‘सुधाकर मेरी ताकत था, मगर अब सब कुछ खत्म हो गया

नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना के हमले में शहीद हुए लांसनायक सुधाकर सिंह के पिता ने इस नृशंस कृत्य के लिए पड़ोसी देश को करारा जवाब देने इच्छा जताई है।

जवान के पिता सच्चिदानंद सिंह ने गुरुवार को अपने बेटे के अंतिम संस्कार के बाद कहा कि सरकार को दुश्मन (पाकिस्तानी सेना) की नापाक हरकत का उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए। यही मेरे शहीद बेटे के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते नियंत्रण जम्मू के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा को पार कर पाकिस्तानी सेना ने दो भारतीय जवानों की गला काटकर हत्या कर दी थी और सुधाकर सिंह उसमें से एक थे।

सिधी जिले के दडिया गांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शहीद के पिता ने कहा कि हमारी इच्छा है कि दुश्मन का डटकर मुकाबला करके उसको उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुधाकर मेरी ताकत था और वह अगले माह 15-16 फरवरी को घर आने वाला था, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया।

अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे 30 वर्षीय जवान सुधाकर सिंह ने 7 अप्रैल, 2002 को सेना में प्रवेश पाया था। वह अपने पीछे पत्‍‌नी और चार माह के पुत्र भाष्कर को छोड़ गए।

सिंह से जब यह पूछा गया कि इस मुद्दे पर वह भारत सरकार के रवैये से संतुष्ट हैं, उन्होंने कहा कि सरकार की अपनी जिम्मेदारी है, लेकिन इस हालात में कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।

शहीद जवान के भाई प्रेम सिंह ने कहा कि सुधाकर के ससुर भी सेवानिवृत्त सेनाकर्मी हैं और अपने दामाद को खोने के बाद भी वह चाहते हैं कि उनका नाती सेना में जाकर देश की सेवा करे।

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