तंबाकू से होगा घातक रेबीज का इलाज

आमतौर पर तंबाकू को जानलेवा समझा जाता है, लेकिन एक ताजा शोध के मुताबिक तंबाकू के पौधे में अनुवांशिक रूप से बदलाव कर रेबीज जैसी घातक बीमारी का सस्ता इलाज मुहैया कराया जा सकता है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है।

लंदन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तंबाकू के जीन में परिवर्तन से एक ऐसा एंटीबॉडी विकसित किया है, जो रेबीज के वायरस को जानवर के काटने के स्थान से लेकर मस्तिष्क तक जाने से रोकता है। ‘द एफएएसईबी’ जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट जार्ज यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में हॉटंग मॉलीक्यूलर इम्यूनोलॉजी यूनिट में कार्यरत, अनुसंधानकर्ता और अध्ययन के सहलेखक लियोनार्ड बॉथ ने बताया कि जानवर के काटने से होने वाली घातक बीमारी रेबीज से विकासशील देशों में प्रतिवर्ष हजारों लोगों की मौत होती है। बॉथ ने बताया, रेबीज का इलाज नहीं हुआ, तो उसका संक्रमण लगभग 100 फीसदी घातक होता है और इससे आमतौर पर मौत हो जाती है। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा, जीन परिवर्तित पौधों से एक सस्ते एंटीबॉडी का उत्पादन संभव है जिससे विकासशील देशों में निम्न आय वाले लोगों का भी उपचार किया जा सकेगा। ‘द एफएएसईबी’ जर्नल के प्रधान संपादक, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर और यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी स्टडी सेंटर के निदेशक जेराल्ड बीजमैन ने कहा कि हालांकि समय से पता चलने पर रेबीज का इलाज संभव है। फिर भी यह बीमारी अपने आप में खतरनाक है। खासतौर से विकासशील देशों के लोगों के लिए क्योंकि एंटीबॉडी की ऊंची निर्माण लागत के कारण इसका इलाज कम ही हो पाता है।

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