लक्ष्मी सहगल का शरीर मेडिकल कॉलेज को दान दिया गया

कानपुर।। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सहयोगी रहीं कैप्टन लक्ष्मी सहगल की अंतिम यात्रा मंगलवार की सुबह 10 बजे मैकरॉबर्ट अस्पताल से निकलकर कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की ओर एक जुलूस के रूप में गई, जहां उनका शव मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया गया।

‘कैप्टन सहगल को लाल सलाम’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, लक्ष्मी सहगल का नाम रहेगा’ के नारों के बीच औद्योगिक शहर के लोगों और हजारों मजदूर संगठनों से जुड़े उनके करीबियों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। हल्की बारिश की फुहारों के बीच कैप्टन सहगल को अंतिम विदाई देने के लिए मैकरॉबर्ट गंज अस्पताल में हजारों लोगों की भीड़ उनके पार्थिव शरीर पर फूल मालायें चढ़ा रही थी और उन्हें याद कर रही थी। उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में हडसन, किसान मजदूर स्कूल के सैकड़ों स्कूली बच्चे भी शामिल थे। जिन्होंने उनके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर उन्हें याद किया। इस अवसर पर फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली, सुभाषिनी अली, फिल्म निर्देश शाद अली भी मौजूद थे।

इससे पहले सोमवार की रात प्रवासी भारतीय मामलों के केंद्रीय मंत्री वायलार रवि, उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान कानपुर पहुंचे और कैप्टन सहगल के पार्थिव शरीर को फूल माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। गौरतलब है कि सीपीएम नेता वृंदा करात पिछले 19 जुलाई से ही कानपुर में हैं और वह कैप्टन सहगल के परिवार के साथ ही हैं।

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