उत्तराखंड की हर गली में खुलेगा मयखाना

uttarakhand-to-reshape-its-policy-on-winesदेहरादून । पहली अपै्रल को जब आप सुबह सवेरे उठें और अपने घर के सामने नुक्कड़ वाले रेस्टोरेंट पर बियर एंड वाइन बार का बोर्ड आपको दिखाई दे तो चौंकिएगा नहीं। यह भी मत समझिए कि आपको अपै्रल फूल बनाया जा रहा है। दरअसल, राज्य सरकार की पहली अपै्रल से वजूद में आने वाली नई आबकारी नीति में यह व्यवस्था कर दी गई है कि छोटे-छोटे रेस्टोरेंट भी बियर एंड वाइन बार चला सकते हैं। मतलब, वह दिन दूर नहीं जब राज्य की गली-गली में इस तरह के बार नजर आने लगेंगे। आबकारी उत्तराखंड के लिए राजस्व का एक मुख्य स्त्रोत है। इसमें साल-दर साल कितनी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राज्य बनने से लेकर अब तक इससे हासिल होने वाले राजस्व में पांच गुना से ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

वर्ष 2001-02 में उत्तराखंड को आबकारी राजस्व से 231.69 करोड़ रुपये मिले, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष, यानी 2012-13 में फरवरी महीने तक ही आबकारी राजस्व का आंकड़ा 1058.77 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी राजस्व का लक्ष्य 1150 करोड़ रुपये रखा गया है।

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