चीन ने की हद पार, हेलिकॉप्टर से भी की थी घुसपैठ

chinese-helicopter-infiltrated-in-ladakhनई दिल्ली। चीन की दादागिरी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। लद्दाख में 10 किलोमीटर तक घुसपैठ कर चुकी चीनी सेना की हिमाकत हद को पार कर गई है। अब एक और खुलासा हुआ है। चीन ने जमीनी सीमा के अलावा वायु सीमा का भी उल्लंघन किया है। सेना के सूत्रों की मानें तो 21 अप्रैल को चीन के हेलीकॉप्टर भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए थे। हेलीकॉप्टर कुछ देर हवा में रहा और उसने खाने के पैकेट, सिगरेट पैकेट और अपनी भाषा में लिखे नोट्स जमीन पर गिराए। लद्दाख में भारत की सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। भारत को एक बड़ा झटका देते हुए चीनी फौज से साफ कर दिया है कि वो दौलतबेग ओल्डी इलाके से वापस नहीं जाएंगे। अब वे इस इलाके को अपनी सरहद का हिस्सा बता रहे हैं।

तस्वीरों में देखें-: इंडो चाइना वार

भारत और चीन के बीच 1962 में हुई लड़ाई की 50वीं बरसी के कुछ महीनों बाद ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी दादागीरी ने उसके इरादों की बानगी दे दी है। दक्षिण चीन सागर से लेकर भारत से लगी सीमा तक हर जगह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का क्षेत्रीय दावों के लिए मोर्चेबंदी करना संबंध सुधार की कोशिशों के लिए बड़ा झटका है। साथ ही चीनी राष्ट्रपति के संबंध सुधार के नए पंचशील की बात करने के बाद इस घुसपैठ ने पुराने जख्मों की याद ताजा कर दी है।

जानकारों का मानना है कि चीनी सेना बीते कुछ समय से लगातार क्षेत्रीयता के दावों के लिए जोर आजमाइश का रवैया अपना रही है। रॉ के पूर्व अतिरिक्त सचिव और सुरक्षा विशेषज्ञ बी रामन के मुताबिक गत एक साल में चीनी सेना ने अपने क्षेत्रीय दावों को दिखाने के लिए दक्षिण चीन सागर के कई खाली पड़ी द्वीपों पर चौकियां भी बनाई हैं। हालांकि रामन के मुताबिक लद्दाख में फिलहाल चीन की कोशिश शांति को बिगाड़े बिना अपने क्षेत्रीय दावे पर जोर देने की दिख रही है। टेंट की इस चौकी को चीनी अगर स्थायी चौकी में बदलने की कोशिश करते हैं तो यह भारत के लिए गंभीर चिंता का सबब होगा।

महत्वपूर्ण है कि सीमा विवाद और क्षेत्रीय दावों को लेकर चीन के ताजा रवैये पर दक्षिण चीन सागर में वियतनाम और फिलीपींस समेत कई पड़ोसियों से उसका विवाद चल रहा है। वहीं जापान के साथ त्याओयू द्वीप को लेकर जारी विवाद में चीन ने कोई मोर्चेबंदी भले न की हो लेकिन आक्रामक तरीके से हवाई और नौसैनिक गश्त के सहारे पैंतरे दिखाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी है। भारत के साथ अपेक्षाकृत शांत सीमा के साथ ही चीन ने अरुणाचल पर अपने दावे को नहीं छोड़ा है। वहीं कुछ समय पहले तक कश्मीरियों को नत्थी वीजा जारी कर भारत को चिढ़ाता भी रहा है।

पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश कटोच का कहना है कि बीते तीन सालों में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अतिक्रमण की 600 से अधिक घटनाओं की बात रक्षा मंत्री भी मान चुके हैं। ऐसे में चीन की ताजा चाल की अनदेखी घातक होगी। कटोच कहते हैं कि भारत को 1967 में नाथुला और 1986 में समदोरांग चू में चीन के साथ हुए शक्ति प्रदर्शन के विकल्प से पीछे नहीं हटना चाहिए।

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