अधिकारी कार्यालय में अपना अस्तित्व बनाएं – वालिम्बे

छतरपुर । स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना में 75 फीसदी लक्ष्य प्राप्त न करने वाले सहायक विकास विस्तार अधिकारियों की वेतन जारी कर देने पर बारीगढ़ एवं लवकुशनगर के जनपद सीईओ को फटकार लगाते हुए जिला पंचायत सीईओ श्रीमती भावना वालिम्बे ने कहा कि अधिकारी अपने कार्यालय में अपना अस्तित्व साबित करें। यदि किसी कार्यालय के कर्मचारियों में काम न करने के कारण कोई भय नहीं है और वे अनुशासन में नहीं हैं तो इसका आशय यही है कि उस कार्यालय के अधिकारी का कार्यालय में अपना कोई अस्तित्व नहीं है। उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत सीईओ द्वारा ऐसे सभी सहायक विकास विस्तार अधिकारियों के वेतन आहरण पर जनवरी माह से रोक लगाई गई थी जिन्होंने योजना में 75 फीसदी से कम लक्ष्य की प्राप्ति की है। जिला पंचायत सीईओ श्रीमती भावना वालिम्बे ने सभी जनपद सीईओ से कहा कि वे उनके कार्यालय में लंबित सभी विभागीय जांचों का 15 मार्च तक अंतिम रुप से निराकरण कर देंं। वर्षों से लंबित शिकायतों की जांच पूरी न हो पाना उनकी कार्यशैली में लापरवाही का द्योतक है। पंचायत सचिव, सबइंजीनियर अथवा अन्य अधीनस्थ कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं तो उनके खिलाफ प्रमाणिक तथ्यों सहित जानकारी जिला पंचायत को उपलब्ध कराई जाए। नौगांव, राजनगर तथा बड़ामलहरा के जनपद सीईओ ने उपयंत्रियों द्वारा समय पर कार्य नहीं करने की शिकायत की थी। अधिकांश कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के साथ-साथ सेवा समाप्ति तक का अधिकार जिला के पास है। उन्होंने कहा कि काम में सुधार न लाने वाले कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं। जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले के सभी जनपद पंचायतों के सीईओ एवं मनरेगा सहायक यंत्रियों व कर्मचारियों को सख्त हिदायत देते हुए श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि पंचायतें पहले तो कामों की बार-बार मांग करती हैं और एक बार काम स्वीकृत कर दिए जाने के बाद उन्हें वर्षों तक प्रारंभ ही नहीं कराती हैं। ऐसी पंचायतों को भविष्य में नए काम स्वीकृत नहीं किए जाएं। बीआरजीएफ योजनांतर्गत स्वीकृत कामों को वर्षों बाद भी प्रारंभ न कराने वाले ग्राम पंचायतों बिजासिन, बलरामपुर बारीगढ़, दरगुवां, जैतूपुरा, बम्हौरी, घोघरा, देवपुर बकस्वाहा, विश्वां, सिमरिया, अमरवा, सतपारा बड़ामलहरा आदि को उन्होंने सख्त चेतावनी जारी की। इसी तरह पंच परमेश्वर योजना में स्वीकृत सीमेंटेड सड़कों के पूरा न किए जाने पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया। जिले में 19 हजार से अधिक अधूरे निर्माण कार्यों पर असंतोष व्यक्त करते हुए श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि जनपद के अधिकारी, कर्मचारी इन कामों को पूरा कराने के लिए क्या रणनीति बना रहे हैं? उन्होंने सहायक यंत्रियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सिर्फ कह देने से निर्माण कार्य पूरे नहीं होंगे इन्हें पूरा कराने के लिए एक रणनीति बनानी होगी और उसकी हर 15 दिन में समीक्षा की जानी चाहिए। जिला पंचायत सीईओ श्रीमती भावना वालिम्बे ने ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की विस्तार से चर्चा की और कहा कि वित्तीय वर्ष पूरा होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं इसलिए जिले को प्राप्त लक्ष्य को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन, समग्र स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे सर्वे, इंदिरा आवास योजना आदि पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

छतरपुर को मिले नगर निगम का दर्जा

छतरपुर। तकरीबन ढाई लाख आबादी वाले छतरपुर शहर को नगर निगम का दर्जा दिलाने का पीस पार्टी कृत संकल्पित है। पीस पार्टी पदाधिकारी जिला मुख्यालय सहित कस्बाई इलाकों में हस्ताक्षर अभियान चलाकर छतरपुर को नगर निगम की सौगात देने शासन को मांग पत्र भेजेगी। पीस पार्टी ने इस दिशा में भावी रूपरेखा तैयार की है, जिसे सत्ता और संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के साथ-साथ विपक्षी दल और अन्य राजनैतिक दलों के भी सहयोग से पूरा किया जायेगा। पीस पार्टी जिलाध्यक्ष मो. अजीज खान ने बताया कि महाराजा छत्रसाल की वीर भूमि छतरपुर को यूनिवर्सिटी की सौगात लगभग मिल चुकी है बस इसकी औपचारिकतायें ही शेष हैं मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच के माध्यम से छतरपुर को यूनिवर्सिटी को सौगात देने की प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं। छतरपुर में यूनिवर्सिटी खुलने के बाद अब जिले को नगर निगम बनाने की मांग जोर पकडऩे लगी है, और पीस पार्टी इस दिशा में प्रभावी कदम उठाकर जन सहयोग के माध्यम से अपनी बात शासन स्तर पर एक मसौदे के माध्यम से भेजेगी। पीस पार्टी जिला उपाध्यक्ष मो. कदीर ने जानकारी देते हुये बताया कि शहर की आबादी में जिस तरह दिनों दिन इजाफा हो रहा है उससे संसाधनों को जुटाने में नगर पालिका को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में जरूरत है कि छतरपुर को नगर निगम का दर्जा हासिल हो। पीस पार्टी जिला उपाध्यक्ष मो. कदीर ने उपाय सुझाते हुये कहा कि यदि जिला मुख्यालय से सटे ग्राम बगौता, हमा, सौंरा, गौरगांय, चंद्रपुरा, मौराहा, गुरैया, ललौनी, देरी, पलौठा, नारायणपुरा, पुरवा, गठेवरा, को छतरपुर से जोड़ दिया जाये तो निश्चित तौर पर जिले को नगर निगम की सौगात मिल सकती है। छतरपुर को रेल्वे स्टेशन की सुविधा मिलना अभी शेष है और इस पर काम चल रहा है ऐसे में महाराजा छत्रसाल की वीर भूमि को नगर निगम का दर्जा मिले इसके लिये पीस पार्टी के साथ साथ सभी दलों को नगर निगम रूपी यज्ञ में अपने सहयोग की आहूती डालनी होगी। पीस पार्टी जिला महासचिव प्रवीण द्विवेदी ने बताया कि जिस तरह छतरपुर का खाका तैयार हो रहा है उससे शहर को नगर निगम का दर्जा दिलाने के प्रयास होने चाहिए, और इस कार्य में सभी को सहयोग करना चाहिए।

– संतोष गैंगेले

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