तो इसलिए संजय दत्त ने रखा था ये खतरनाक हथियार

sanjay dutt dljkfनई दिल्ली। एक बार फिर सलाखों के पीछे जाने को मजबूर संजय दत्त को हथियारों का शौक ले डूबा। उनकी मानें तो उन्होंने अपने घर हथियार इसलिए रखे थे, क्योंकि 1992 में अयोध्या ढांचे के ध्वंस के बाद उनके पिता सुनील दत्त को धमकियां मिल रही थीं। ये धमकियां इसलिए मिल रही थीं, क्योंकि वह मुंबई में भड़के दंगों के पीड़ितों की मदद कर रहे थे। एक बार भीड़ ने उनकी कार पर हमला भी किया। कहते हैं कि संजय दत्त और सुनील दत्त ने पुलिस सुरक्षा की मांग की, लेकिन उन्हें सुरक्षा देने से इन्कार कर दिया गया। बकौल संजय दत्त उन्होंने जब अपनी परेशानी सनम फिल्म के निर्माता हनीफ और समीर हिंगोरा से बयान की तो उन्होंने उन्हें हथियार देने की बात कही। जनवरी 1993 में संजय दत्त को एक एके-56 राइफल और एक पिस्टल दे दी गई। 12 मार्च 1993 को मुंबई में भीषण बम धमाके किए गए। इन सिलसिलेवार धमाकों में 257 लोगों की जान गई और सात सौ से ज्यादा घायल हो गए। इन धमाकों के अपराधियों की तलाश के सिलसिले में पुलिस हनीफ और समीर तक पहुंची। जब संजय दत्त मारीशस में फिल्म आतिश की शूटिंग कर रहे थे तो उन्हें पता चला कि पुलिस ने हनीफ और समीर से पूछताछ की है। घबराए संजय दत्त ने अपने दोस्त यूसुफ नलवाला को फोन कर कहा कि वह उनके घर जाकर राइफल और पिस्टल ले आए और उन्हें नष्ट कर दे। दोस्त ने ऐसा ही किया, लेकिन तब तक संजय का नाम पुलिस की निगाह में आ चुका था। वह जैसे ही लौटे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उस समय प्रभावी टाडा एक्ट के तहत उनकी गिरफ्तारी हुई। उन्हें 5 मई, 1993 को जमानत मिली, लेकिन सुनील दत्त राजनीतिक रूप से कमजोर पड़ गए। जल्द ही उनकी जमानत खारिज कर दी गई और उन्हें फिर से जेल जाना पड़ा। जमानत पाने की आस में उन्होंने वकील के कहने पर नवंबर 1994 में अपना वह कबूलनामा वापस ले लिया जिसमें उन्होंने हथियार रखने की बात कही थी, लेकिन 14 महीने जेल में गुजारने के बाद भी उन्हें जमानत नहीं मिली। असहाय सुनील दत्त बाल ठाकरे की शरण में गए। उस समय शिवसेना सत्ता में थी। 16 महीने जेल में गुजारने के बाद उन्हें 17 अक्टूबर 1995 को जमानत मिली।

28 नवंबर, 2006 को उन्हें टाडा के आरोपों से तो बरी कर दिया गया, लेकिन आ‌र्म्स एक्ट का दोषी पाया और 31 जुलाई 2007 को छह साल की सजा सुनाई गई। उन्हें कुछ समय के लिए फिर जेल जाना पड़ा, क्योंकि अच्छे चाल-चलन के आधार पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई।

संजय दत्त: एक नजर में

-संजय दत्त (53) का जन्म 29 जुलाई, 1959 को हुआ।

-बालीवुड के सफल स्टार सुनील दत्त और नरगिस के पुत्र। दो बहनें प्रिया और नम्रता दत्त हैं।

-इनकी शिक्षा चंडीगढ़ के निकट सनावर के लारेंस स्कूल में हुई।

-1987 में अभिनेत्री ऋचा शर्मा के साथ परिणय सूत्र में बंधे, पुत्री त्रिशाला का जन्म हुआ।

-ऋचा की मस्तिष्क ट्यूमर से मृत्यु हो जाने के बाद संजय दत्त ने दूसरी शादी मॉडल रिया पिल्लई से की, आपसी मतभेदों के चलते दोनों ने 2005 में तलाक ले लिया।

-2008 में निजी समारोह में तीसरी बार अभिनेत्री मान्यता के साथ परिणय सूत्र में बंधे।

फिल्मी करियर:

-1972 में बतौर बाल कलाकार फिल्म रेशमा और शेरा से अभिनय की शुरुआत की।

-1981 में फिल्म रॉकी से मुख्य अभिनेता के रूप में शुरुआत की, जिसने रातों-रात स्टार बनाने में अहम भूमिका निभाई।

-1990 के दौरान रिलीज हुई सड़क, साजन और खलनायक में बेहतरीन अभिनय के चलते कई अवार्ड मिले।

-1999 में रिलीज हुई फिल्म ‘वास्तव’ में गैंगस्टर की दमदार भूमिका के लिए पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला।

-2003 में रिलीज हुई ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ फिल्म ने संजय दत्त की फिल्म करियर में सफलता के नए कीर्तमान हासिल करने के साथ एक सकारात्मक छवि कायम करने में भी सहायक हुई।

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