स्वाइन फ्लू मामले में राजस्थान देश में पहले नंबर पर

swain flu 2013-2-20जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। स्वाइन फ्लू से मौतों के मामले में राजस्थान देश में पहले नंबर पर पहुंच गया है। इस साल एक जनवरी से 10 फरवरी तक देशभर में 145 मौतें हुई हैं, जिनमें 72 अकेले राजस्थान से है। गुजरात में 16, हरियाणा में 24, छत्तीसगढ़ में 2, महाराष्ट्र में 7, पंजाब में 20 लोगों की मौत हुई है। इस अवधि में सर्वाधिक 370 से ज्यादा पॉजिटिव भी राजस्थान से ही सामने आए है।

इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वाइप फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इससे सम्बन्धित सभी जांचे नि:शुल्क करने की घोषणा की है। इसके साथ ही सभी चिकित्सकों को पूरे समय अस्पताल में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित करने पर भी विचार कर रही है।

सरक ारी अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों में मीजल्स टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 1 करोड़ 16 लाख बच्चों का टीकाकरण और स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग भी की जा रही है,घर-घर सर्वे का काम भी चल रहा है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू के प्रकोप को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भेजी गई केन्द्रीय टीम बिगड़े हालात का जायजा लेने के लिए आज जयपुर पहुंच गई। टीम प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेगी।

टीम के सदस्यों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ भी बैठक की। पांच सदस्यीय केन्द्रीय टीम में सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली के सलाहकार डॉ. पीके वर्मा, राममनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. भवानी सिंह, एनसीडीसी दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक डॉ. अनिल कुमार, माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ. आरपी तिवाड़ी और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के एक सदस्य शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में स्वाइन फ्लू का प्रकोप के कारण एक अप्रैल 2012 से आज तक 151 लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं। राजस्थान में स्वाइन फ्लू का सबसे अधिक प्रकोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर जिले में रहा। जोधपुर जिले में एक जनवरी 2012 से लेकर अब तक करीब 65 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव रोगियों की मौत हो चुकी है। जयपुर जिले में एक अप्रैल 2012 से लेकर अब तक 124 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव रोगी पाए गए हैं, जिनमें से 20 रोगियों की मृत्यु हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्यभर में एक अप्रैल से आज तक करीब 710 मरीज एच-1 एन-1 पॉजिटिव पाए गए जिनमें से 127 रोगियों की मृत्यु हो गई। प्रदेशभर में स्वाइन फ्लू से सबसे अधिक मौत जोधपुर जिले में हुई है। यहां पर एक जनवरी 2012 से 31 दिसम्बर 2012 तक 39 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव रोगियों की मौत हो चुकी है। जोधपुर में एक जनवरी 2013 से लेकर अब तक करीब 27 मरीज इस गंभीर बीमारी के चलते मौत का शिकार हो चुके हैं।

डॉ. आर.पी. सैनी ने बताया कि 2011 की बजाय 2012 में स्वाइन फ्लू रोग की मृत्यु दर में काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू रोग की दवा टेम फ्लू कम असर कारक साबित हो रही है। स्वाइन फ्लू का वायरस पहले जहां शरीर के दो या तीन हिस्सों को प्रभावित करता था वहीं अब एच-1 एन-1 वायरस शरीर के अधिकांश हिस्सों को प्रभावित कर रहा है। स्वाइन फ्लू के रोगी के फेफड़ों में पानी भर जाने से उसे वेंटीलेटर पर लिया जाता है और ऐसे केस में नाममात्र रोगियों का ही जीवन बच पाता है। स्वाइन फ्लू से बढ़ रही मौतों के बाद हरकत में आई राज्य सरकार ने अब घर-घर सर्वे का काम शुरू किया है। चिकित्सा विभाग की टीम पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर सर्वे कर रही है।

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