पुलिस वाले ही करते हैं लड़कियों के साथ दुष्कर्म

महिलाओं के खिलाफ अपराध की सजा में बदलाव करने के लिए गठित जस्टिस वर्मा कमेटी ने बच्चों और महिलाओं की मानव तस्करी के तथ्यों की जांच के लिए कुछ पीड़ितों से बात की तो कमेटी के सदस्यों की आंखें खुली की खुली रह गई। कमेटी ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इन पीड़ितों के साथ की गई बातचीत का ब्यौरा ज्यों का त्यों दर्ज किया है। कमेटी को पूर्वोत्तर के राज्य से दिल्ली लाई गई एक लड़की ने अपने साथ हुए दुष्कर्म की कहानी सुनाई।

उसने बताया कि प्लेसमेंट का काम करने वाला एक व्यक्ति उसे बहका कर दिल्ली लाया और फिर गुड़गांव में एक घर में कुछ दिन काम कराया गया और फिर पंजाब ले जाया गया। पंजाब में जंगल में उसके साथ दुष्कर्म किया गया। फिर गुड़गांव लाकर दस दिन तक दुष्कर्म किया गया। उससे अब एक घर में झाड़ू पोंछा, बर्तन आदि का काम कराया जाता है। उसे यह कहकर पैसा नहीं दिया जाता था कि इकट्ठा दिया जाएगा। लड़की ने बताया कि प्लेसमेंट का काम करने वाले इस व्यक्ति के पास लगभग 150 लड़कियां हैं, जिनको पैसा भी नहीं दिया जाता। जब उसने किसी तरह अपने घर बात की तो मां ने बताया कि उस व्यक्ति ने बताया था कि वह तो मर चुकी है। उसे अब तक पैसा नहीं दिया गया है।

पीड़िता ने कमेटी के सदस्यों को बताया कि उसे जबरदस्ती शराब भी पिलाई जाती है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली के उन चार बच्चों का बयान भी रिकॉर्ड किया है, जो दूसरे राज्यों से दिल्ली आ गए और उन्हें नशे की आदत डाल दी गई। ये बच्चे एक स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) के सदस्यों के साथ कमेटी के सदस्यों के समक्ष पहुंचे थे। इन बच्चों ने बताया कि उन्हें भांग, सुलोसन, गांजा वगैरह पिलाया जाता था और नशा कराने वाला व्यक्ति लड़कों के साथ दुष्कर्म करता था। पुलिस वाले बच्चों को नशे की हालत में पकड़ लेते थे, लेकिन बाद में पैसे लेकर छोड़ देते थे। इन बच्चों ने वर्मा कमेटी के सदस्यों को बताया कि पुलिस वाले पुलिस चौकी में ही शराब पीते हैं और महिलाओं के साथ सेक्स करते हैं। इसके बदले में कुछ पुलिस कर्मी तो पैसा दे देते हैं तो कुछ बिना पैसे दिए भगा देते हैं।

पुलिस कर्मी भी करते हैं दुष्कर्म!

चार बच्चों ने अपनी आंखों देखी घटना जस्टिस वर्मा कमेटी के सदस्यों को बताई कि किस तरह पुलिस कर्मचारी भी दुष्कर्म करते हैं। बच्चों ने बताया कि एक दिन एक लड़की को पुलिस वालों ने पकड़ लिया और पूछताछ करने के बाद पीसीआर में बिठा लिया और कुछ दूर जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्चों ने बताया कि उन्होंने यह घटना अपनी आंखों से देखी थी, लेकिन डर के मारे किसी को नहीं बताई। दुष्कर्म के बाद लड़की को भी नीचे फेंक दिया, जो उठ कर कहां गई, उन्हें नहीं पता।

गृह मंत्रालय ने वेबसाइट से हटाई वर्मा कमेटी की रिपोर्ट

गृह मंत्रालय की वेबसाइट से वर्मा कमेटी की रिपोर्ट को हटाए जाने से नया विवाद खड़ा हो गया है। बताया जाता है कि रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के बारे में तीखी टिप्पणियों के कारण एक हफ्ते के भीतर इसे वेबसाइट से हटा दिया गया, लेकिन मंत्रालय इस आरोप को निराधार बता रहा है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के लिए वेबसाइट पर एक लिंक जरूर दिया गया था, लेकिन पूरी रिपोर्ट अपलोड नहीं की जा सकी थी। उन्होंने कहा कि वर्मा कमेटी की रिपोर्ट काफी लंबी होने के कारण वेबसाइट पर अपलोड करने में तकनीकी दिक्कत आ रही थी। अंतत मंत्रालय ने लिंक को भी वेबसाइट से हटाने का फैसला किया।

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