अन्ना हजारे एक बार फिर आमरण अनशन पर बैठे

समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। जंतर-मंतर पर लोगों के नहीं पहुंचने से बेपरवाह अन्ना ने कहा कि जब तक प्राण हैं तब तक लोकपाल के लिए लड़ता रहूंगा।

हजारे ने कहा कि जनलोकपाल विधेयक लाए जाने के बाद ही सरकार से कोई बात होगी। इससे पहले उन्होंने शनिवार को साफ कर दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और न कोई राजनीतिक दल बनाएंगे। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित नहीं है।

मंच से मीडिया को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर सरकार ने उन्हें बार-बार धोखा दिया है। इसलिए उन्हें अनशन करने पर मजबूर होना पड़ता है। पहले ड्राफ्टिंग कमेटी ने, दूसरी बार स्टेंडिंग कमेटी ने और तीसरी बार संसद ने धोखा दिया।

राजनीतिक विकल्प देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जब तक अच्छे लोग संसद में नहीं आएंगे तब तक देश को मजबूत लोकपाल नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि एक वोट के लिए मतदाता को 15 हजार से 30 हजार रुपए तक दिए जाते हैं। जब वह जीत कर आते हैं तो वे अकूत धन जमा कर लेते हैं और उसे विदेशी बैंकों में जमा करवा देते हैं। अब जनता को जगाने का समय आ गया है।

अनशन स्थल पर समर्थकों की कम संख्या के बारे में पूछने पर अन्ना ने पत्रकारों से कहा, ‘जिस रंग का चश्मा होता है, उसी रंग का जग दिखता है। देश के 400 जिलों में यह आंदोलन चल रहा है। फिर भी लोग कहते हैं कि आपके आंदोलन को जनसमर्थन मिलना कम हो गया है।’

चुनावी रैलियों में बड़े-बड़े मैदान खाली रह जाते हैं तो क्या होता है। सिर्फ भीड़ से काम नहीं होगा। कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। तभी लोकपाल आएगा। अगर इस अनशन में जिंदा बच गया तो देश भर की यात्रा करूंगा, अच्छे लोगों की खोज करूंगा। इन लोगों के नाम इंटरनेट पर डाल कर लोगों से राय ली जाएगी और फिर उन्हें चुनाव में उतारा जाएगा।

 

error: Content is protected !!