तिहाड़ के अंदर से वसूल ली 50 हजार की रंगदारी

देश की सर्वाधिक सुरक्षित जेलों में शुमार तिहाड़ के अंदर से भी रंगदारी का रैकेट चलता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपराधियों के लिए वसूली करने वाले जेल के कंपाउंडर को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम अरुण कुमार है। उसने तिहाड़ में बंद कुख्यात अपराधी अमित शुक्ला के कहने पर एक फर्म के मैनेजर से 50 हजार रुपये की वसूली की थी।

पुलिस उपायुक्त संजीव यादव (स्पेशल सेल) ने बताया कि तिहाड़ से रंगदारी का रैकेट चलने की सूचनाएं मिल रही थीं। तफ्तीश में पता चला कि जेल में बंद अमित शुक्ला व्यवसायियों को फोन कर रंगदारी मांग रहा है। इस बीच, गाजियाबाद के वैशाली में रहने वाले राजेंद्र सर्राफ ने 24 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई कि अमित शुक्ला ने उन्हें कॉल कर 50 हजार रुपये की रंगदारी मांगी है। क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके बाद भी राजेंद्र को लगातार धमकियां मिलती रहीं।

कहा गया कि अगर उन्होंने रुपये नहीं दिए तो उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसा दिया जाएगा। डर की वजह से राजेंद्र ने 25 जनवरी को अमित शुक्ला द्वारा भेजे शख्स को 50 हजार रुपये दे दिया। 26 जनवरी को मामला स्पेशल सेल को सौंप दिया गया। स्पेशल सेल एसीपी मनीषी चंद्रा की देखरेख में इंस्पेक्टर ललित मोहन नेगी की टीम ने राजेंद्र सर्राफ से 50 हजार रुपये वसूलने वाले अरुण को मुकुंद विहार इलाके से दबोच लिया। घर की तलाशी में 44 हजार रुपये भी बरामद हुए।

पूछताछ में उसने बताया कि तिहाड़ जेल की डिस्पेंसरी में पिछले चार साल से वह कांट्रेक्ट पर कंपाउंडर है। इसी दौरान उसकी पहचान गुड़गांव निवासी अमित शुक्ला से हुई। अरुण ने अमित को मोबाइल फोन और सिमकार्ड भी मुहैया कराया। 25 जनवरी को अमित ने अरुण को फोन कर राजेंद्र से रुपये वसूलने को कहा।

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