उत्तरप्रदेश के बिजनौर जनपद के बुडेरन गांव में एक प्राचीन देवस्थल पर निर्माण के लिए उखाडे़ गए पुराने ढाक के पेड़ की जड़ के नीचे से दुर्लभ कांस्य और अष्ट धातु के सैकड़ों सिक्के निकले। पौराणिक राज्य के प्रतीक हो रहे इन सिक्कों के साथ ही राजाओं द्वारा युद्ध के समय के प्रतीक चिह्न मिलने से ग्रामवासियों में कौतूहल बना हुआ है।
बुडेरन में पश्चिम दिशा की ओर सहसमल देवता का स्थल है। यहां ग्रामीण प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना करते चले आ रहे हैं। आसपास के क्षेत्र में इस देवस्थल की काफी मान्यता है। इन दिनों इस स्थल पर एक शिवमंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। जिस जगह नींव खोदी जा रही है उसके बीच में एक ढाक का प्राचीन पेड़ है, जब उस पेड़ को उखाड़ा गया तो उसकी जड़ के नीचे से सैकड़ों की संख्या में दुर्लभ प्राचीन सिक्के और राजाओं द्वारा युद्ध के समय पहने जाने वाला साजसज्जा का सामान निकला।
इसकी सूचना मजदूरों ने देवस्थल के प्रबंधक आशाराम चौहान उर्फ गुड्डू को दी। आशाराम ने बताया कि सारा सामान एक मिट्टी के बर्तन में मिला है। एक सिक्के का वजन लगभग 30 ग्राम है। सिक्कों पर किसी प्राचीन भाषा में कुछ लिखा हुआ है। आशाराम का कहना है कि वह इन सिक्कों को पुरातत्व विभाग को सौंपना चाहता है, ताकि इस स्थान का प्राचीन इतिहास दुनिया के सामने आ सके।
ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह का कहना है कि सिक्के कांस्य, तांबे और किसी अन्य धातु के बने हैं। हाथों के कंगन जैसे सामान, चांदी जैसी किसी धातु के बने हैं। उधर, पुलिस क्षेत्राधिकारी धामपुर हरेंद्र सिंह यादव ने क्षेत्र में प्राचीन सिक्के आदि मिलने की किसी जानकारी से इंकार किया है।