वीरभद्र सरकार ने दिया रामदेव को झटका, रद की लीज

national-himachal-government-cancels-land-lease-of-ramdevs-trust 2013-2-20

शिमला। हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने बाबा रामदेव को बड़ा झटका देते हुए उनके ट्रस्ट पतंजलि योगपीठ को आवंटित 29 एकड़ भूमि का पट्टा रद कर दिया। राजनीतिक हलकों में वीरभद्र सरकार के इस कदम को बदले की कार्रवाई के रूप में माना जा रहा है। केंद्र सरकार को कालाधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार घेरने वाले रामदेव कांग्रेस के निशाने पर बने हुए हैं। रामदेव व उनके सहयोगियों के खिलाफ कांग्रेसशासित राज्य उत्तराखंड में भी कई मामले दर्ज हैं। वहीं, कांग्रेस ने अपने इस कदम को न्यायसम्मत बताया है।

उल्लेखनीय है कि सोलन जिले के साधु पुल के पास प्रेम कुमार धूमल सरकार ने पतंजलि योगपीठ को 2010 में एक रुपये सालाना की लीज पर 99 साल के लिए यह जमीन आवंटित की थी। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इस मसले पर मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में चर्चा हुई और पट्टा रद करने का निर्णय लिया गया। बाजार भाव के मुताबिक, इस जमीन की कीमत करीब 30 से 35 करोड़ रुपये के आसपास है। यह जमीन शिमला से 50 किलोमीटर दूर कांडाघाट के पास स्थित है, जिसे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के परिवार ने 1956 में बच्चों के लिए इंदिरा हॉलीडे होम बनाने के लिए दान में दी थी। पूर्व भाजपा सरकार पर अधिकारों के अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए अमरिंदर सिंह और कांग्रेस यह आवंटन रद करने की मांग कर रहे थे। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को प्रेमकुमार धूमल सरकार के फैसले को अनधिकृत और गैरकानूनी बताते हुए पलट दिया।

गौरतलब है कि इस जमीन पर बाबा रामदेव 27 फरवरी को पतंजलि योगपीठ की परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करने वाले थे। राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा, भाजपा सरकार का यह फैसला पूरी तरह गैरकानूनी व अनधिकृत था। प्रारंभिक जांच में पाया गया था कि यह जमीन व्यावसायिक मकसद के लिए नहीं आवंटित की जा सकती। दूसरे, यह जमीन आचार्य बालकृष्ण के नाम आवंटित थी, जिनकी नागरिकता को लेकर सीबीआइ जांच कर रही है। भारतीय स्वाभिमान ट्रस्ट के राज्य प्रभारी लक्ष्मीदत्त शर्मा ने कहा कि उन्हें इस फैसले के बारे में जानकारी नहीं है।

error: Content is protected !!