यूपी पुलिस ने लावारिस शव को नदी में फेंका

उत्तरप्रदेश पुलिस का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आ गया। 10 दिनों के भीतर दूसरी बार पुलिस ने लावारिस लाश को नदी में फेंकवाया है। रविवार रात आठ बजे लावारिस शव लेकर आए सिपाहियों ने एक रिक्शा चालक के हाथों अमहट पुल के ऊपर से लाश को फेंकवा दिया।

इस मामले से हड़बड़ाए अधिकारी पल्ला झाड़ने में लगे हैं। हालांकि शाम को इस मामले की जानकारी होते ही संतकबीनरगर के एसपी आरपी चतुर्वेदी ने दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वालों में कोतवाली में तैनात कांस्टेबल संदीप सिंह और देवेंद्र पांडेय शामिल हैं।

संतकबीरनगर के कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के तितौआ नाले से 40 वर्षीय व्यक्ति की लाश रविवार को मिली। शिनाख्त न होने पर पुलिस ने उसे लावारिस मानकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। संतकबीरनगर में पोस्टमार्टम हाउस न होने की वजह से वहां के शवों का पोस्टमार्टम यहीं पर होता है। कोतवाली खलीलाबाद के दो कांस्टेबल शव लेकर स्थानीय पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।

शाम करीब पांच बजे पोस्टमार्टम के बाद दोबारा लाश उनके हवाले कर दिया गया। नियमत: दोनों सिपाहियों को शव का अंतिम संस्कार कराना था। मगर उन लोगों ने उसी रिक्शेवान से लाश को फेंकवा दिया, जो अस्पताल की मर्चरी से उसे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाता है।

पुलिस कर्मियों की हरकतों पर नजर गड़ाए सूत्रों के मुताबिक सिपाहियों ने शव को ठिकाने लगाने के लिए करीब ढाई घंटे तक अंधेरा होने का इंतजार किया। इस बीच उन्हें शक हो गया कि कोई उन पर नजर रख रहा है तो काफी देर तक वे टालमटोल करके समय बीताते रहे।

जब उन्हें लगा कि अब कोई नहीं देख रहा तो लावारिस लाश को ठिकाने लगवा दिया। अभी 10 दिन पहले एक लावारिस लाश घसीटकर नदी में फेंकने का मामला सामने आया था। इस मामले में लालगंज थाने के दो सिपाहियों की जांच भी चल रही है। रविवार को फिर यह कृत्य दोहराया गया।

डीआईजी विजय प्रताप सिंह ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जबकि एसपी एमडी कर्णधार ने संतकबीरनगर का मामला बताते हुए इससे पल्ला झाड़ लिया। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेशों को ठुकराने के अलावा अमानवीय कृत्य पर लोग पर लोग हतप्रभ हैं।

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