राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ने का बड़ा ऐलान किया है. गहलोत ने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए मैंने यह फैसला लिया है. वहीं गहलोत ने सोनिया से माफी भी मांगी. हालांकि राजस्थान को लेकर उन्होंने चुप्पी बनाए रखी.
राजस्थान सियासी संकट कुछ धीमा हुआ है लेकिन कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर होने वाले चुनाव से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा ऐलान किया है. सोनिया गांधी ने मुलाकात करने के बाद गहलोत ने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा.वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज 10 जनपथ पहुंचे और सोनिया गांधी से मुलाकात कर यह घोषणा की है.
सोनिया से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने कहा कि राजस्थान में जो घटना हुई उसने हर किसी को हिला कर रख दिया जिसके लिए मैंने सोनिया गांधी से मांफी मांगी है. वहीं सोनिया से मिलने इससे पहले केसी वेणुगोपाल भी 10 जनपथ पहुंचे थे. सोनिया से मुलाकात से पहले गहलोत ने जोधपुर हाउस में कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक से भी मुलाकात की थी.
स अध्यक्ष चुनाव से पहले गहलोत और सोनिया की यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे चली. वहीं गहलोत ने कहा कि मैंने कांग्रेस में वफादार सैनिक के रूप में काम किया है और कांग्रेस ने हमेशा मुझपर विश्वास करके कई जिम्मेदारियां दीं. गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी के आशीर्वाद से मैं राजस्थान का तीसरी बार सीएम बना हूं.
वहीं रविवार को राजस्थान के घटनाक्रम पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि मैं राज्य में विधायक दल का नेता हूं ऐसे में इस तरह का घटनाक्रम होना बेहद निंदनीय है जिससे मुझे बहुत दुख हुआ है. सीएम ने कहा किएक पंक्ति का संकल्प हमारी परंपरा है, दुर्भाग्य से, ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि प्रस्ताव पारित नहीं हुआ और यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी, लेकिन सीएम होने के बावजूद मैं प्रस्ताव पारित नहीं करा सका.
अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले राजस्थान की परिस्थितियों को लेकर कुछ दस्तावेज लेकर पहुंचे थे जिन पर पहली लाइन में लिखा है कि ‘जो कुछ हुआ उससे मैं बहुत आहत हूं’. बता दें कि सोनिया गांधी ने गहलोत को पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुना था लेकिन उनके समर्थक विधायकों के विद्रोह के बाद आलाकमान खासा नाराज है और माना जा रहा है कि घटनाक्रम को गहलोत जैसे अनुभवी नेता के साफ-सुथरे करियर पर एक धब्बे के रूप में देखा जा रहा है.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह शुक्रवार को अपना पर्चा भरेंगे जिसके लिए उन्होंने पार्टी कार्यालय से नामांकन फॉर्म लिया है. बताया जा रहा है कि गहलोत के मना करने के बाद अब दिग्विजय सिंह अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे हैं.
गहलोत जब सोनिया से मिलने जा रहे थे तो उनके हाथ में कुछ कागज थे। उसमें हाथ से लिखा हुआ माफीनामा था। यह कैमरे में कैद हो गया। इसमें हाथ से कुछ पॉइंट्स लिखे हुए थे। जिसमें सबसे ऊपर था ‘जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं’। इसके साथ ही तीसरे पॉइंट पर सचिन पायलट सीपी जोशी सहित चार लोगों के नाम शॉर्ट फॉर्म में भी लिखे हुए थे।