैयार करने में मदद की। रूस आर्कटिक के सतत विकास के लिए हमारे साथ साझा दृष्टिकोण रखने वाले सभी देशों के साथ पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है।’

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