शिक्षक भर्ती घोटाले पर इनेलो ने खोला मोर्चा

जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने नेताओं की गिरफ्तारी के बाद इनेलो ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी नेता अभय चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने यहां कार्यकर्ताओं की बैठक कर आंदोलन की शुरुआत कर दी। बाद में अभय चौटाला ने पत्रकारों को बताया कि कार्यकर्ताओं से जी-जान से जुट जाने का आह्वान किया गया है। हम लोगों के बीच में जाकर कांग्रेस की साजिश बताएंगे।

गौरतलब है कि हरियाणा के बहुचर्चित जूनियर बेसिक ट्रेंड [जेबीटी] शिक्षक भर्ती घोटाले में विशेष सीबीआइ अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला व उनके विधायक पुत्र अजय चौटाला को दस-दस साल जेल की सजा सुनाई है। मामले में दोषी एक अन्य विधायक शेर सिंह बड़शामी व दो आइएएस अधिकारियों समेत नौ लोगों को भी दस-दस साल कैद की सजा दी गई। एक दोषी को पांच साल और शेष 45 लोगों को चार-चार साल कैद की सजा सुनाई गई। इस मामले में 55 लोगों को दोषी ठहराया गया था।

सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद भी हरियाणा के 3206 जेबीटी शिक्षकों के भविष्य पर अनिश्चितता बरकरार है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि सीबीआई कोर्ट के फैसले पर कानूनी राय के बाद ही इन शिक्षकों के भविष्य पर कोई फैसला लिया जा सकता है।

अनिश्चितता के साये में जी रहे 3206 जेबीटी शिक्षकों को वैसे तो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 27 जनवरी तक प्रमोशन सहित सभी लाभ देने के निर्देश दिए हुए हैं, लेकिन अब सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य का शिक्षा विभाग कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। अहम सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिन शिक्षकों की भर्ती में घोटाले का आरोप लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला को जेल भेज दिया गया है, क्या उन्हीं शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखा जाए?

इस सवाल पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों में माथापच्ची चल रही है। जहां तक इन जेबीटी शिक्षकों के भविष्य का सवाल है, नियुक्ति के बाद वे दिसंबर 2010 में हाईकोर्ट गए थे। वहां उन्होंने प्रमोशन की मांग की थी। सरकार केस के ट्रायल के चलते नियुक्तियों संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल भी कर चुकी है। ऐसे में कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को चार महीने में मामले का निपटारा करने को कहा था।

जाहिर है शिक्षा विभाग को अब 27 जनवरी तक कोई कदम उठाना पड़ेगा, लेकिन सरकार इससे पहले फैसले के अध्ययन को हाई कोर्ट से कुछ और समय मांग सकती है।

पिता-पुत्र की सदस्यता को अभी खतरा नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। लेकिन इनसे मिलने पर पाबंदी है। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआइ की विशेष कोर्ट द्वारा सजायाफ्ता हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय चौटाला और विधायक शेर सिंह बड़शामी की विधानसभा से सदस्यता को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। चौटाला व बड़शामी चाहें तो विधानसभा में विपक्ष के नेता और उपनेता बने रह सकते हैं। चौटाला चुनाव भी लड़ सकते हैं और अपने वोट के अधिकार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए इन्हें कानूनी प्रक्रिया को बड़ी जिम्मेदारी के साथ अमल में लाना होगा। तीनों लोगों को सीबीआइ कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के तीन माह के भीतर इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देनी होगी

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