बच्चों में मायोपिया की प्रगति को धीमा करने के लिए एस्सिलोर ने लॉन्च किया स्टेलेस्ट लेंस

नई दिल्ली, फरवरी, 2023: प्रेस्क्रिप्शन लेंस सेक्टर में दुनिया भर में अग्रणी एस्सिलोर ने भारत में एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस लॉन्च किया है, ताकि बच्चों में मायोपिया की प्रगति का मुकाबला किया जा सके और भविष्य के लिए उनकी दृष्टि को सुरक्षित रखा जा सके.
एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस को एच.ए.एल.टी. (हाईली एस्फेरिकल लेंसलेट टार्गेट) नामक एक विशेष तकनीक के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिसे एस्सिलोर की आरएंडडी टीमों द्वारा तैयार किया गया. एच.ए.एल.टी. प्रौद्योगिकी में 11 रिंगों पर फैले 1021 एस्फेरिकल लेंसलेट्स का एक समूह शामिल है, बल्कि मायोपिया प्रगति को धीमा करता है. प्रौद्योगिकी 30 से अधिक वर्षों के अकादमिक अध्ययन, उत्पाद डिजाइन, कठोर शोध की परिणति है टॉप रिसर्च इंस्टीटूट्स और मायोपिया विशेषज्ञों के सहयोग से प्रयास से पूरा हुआ है ।
इस संबंध में श्री नरसिम्हन नारायणन, कंट्री हेड, एस्सिलोर लक्सोट्टिका ने कहा, एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस का लॉन्च आंखों की देखभाल करने वाले पेशेवरों के लिए काफी मददगार साबित होगा. एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस बच्चों में मायोपिया की प्रगति से लड़ने में मदद करने के लिए एक नई क्रांति प्रदान करेगा. क्योंकि स्टेलेस्ट लेंस के प्रयोग से माओपिया की प्रगति बाधित होती है. मायोपिया प्रबंधन में 30 से अधिक वर्षों के अनुसंधान और विकास अनुभव के साथ, हम सबसे अच्छा समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसके लिए बच्चों में मायोपिया की प्रगति को रोकने और धीमा करने के महत्व के बारे में नवाचार और जागरूकता की आवश्यकता है. ये लेंस एक साक्ष्य-आधारित स्पेक्टेकल लेंस समाधान प्रदान करते हैं – हम जानते हैं कि यह समाधान लंबे समय से प्रतीक्षित है और हमें विश्वास है कि एस्सिलोर स्टेलेस्ट भारतीय बाजार में गेम चेंजर साबित होगा.”
हाल के एक अध्ययन में, यह देखा गया कि 5 -15 वर्ष के आयु वर्ग में मायोपिया का प्रसार 1999 में 4.4% से बढ़कर 2019 में 21.9% हो गया है, और जो अब लगभग 25% देखा गया है. कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप बच्चे कम घंटे बाहर और अधिक समय (लगभग 6 -7 घंटे) घर के अंदर बिताते हैं – इन कारकों का हमारे बच्चों की दृष्टि पर प्रभाव पड़ा है. देश भर में नेत्र रोग विशेषज्ञ और नेत्र देखभाल पेशेवरों ने परीक्षण में पाया है कि मायोपिया के लक्षण लगातार बच्चों में बढ़ रहे हैं और इससे ग्रसित होने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अध्ययनों से पता चलता है कि मायोपिया का कोई भी स्तर ओकुलर स्थितियों के जोखिम को बढ़ा सकता है, लेकिन उच्च मायोपिया [फ्लिटक्रॉफ्ट डी आई (2012) तक पहुंचने पर जोखिम तेजी से बढ़ता है.
नैदानिक परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि सिंगल विज़न लेन्स की तुलना में एसिलोर स्टेलेस्ट लेंस ने मायोपिया की प्रगति को औसतन 67% तक धीमा कर दिया, जब इसे दिन में 12 घंटे पहना जाता है.
एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस के दो साल के क्लिनिकल परीक्षण के परिणाम हाल ही में प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुए थे, जहां लेंस दो साल बाद भी मायोपिया नियंत्रण की प्रभावशाली क्षमता प्रदर्शित करते रहे हैं.
प्रगतिशील मायोपिया वाले बच्चे को एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस केवल मायोपिया जोखिम कारकों की जांच करने और यह स्थापित करने के लिए कि इस लेंस से लाभ होगा या नहीं, इसके लिए आवश्यक उचित परीक्षण करने के बाद ही बच्चे को लेंस लगाने के प्रेस्क्राइब किया जाता है.

उपलब्धता और मूल्य निर्धारण:
यह उत्पाद भारत के सभी एस्सिलॉर विशेषज्ञ स्टोरों और प्रमुख नेत्र अस्पतालों में उपलब्ध है| उत्पाद को एस्सिलोर स्टेलेस्ट कहा जाता है और उपभोक्ता के लिए कीमत केवल लेंस के लिए 16,500/- रूपए + टैक्स है |

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