युवती को थप्पड़ व वृद्धा की पिटाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

supreme-court-take-suo-moto-action-against-girl-and-old-lady-beaten-caseनई दिल्ली। गुड़िया [बदला हुआ नाम] रेप मामले में प्रदर्शन कर रही युवती को दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी द्वारा थप्पड़ मारने और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक वृद्ध महिला को पुलिस द्वारा पीटे जाने की घटना पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर मामले में हफलनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

गांधीनगर में गुड़िया से गैंगरेप के बाद दिलशाद गार्डन के स्वामी दयानंद अस्पताल में प्रदर्शन के दौरान युवती बीनू रावत को एसीपी बीएस अहलावत द्वारा थप्पड़ मारने तथा अलीगढ़ में एक 65 वर्षीय को यूपी पुलिस द्वारा पीटे जाने की घटना पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर एवं यूपी के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने निहत्थे महिलाओं की पिटाई पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सभ्य समाज में ऐसी कार्रवाई कैसे की जा सकती है।

थप्पड़ मारने वाले एसीपी के खिलाफ केस दर्ज

बच्ची से गैंगरेप के बाद अस्पताल में प्रदर्शन के दौरान युवती को थप्पड़ मारने के मामले में निलंबित एसीपी बीएस अहलावत के खिलाफ जीटीबी एन्क्लेव थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अहलावत की तैनाती उत्तर-पूर्वी जिला के खजूरीखास थाने में थी। बीनू के भाई नरेंद्र रावत के मुताबिक मंगलवार को मामला दर्ज कर देर रात साढ़े 11 बजे एसआइ आशीश धाम ने उनके घर जाकर एफआइआर की प्रति सौंप दी। इस मामले में कई अधिकारियों से पुष्टि के लिए बात करने की कोशिश की गई किंतु किसी ने पुष्टि नहीं की। आला अधिकारी पुष्टि करने से बचते रहे। थप्पड़ मारने की घटना वाले दिन 19 अप्रैल को ही एसीपी को पुलिस कमिश्नर ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद जांच शुरू कर दी गई थी। जांच में दोषी पाए जाने पर एसीपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी की जा रही है।

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