दिल्ली गैंगरेप के बाद देश भर में फैले जनाक्रोश का अंजाम अब सत्ता के गलियारे से लेकर अदालती कार्यवाहियों तक में दिखाई देने लगा है। जहां केंद्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की ओर अग्रसर है, वहीं कुछ अदालतें भी अप्रत्याशित तेजी दिखा रही हैं। इनमें से कुछ अदालतें गैर फास्ट ट्रैक श्रेणी की हैं।
दिल्ली में हुई गैंगरेप की घटना के बाद सभी राज्यों में यौन अपराधों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें के गठन की प्रक्रिया तो शुरू हुई ही है, लेकिन पहले से चल रहीं कुछ अदालतों में भी रेप के मामले तेजी से निपट रहे हैं। जनवरी में ही कई राज्यों में करीब एक दर्जन से ज्यादा रेप के मामलों में महज एक से दो हफ्ते में आरोपियों को सजा सुना दी गई।
दिल्ली में आठ दिन में मिली रेपिस्ट को सजा
दिल्ली के तीस हजारी में स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 17 जनवरी को रेप का एक मामला महज आठ दिनों में निपटाते हुए दोषी को दस साल के कारावास की सजा सुनाई और बीस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। यह मामला सात जनवरी को अदालत में आया था।
अपहरण के मामले में दो दिन में सजा का ऐलान
पंजाब की एक अदालत ने तो महज दो दिनों की सुनवाई में फैसला सुनाकर एक मिसाल पेश कर दी। होशियारपुर जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने किशोरी का अपहरण करने वाले को महज दो दिन की सुनवाई के बाद सात साल कैद की सजा सुनाई। इसी तरह लुधियाना में गठित फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 25 जनवरी को एक दिन में तीन केस निपटाए। दो मामलों में दस वर्ष और सात वर्ष कैद की सजा सुनाई और एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
महज चार दिन में दोषी को कोर्ट से मिली फांसी की सजा
शनिवार को ही बिहार में कटिहार जिला एवं सत्र न्यायालय ने रेप के बाद हत्या करने वाले महज चार दिन की सुनवाई में फांसी की सजा सुना दी। जिले के मुसहरी टोला भैंसदीरा निवासी संजय ऋषि ने साढ़े तीन वर्ष की बच्ची के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी थी।
रीवा में दस दिन में अपहरण के दोषी को हुई सजा
रीवा की फास्ट ट्रैक अदालत ने शनिवार को 10 दिन के अंदर नाबालिग के अपहरण के आरोपी को पांच वर्ष की सजा सुनाई और पांच हजार का अर्थदंड लगाया। 20 जनवरी को मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट भेजा गया। दो फरवरी को अदालत ने सजा सुना दी।
छेड़छाड़ के आरोपी को महज दस में सजा का ऐलान
बीना जिला अदालत ने 30 जनवरी को छेड़छाड़ के एक मामले को 10 दिन में निपटाते हुए दोषी को एक साल के सश्रम कारावास व 500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में 21 जनवरी को चालान पेश हुआ और 30 जनवरी को न्यायालय ने फैसला सुना दिया।
बच्ची से रेप के आरोपी को दो सप्ताह में मिली सजा
खंडवा जिले में विशेष अदालत ने डेढ़ वर्ष की बालिका से रेप के अपराध में 28 जनवरी को जितेंद्र नाम के युवक को 14 वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले में 18 जनवरी को अभियोग पेश हुआ था।
होशियार में कोर्ट ने दस दिन में किया सजा का ऐलान
होशियार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेएस भिंडर ने भी 10 जनवरी को ऐतिहासिक फैसले में महज आठ दिन में आरोपी को दोषी करार देकर दस साल की सजा सुना दी और 90 हजार का अर्थदंड लगाया। यह मामला दो जनवरी को कोर्ट में आया।
ग्यारह दिन में रेपिस्ट को मिली सजा
एक फरवरी को हरिद्वार की एक स्थानीय अदालत ने रेप मामले में आरोप तय होने के 11वें दिन दुष्कर्मी को दस वर्ष की सश्रम कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।