दिल्ली के दरोगा की चित्रकूट में हत्या

murder with gungनई दिल्ली। चित्रकूट दिल्ली से आठ लाख की चोरी कर भागे आरोपी को दबोचने आए दरोगा (एएसआइ) की गुरुवार देर रात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। साथी सिपाही और तीन अन्य लोग मूकदर्शक बने रहे। बदमाश दरोगा की नाइन एमएम पिस्टल की मैगजीन भी निकाल ले गए। बदमाशों के जाने के बाद दरोगा को जानकी कूंड अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

दिल्ली पुलिस की टीम वहां पर स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बगैर छापेमारी के लिए गई थी। यह दुस्साहसिक वारदात बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के बिलहरी गांव में रात करीब साढ़े नौ बजे अंजाम दी गई। बताते हैं कि दिल्ली के बेगमपुर रोहिणी सेक्टर 22 निवासी वेदप्रकाश का ड्राइवर प्रेमचंद्र यादव निवासी बिलहरी 13 मई को आठ लाख रुपये चुराकर भाग निकला था।

वेदप्रकाश ने प्रेमचंद्र के खिलाफ दिल्ली में मामला दर्ज कराया था। इसकी तफ्तीश दरोगा जय भगवान शर्मा कर रहे थे। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दरोगा शर्मा सिपाही गौरी शेखर, मुकेश कुमार, श्यामलाल और बिलहरी गांव का रमेश गुरुवार देर रात निजी वाहन से गांव पहुंचे।

बताते हैं कि गांव में घुसते ही हथियारबंद एक दर्जन बदमाशों ने इनकी गाड़ी घेर ली। सभी को नीचे उतारा और वर्दी पहने दरोगा जय भगवान को पकड़कर किनारे ले गए। वहां उनकी पिस्टल से मैगजीन निकाल ली और गोली मार दी। गोली लगते ही जय भगवान जमीन में गिर पड़े। गोली मारने के बाद बदमाश रात के अंधेरे में गुम हो गए।

दिल्ली पुलिस के दरोगा की हत्या की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। रात में ही एसपी केबी सिंह, डीएसपी राजापुर सत्यवीर सिंह जानकीकुंड अस्पताल पहुंच गए। वहां दरोगा के साथ दिल्ली से आए बिलहरी गांव निवासी रमेश को पड़ताल के लिए हिरासत में ले लिया गया। रमेश पिछले पांच साल से दिल्ली में वेदप्रकाश के रिश्तेदारी में गाड़ी चलाता है। रमेश के गांव का होने के कारण ही चोरी के आरोपी प्रेमचंद्र को भी नौकरी मिली थी।

पता चला है कि दरोगा जयभगवान, सिपाही गौरीशेखर, वेदप्रकाश व उनका बेटा मुकेश और ड्राइवर रमेश 15 मई (बुधवार) को चित्रकूट आ गए थे। यहां से सभी सीधे सती अनुसुइया पहुंच गए। महंतों से परिचित होने की वजह से वहीं सारा दिन गुजारा। अगले दिन गुरुवार रात में बिलहरी गांव पहुंचे और जहां दरोगा की हत्या कर दी गई।

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