एक के बाद एक छह धमाकों से पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवा प्रांत दहल उठे। विस्फोटों में 116 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और 235 से अधिक लोग घायल हो गए। हमलों के लिए सुरक्षा बलों के अलावा बाजार और धार्मिक संगठन के दफ्तर को निशाना बनाया गया। किसी भी संगठन ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में सबसे ज्यादा 56 लोग मारे गए और 160 से अधिक लोग घायल हो गए। आत्मघाती हमलावर ने अलमदार रोड पर स्थित एक स्नूकर क्लब में खुद को उड़ा लिया। सुरक्षा बलों और मीडिया के वहां पहुंचने पर फिर धमाके हुए।
इससे पहले शहर के प्रमुख बाजार बच्चा खान चौक में हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और 40 घायल हुए हैं। धमाका इतना जबर्दस्त था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। पुलिस ने बताया कि बम को एक कार के अंदर रखा गया था। इस धमाके के लिए लगभग 20 किग्रा विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ। धमाके में 10 कारें, एक सुरक्षा वाहन, कई मोटरसाइकिल और दुकानें नष्ट हुई।
उधर, स्वात घाटी में एक धार्मिक संगठन के दफ्तर को निशाना बनाकर किए गए हमले में 22 लोगों की मौत हो गई और लगभग 70 घायल हुए हैं। धार्मिक संगठन के दफ्तर के बेसमेंट में बम रखा गया था। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। पाकिस्तान रेडियो ने इसे गैस सिलेंडर का धमाका बताया वहीं, निजी टीवी चैनलों ने कहा कि यह आतंकी हमला था। स्वात घाटी 2009 तक तालिबान का गढ़ थी। सेना के अभियान के बाद कई तालिबान नेता भागकर अफगानिस्तान चले गए।