बोल इंडिया बोल: क्यों लगता है हमारी जुबान पर ताला

दक्षिण के मशहूर अभिनेता कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम पर तमीलनाडु की सरकार ने रोक लगा दी है। सरकार का मानना है कि इससे देश की एकता को चोट पहुंचेगी। एक समुदाय विशेष के विरोध की वजह से इस पर रोक लगाई गई है। अब कमल हासन न्यायालय से न्याय की भीख मांग रहे हैं। इस विवाद से एक बार फिर अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल उठने लगा है।

कुछ महीनों पहले भारतीय संविधान को नीचा दिखाने और अपनी वेबसाइट पर देशद्रोही सामग्री छापने के आरोप में कानपुर के रहने वाले कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। काफी हो हल्ला के बाद महाराष्ट्र सरकार ने देशद्रोह का आरोप वापस लिया। बाम्बे हाईकोर्ट से जमानत पर असीम बाहर आए। ठाणे के पालघर में रहने वाली शाहीन धड़ा को महाराष्ट्र पुलिस ने महज इसलिए गिरफ्तार कर लिया था क्योंकि उसने मुंबई में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की अंतिम यात्रा के दिन मुंबई में बंद जैसे माहौल पर फेसबुक पर प्रश्न उठाया था। फेसबुक पर कमेंट की वजह से गिरफ्तार युवतियों के दर्द ने लॉ की छात्रा श्रेया सिंघल को झकझोर दिया। सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट से उस कानून को निरस्त करने की अपील की जिसके तहत महाराष्ट्र के पालघर की दो लड़कियों को फेसबुक पर कमेंट के लिए पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीन अल्तमश कबीर ने कहा था कि सिंघल की आईटी एक्ट की धारा 66 (ए) के विरोध में दायर अपील का हम स्वागत करते हैं।

आपकी राय: हमारे लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हम असहनशील हो रहे हैं? हर मुद्दे पर कोई तबका विरोध करने लगता है तो सरकारें क्यों डर जाती हैं? सरकार के लिए सबसे बड़ा सवाल उसकी विश्वसनीयता पर है। उसकी दृढ़ सोच पर उठने लगी है। क्या यह दौर हमारी आवाज को दबाने का है? क्या वोट बैंक अब हमारी आवाज को कुचलने का माध्यम बनता जा रहा है? आप अपनी राय हमारे नीचे कमेंट बाक्स में जरूर दें। पांच सर्वश्रेष्ठ राय को हम प्रकाशित करेंगे।

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