लोकसभा में कल पेश हो सकता है एंटी रेप बिल

government-intoduced-anti-rape-bill-in-loksabha-tomorrowनई दिल्ली। एंटी रेप बिल पर सोमवार को बुलाई गई बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी। इसके चलते बैठक को खत्म कर देना पड़ा। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे यह बैठक दोबारा शुरू हुई, लेकिन सरकार को इस पर एक राय बनाने में कोई सफलता नहीं मिली। ज्यादातर पार्टियां सहमति से सेक्स करने के लिए उम्र घटाने के मुद्दे पर सरकार से जुदा दिखाई दीं। वहीं इस कानून के दुरुपयोग को रोकने पर भी एकराय नहीं बन सकी।

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा है कि बैठक में कई मुद्दों पर सहमति हो गई है लेकिन कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए विभिन्न दलों ने जो सुझाव रखे उस पर सहमति नहीं बन सकी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पर कोई एकराय बन जाएगी। इस बीच माना जा रहा है कि सरकार इस बिल को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर सकती है।

आज हुई इस बैठक में बीजेडी, डीएमके, टीडीपी और आरजेडी के प्रतिनिधियों ने भाग नहीं लिया था। बसपा प्रमुख मायावती समेत, डीएमके ने साफ कर दिया है कि वह सहमति से सेक्स करने पर आयु सीमा घटाने पर सहमत नहीं होगी। पार्टियों की राय में इस कानून के सामने आ जाने के बाद फर्जी मामलों की बाढ़ आ जाने का भी खतरा है। संशोधित विधेयक के कुछ प्रावधानों पर विपक्ष के साथ ही संप्रग के सहयोगी दल भी एतराज जता चुके हैं।

केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा पीछा करने और यौन संबंध बनाने की उम्रसीमा घटाने के प्रस्तावों पर खुलकर विरोध में उतर आई है, जबकि भाजपा इस विधेयक को पारित कराने को तैयार है, लेकिन उसे भी उम्रसीमा घटाने पर एतराज है। विधेयक को समर्थन करने वाली बसपा के वरिष्ठ नेता सर्वदलीय बैठक के लिहाज से प्रस्तावों का नए सिरे से अध्ययन कर रहे हैं। भाकपा ने सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र घटाने का विरोध करते हुए कहा है कि इससे बाल विवाह को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रस्ताव बच्चों की तस्करी का रास्ता भी खोल देगा।

लड़कियों के लिए शादी की वैध उम्र 18 वर्ष तय की गई है। ऐसे में सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष करना खुद ही विरोधाभासी है। पार्टी ने कहा है कि ऐसे में यथास्थिति बनाए रखना ही ठीक होगा।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि इससे भ्रूण हत्या की दर बढ़ जाएगी। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में रमन सिंह ने कहा कि जब तक स्कूलों में यौन शिक्षा को अच्छी तरह से शामिल नहीं कर लिया जाता, ऐसा कोई भी कदम नुकसानदायक साबित होगा। बिना पूरी जानकारी के सहमति से बनाए गए यौन संबंधों से अनचाहा गर्भधारण, भ्रूण हत्या और एक-दूसरे से फैलने वाली बीमारियों में बढ़ोतरी होने की पूरी आशंका होगी। गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को अपराध कानून (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी थी।

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