नई दिल्ली। माहौल में सनसनी पैदा करने वाले नेताओं के बोल नहीं थम रहे। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में एक-एक मंत्री अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं, कई नेता-मंत्री सार्वजनिक खेद भी व्यक्त कर चुके हैं। लेकिन जुबान फिसलने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। एक ही दिन में उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों की जुबान फिसली है।
उत्तर प्रदेश के कपड़ा मंत्री शिव कुमार बेरिया ने एटा में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उनके क्षेत्र में अधिकारी और पुलिसकर्मी उनकी इच्छा के बगैर कुर्सी पर नहीं रह सकते। अगर वे आदेश को अनसुना करने की हिमाकत करते हैं तो 24 घंटे में उनका तबादला हो जाता है। हमारी बात न सुनने वालों को एक भी सेकेंड के लिए कुर्सी पर बैठने का हक नहीं है।
यही वजह है कि वह (बेरिया) क्षेत्र से पांचवीं बार विधायक बने हैं। जबकि राज्य के दुग्ध विकास राज्य मंत्री राममूर्ति वर्मा ने फतेहपुर में कहा कि छिटपुट घटनाएं होती रहेंगी, उन्हें कोई नहीं रोक सकता। उन पर खास ध्यान देने की जरूरत भी नहीं हैं। उनका आशय इन दिनों यकायक बढ़ गईं आपराधिक वारदातों और छेड़छाड़ की घटनाओं से था।
इसी प्रकार से उत्तर प्रदेश के मथुरा में पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह तब उबल पड़े जब उनसे एक पत्रकार ने प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था पर सवाल किया। मंत्री ने कहा, कानून व्यवस्था की स्थिति में खराबी नहीं है बल्कि खराबी तुम्हारे दिमाग में है।
महिला तिरछी नजर से देखेगी तो छेड़ी जाएगी
मध्य प्रदेश के भिंड में हुई एक कांग्रेस रैली में प्रदेश के पूर्व मंत्री सत्यदेव कटारे ने महिलाओं पर हो रहे अपराध पर अजीबो-गरीब तर्क पेश किए। उन्होंने कहा, जब तक महिला तिरछी नजर से नहीं देखेगी, तब तक पुरुष उसे नहीं छेड़ेगा। आगे कहा, दुराचार के लिए छोटी स्कर्ट जिम्मेदार होती है और अगर चाउमीन पर रोक लगा दी जाए तो काफी संख्या में अपराध रोके जा सकते हैं।
राहुल की मालिश में ही लीन रहते हैं कांग्रेसी
भोपाल । शिवराज सरकार के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कांग्रेसी अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चंपी-मालिश में व्यस्त रहते हैं। पार्टी में नीतियों का अनुसरणकर्ता कोई नहीं है। उन्हें विकास या देश के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है।
केंद्र के पायजामे में नाड़ा डाल अपना कहती है मप्र सरकार
इंदौर। दिग्विजय सिंह शिवराज सरकार पर जमकर बरसे। इस सिलसिले में उन्होंने यह तक कह डाला कि केंद्र सरकार पायजामा सिलवाती है और राज्य सरकार उसमें नाड़ा डालकर अपना हक जताती है। दिग्विजय ने कहा कि मुख्यमंत्री एक रुपये किलो गेहूं और दो रुपये किलो चावल देने की बात कर रहे हैं। उसमें केंद्र गेहूं पर 18 रुपये किलो और चावल पर 22 रुपये किलो का अनुदान दे रहा है।